UN Israel Hamas War: अमेरिका ने गाजा में युद्धविराम प्रस्ताव को किया वीटो, इन देशों ने आलोचना

UN Israel Hamas War: अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में गाजा पट्टी में तत्काल युद्धविराम की मांग करने वाले एक प्रस्ताव को वीटो कर दिया। UNSC में यह प्रस्ताव मानवीय युद्धविराम के लिए अल्जीरिया द्वारा लाया गया था। 15 सदस्यीय UNSC में प्रस्ताव के पक्ष में 13 वोट पड़े, ब्रिटेन ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया और अमेरिका ने वीटो कर दिया। इस कदम के बाद अमेरिका के सहयोगी माने जाने वाले देश भी उसकी आलोचना कर रहे हैं।
अमेरिका ने क्यों किया वीटो?
UNSC में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा, “इस प्रस्ताव से अमेरिका, मिस्र, इजरायल और कतर के बीच फिलिस्तीनियों की सुरक्षा को लकर हो रही बातचीत खतरे में पड़ सकती है। तत्काल युद्धविराम से बंधकों की रिहाई खतरें में पड़ जाएगी। बंधकों को रिहा करने के लिए हमास के साथ समझौते की जरूरत है। बिना शर्त युद्धविराम की मांग करना स्थायी शांति नहीं लाएगा। ये जंग को बढ़ सकता है। इसलिए हम वीटो कर रहे हैं।”
अमेरिका के वीटो से सऊदी अरब, चीन भड़के
अमेरिका के वीटो पर सऊदी अरब और चीन ने नाराजगी जाहिर की है। सऊदी अरब ने कहा, “UNCS को वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए अपने अंदर कुछ सुधारों की जरूरत है। UNSC को बिना किसी ‘दोबरे मापदंड’ से अतंरराष्ट्रीय कानून लागू करने चाहिए।” UN में चीन के प्रतिनिधि झांग जून ने कहा, “चीन अमेरिकी वीटो पर गहरी निराशा और असंतोष व्यक्त करता है। इससे गलत संदेश जाएगा और गाजा में स्थिति खतरनाक होगी।”
इस बीच अब इजरायल राफा शहर पर जमीनी सैन्य कार्रवाई शुरू करने की योजना बना रहा है। यहां युद्धग्रस्त इलाकों से भागकर आए करीब 23 लाख शरणार्थी शरण लिए हुए हैं। UNSC में लाए गए अपने खुद के एक प्रस्ताव में अमेरिका ने ‘तत्काल युद्धविराम’ की जगह ‘अस्थायी युद्धविराम’ शब्द को चुना है। इसमें अमेरिका ने राफा में कार्रवाई को लेकर इजरायल को चेतावनी देते हुए कहा कि इसके भयानक परिणाम हो सकते हैं।
7 अक्टूबर से जारी इजरायल-हमास युद्ध में अब तक केवल गाजा में ही 28,775 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में 12,300 बच्चे हैं और कम से कम 7,000 लोग लापता हैं। इजरायल के 1,139 लोग मारे गए हैं। युद्ध को 137 दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक इसके रुकने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। हाल ही में हमास द्वारा पेश किए गए युद्धविराम प्रस्ताव को इजरायल ने मानने से इनकार कर दिया था।