World Obesity Day (4 March 2025): मोटापा खुद ही है एक बीमारी, ये सरल योगासन करेंगे मोटापे से जीतने में मदद…

World Obesity Day (4 March 2025): मोटापा खुद ही है एक बीमारी, ये सरल योगासन करेंगे मोटापे से जीतने में मदद…

World Obesity Day (4 March 2025): चार मार्च को वर्ल्ड ओबेसिटी डे है और ये कहना बिल्कुल वाजिब है कि मोटापा बहुत तेजी से बढ़ती एक समस्या, एक बीमारी है जिसके दुष्प्रभावों के बारे में लोगों का अवेयर होना ज़रूरी है। दुनिया भर में मोटापे के शिकार लोगों का प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है और भारत में भी यही स्थिति है। जिसे समझते हुए अभी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मोटापे के खिलाफ देश में जागरुकता लाने के लिए स्टैप उठाया है और दस लोगों को नामित किया है जो मोटापे से बचने के लिए लोगों को जागरुक करेंगे। दरअसल मोटापा खुद तो एक समस्या है ही,अनेक दूसरी बीमारियों की जड़ भी है।मोटापे के शिकार लोगों के डायबिटीज़, हाइपरटेंशन, हार्ट डिसीज़, आर्थराइटिस, लिवर की समस्या से लेकर कैंसर तक अनेक बीमारियों की चपेट में आने की संभावना ज्यादा होती है। इसलिए मोटापे के खिलाफ जंग बहुत ज़रूरी है। वर्ल्ड ओबेसिटी डे के मौके पर आइए जानते हैं ऐसे कुछ खास और सरल योगासनों के बारे में जो मोटापे से जंग जीतने में आपकी मदद करेंगे और जिन्हें बिगनर्स भी कर सकते हैं।

ताड़ासन

ताड़ासन मोटापा कम करने के लिए एक बेहद सरल योगासन है। जिसे बच्चे भी कर सकते हैं। इसे करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं। दोनो पंजों को मिला लें या उनके बीच मामूली दूरी रखें। अब हाथों को सिर के उपर उठाएं। उंगलियों को आपस में फंसा कर रखें। अपने पंजों के बल पर खड़े हो जाएं और पूरे शरीर को ऊपर की ओर तानें। इस स्थिति में रीढ़ की हड्डी में खिंचाव महसूस करें। कुछ देर बाद शुरुआती मुद्रा में वापस लौट आएं।

ताड़ासन के लाभ

ताड़ासन करने से ओबेसिटी कम होती है। यह फिज़िकल और मेंटल बैलेंस को बेहतर करता है। पाचन को बेहतर करता है। कब्ज से राहत देता है। शरीर का पोस्चर बेहतर करता है। ताड़ासन करने से बच्चों को हाइट बढ़ाने में भी मदद मिलती है। हाइपरटेंशन से पीड़ित लोगों के लिए भी ताड़ासन बेहद फायदेमंद है।

नौकासन

मोटापा कम करने के लिए नौकासन भी एक सरल आसन है जिसे बिगिनर्स भी कर सकते हैं। इसे करने के लिए पीठ के बल सीधे लेट जाएं। पैरों को एक साथ रखें और हाथों को शरीर के बगल में रखें। अब सांस लें। इसके बाद सांस छोड़ते हुऐ धीरे-धीरे चेस्ट और पैरों को ज़मीन से ऊपर उठाएं। इससे आपका शरीर ‘वी ‘ की मुद्रा में आ जाएगा। कुछ सेकंड इस मुद्रा में रहे फिर धीरे-धीरे वापस आ जाएं।

नौकासन के लाभ

नौकासन करने से पेट की चर्बी कम होती है। यह तनाव को भी कम करता है। नौकासन करने से रीढ़ की हड्डी का लचीलापन बढ़ता है। यह ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है और शुगर लेवल को मेंटेन करने में भी मदद करता है।

पवनमुक्सासन

पवनमुक्तासन करने से शरीर में जमी वायु बाहर निकलती है। इसलिए इसे यह नाम दिया गया है। पवनमुक्तासन करने के लिए जमीन पर सीधे लेट जाएं। पैर साथ-साथ हों। और हाथ शरीर की बगल में सटे हों। एक गहरी सांस लें। अब सांस छोड़ते हुए अपने घुटनों को अपने चेस्ट के करीब आएं। ऐसा करते हुए आप अपने हाथों की मदद लें और उनसे घुटनों को पकड़ कर रखें। पवनमुक्तासन करते समय छाती पर हल्का सा दबाव महसूस होगा। कुछ देर रुकें और सांस छोड़ते हुए सामान्य स्थिति में वापस आ जाएं।

पवनमुक्तासन के लाभ

पवनमुक्तासन करने से जांघों, पेट और कूल्हों की चर्बी कम होती है। साथ ही इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। पवनमुक्तासन पेट की मांसपेशियों को मजबूती देता है। साथ ही इसे करने से आंतों समेत शरीर के अंदरूनी अंगों की मसाज होती है जिससे गैस रिलीज होती है और डाइजेशन बेहतर होता है। पवनमुक्तासन करने से कब्ज से राहत मिलती है।

पश्चिमोत्तानासन

पश्चिमोत्तानासन भी बिगिनर्स के लिए एक आसान आसन है। इसे करने के लिए सबसे पहले सुखासन में बैठें। अपने दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा रखें। अब गहरी सांसें लें और छोड़ें। सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। अपने दोनों हाथों से दोनों पैरों के अंगूठे पकड़ें। साथ ही अपने माथे से घुटनों को छूने की कोशिश करें। कुछ देर इस मुद्रा में रहें। फिर धीरे से सांस लें। हाथों को ऊपर उठाएं और वापस पहले वाली मुद्रा में आ जाएं।

पश्चिमोत्तानासन के लाभ

पश्चिमोत्तानासन करने से भी गैस की समस्या दूर होती है। ओबेसिटी कम करने में यह आसान विशेष कर मददगार है। यह मासिक धर्म से जुड़ी अनेक समस्याओं को दूर करता है। यह पीठ के दर्द, साइटिका और अस्थमा से राहत देता है और पेट की अनेक समस्याओं को दूर करता है।

धनुरासन

पीठ और पेट की मांसपेशियों को मजबूती देने वाला धनुरासन भी मोटापे को कम करने में मददगार है। इसे करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं। अपनी चिन यानी ठोड़ी को ज़मीन से सटाएं। पैरों को घुटनों से मोड़ें और दोनों हाथों से पैरों के टखने पकड़ें। सांस भरें। हाथ सीधे हों। अब सिर, कंधे और छाती को ज़मीन से ऊपर उठाने का प्रयास करें। गहरी श्वास लेते हुए यथासंभव कुछ देर इस अवस्था में रहें। फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे पहले की मुद्रा में लौट आएं।

धनुरासन के लाभ

धनुरासन करने से जांघों, छाती, गर्दन और कंधों की ताकत बढ़ती है। यह पीठ और पेट की मांसपेशियों का मजबूती देता है। थकान को दूर करता है। बैली फैट को कम करता है। धनुरासन करने से लिवर और पेनक्रियाज की मालिश होती है जिससे डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। धनुरासन पीठ के दर्द को भी कम करता है।

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