Waqf Amendment Bill Update: वक्फ अमेंडमेंट बिल 2025 राज्यसभा से पास, समर्थन में पड़े 128 तो विरोध में में इतने वोट, जानें क्या होगा इसका असर

Waqf Amendment Bill Update: गुरुवार को राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 बहुमत के साथ पास हो गया। इस से पहले लोकसभा में भी यह विधेयक मंजूरी पा चुका था। राज्यसभा में 12 घंटे की लंबी बहस के बाद देर रात 2 बजे वोटिंग हुई, जिसमें 128 सांसदों ने समर्थन और 95 ने विरोध में वोट डाला। विधेयक पास होने के बाद सत्ता पक्ष ने “जय श्रीराम” के नारे लगाए, जबकि विपक्ष ने इसे कोर्ट में चुनौती देने की बात कही। आइए जानते हैं इस विधेयक की पूरी कहानी।
राज्यसभा में 12 घंटे की बहस और वोटिंग
राज्यसभा में वक्फ विधेयक पर बहस दोपहर 1 बजे शुरू हुई और रात 1 बजे तक चली। इसके बाद 2 बजे वोटिंग हुई, जिसमें कुल 223 सांसदों ने हिस्सा लिया। सत्ता पक्ष को 128 वोट मिले, जबकि विपक्ष के खाते में 95 वोट आए। विधेयक पास होने की घोषणा सभापति जगदीप धनखड़ ने की। इस दौरान सदन में गृह मंत्री अमित शाह, नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी मौजूद थे।
“जय श्रीराम” के नारे और सियासी माहौल
रात ढाई बजे जब विधेयक पास हुआ, तो सत्ता पक्ष के सांसदों ने “जय श्रीराम” के नारे लगाकर जश्न मनाया। यह नजारा लोकसभा में भी देखने को मिला था, जहां बुधवार को 12 घंटे की बहस के बाद गुरुवार तड़के 1 बजे विधेयक पास हुआ था। लोकसभा में 288 सांसदों ने समर्थन और 232 ने विरोध में वोट डाला था। दोनों सदनों में बहस के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली।
किसने किया समर्थन, किसने विरोध?
राज्यसभा में भाजपा ने अपने सहयोगी दलों, निर्दलीय और मनोनीत सदस्यों के साथ 128 वोट जुटाए। विपक्षी INDIA गठबंधन के पास 85 वोट थे, जिसमें YSR कांग्रेस (7), BRS (4) और BSP (1) का साथ मिला। हालांकि, BJD (7) और AIADMK (4) के वोट बंट गए। कांग्रेस सांसद सैयद नासिर हुसैन और इमरान प्रतापगढ़ी ने विधेयक के खिलाफ जोरदार भाषण दिए।
अब राष्ट्रपति की मुहर का इंतजार
लोकसभा और राज्यसभा से पास होने के बाद अब यह विधेयक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास जाएगा। उनकी मंजूरी के बाद यह कानून बन जाएगा। केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू ने दोनों सदनों में विधेयक की जानकारी दी थी। लेकिन विपक्षी दलों, खासकर DMK ने इसे कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। सोनिया गांधी ने इसे “जबरन पास कराया गया” करार दिया।
विपक्ष का कोर्ट जाने का प्लान
INDIA गठबंधन के नेताओं का कहना है कि यह विधेयक अल्पसंख्यकों के हितों के खिलाफ है। DMK समेत कई पार्टियां इसे सुप्रीम कोर्ट में ले जाने की तैयारी कर रही हैं। सोनिया गांधी ने बहस से पहले संसदीय दल की बैठक में कहा था कि सरकार ने लोकसभा में इसे जबरदस्ती पास करवाया। अब सबकी नजर कोर्ट के फैसले पर टिकी है।