Menopause And Bone Loss: मीनोपॉज के बाद महिलाओं की हड्डियां कमजोर क्यों हो जाती हैं? बचाव के लिए क्या करें, यहां जाने…

Menopause And Bone Loss: मीनोपाॅज हर महिला की जिंदगी का एक निश्चित पड़ाव है। जहां उसके पीरियड आना स्थाई रूप से बंद हो जाते हैं। एक उम्र के बाद ऐसा होना तय जरूर है लेकिन इसका बहुत ज्यादा असर महिलाओं पर पड़ता है। मीनोपाॅज के बाद महिलाओं को बहुत सी दिक्कतें फेस करनी पड़ती है जैसे थकान- कमजोरी, चिड़चिड़ापन, हॉट फ्लैशेज़ और हड्डियों का कमजोर और भुरभुरा होना। बाकी समस्याएं एक से दो साल के बीच में धीरे-धीरे खुद ही खत्म हो जाती हैं लेकिन हड्डियां खोखली होने की समस्या बढ़ती ही जाती है और चूंकि हमारा पूरा शरीर हड्डियों के ढांचे पर निर्भर है इसलिए आगे बहुत ही ज्यादा दिक्कत होती हैं और ज़रा सा गिरने पर फ्रैक्चर का खतरा रहता है। मीनोपाॅज से गुजर रही महिलाएं अपनी हड्डियों का ध्यान किस तरह रखें, इस आर्टिकल में इस पर बात करते हैं।
मीनोपॉज के बाद हड्डियां कमजोर क्यों होती हैं?
यंग एज में हमारे शरीर में हड्डियों के निर्माण और नष्ट होने की क्रिया चलती रहती है लेकिन इस दौरान हड्डियों के बनने की दर ज्यादा होती है बजाय नाश के। बढ़ती उम्र में और खासकर मीनोपाॅज के बाद हड्डियां कमजोर इसलिए होने लगती हैं क्योंकि महिलाओं के शरीर का एक बेहद जरूरी हार्मोन एस्ट्रोजन कम होने लगता है।
लगातार काम होता एस्ट्रोजन हड्डियों को कमजोर करता है। इस उम्र में हड्डियों के नष्ट होने की दर उनके निर्माण की दर से ज्यादा हो जाती है। इसलिए हड्डियां दिन पर दिन कमजोर होती जाती हैं।
बोन्स हेल्थ बेहतर रखने के लिए रजोनिवृत्त महिलाएं क्या करें
मीनोपॉज के बाद भी हड्डियां लंबी उम्र तक मजबूत बनी रहें, इसके लिए महिलाओं को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। आइए जानते हैं कि वे इसके लिए क्या कर सकती हैं।
1. खानपान पर ध्यान
महिलाओं का अपने खान-पान पर ध्यान बहुत कम होता है। वे सब के पोषण का ध्यान रखती हैं लेकिन खुद को नेगलेक्ट करती जाती हैं। मीनोपॉज के बाद शरीर में फैट भी चढ़ने लगता है। उससे डर कर महिलाएं खाना खाना और भी कम कर देती हैं। इससे न्यूट्रिशन का अभाव हो जाता है। इसलिए बजाय खाना कम करने के, ऐसे भोजन पर फोकस करें जिससे शरीर को जरूरी विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स मिलें। हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए तीन चीजों की बहुत ज्यादा जरूरत है। ये हैं कैल्शियम, मैग्नीशियम और विटामिन डी।
- कैल्शियम के लिए दूध, दही, छाछ, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां, सोया, नट्स और सीड्स आदि लें।
- मैग्नीशियम के लिए चिया सीड्स, फ्लेक्स सीड्स यानी अलसी, साबुत अनाज, केला आदि लें।
- विटामिन डी के लिए रोजाना 20 से 25 मिनट सूरज की रोशनी में जरूर बैठे।
2. एस्ट्रोजन बढ़ाएं
अपनी डाइट में ऐसी चीज़ें बढ़ाएं जिससे एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल बढ़ सके। ऐसी चीज़ों में फ्लेक्स सीड्स, चिया सीड्स, साबुत अनाज, सोया उत्पाद, बादाम-अखरोट जैसे ड्राईफ्रूट्स, तिल आदि शामिल करें।
3. एक्सरसाइज करें
आपको नियमित रूप से 30 से 40 मिनट एक्सरसाइज़ करनी चाहिए। इस दौरान आप हैवी एक्सरसाइज करने से बचें। उसके बजाय वॉकिंग, डांसिंग, स्विमिंग, जॉगिंग, योग जैसी एक्टिविटी करें। इससे हड्डियां तो मजबूत होंगी ही, आपके शरीर में हैप्पी हार्मोन बनेंगे जिससे आपका तनाव कम होगा और हड्डियों में कैल्शियम का डिपाॅज़िशन बेहतर होगा।
4. क्या न करें
यह बहुत जरूरी है कि इस दौर में आप स्मोकिंग, ड्रिंकिंग को पूरी तरह अवॉइड करें। सिगरेट और शराब पीने से हड्डियां और जल्दी भंगुर हो जाती है। साथ ही कैफीन का सेवन भी न्यूनतम कर दें। सावधानी पूर्वक चलें जिससे गिरने के चांसेस कम हों, खासकर पानी वाली सतहों पर जैसे बाथरूम।
5. हार्मोन रिप्लेसमेंट थैरेपी भी कर सकती है मदद
अगर आपकी हड्डियां बहुत ज्यादा कमजोर हो गई हैं, आप ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित हैं तो आप हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी की मदद भी ले सकती हैं। इसके लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।