त्रिवेंद्र रावत सरकार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से करेगी लाभान्वित, करीब आठ लाख किसान परिवारों को मिलेगा लाभ
देहरादून। लोकसभा चुनाव से पहले त्रिवेंद्र रावत सरकार किसानों, कारोबारियों समेत विभिन्न वर्गो को राहत देने में जुट गई है। लघु व सीमांत किसानों को एक लाख का ऋण बगैर ब्याज मुहैया कराने के बीते दिनों लिए गए फैसले के बाद बुधवार को किसानों को दोहरा लाभ देने का निर्णय लिया गया।
किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से लाभान्वित करने को बजट को मंजूरी दी गई। इससे राज्य में किसानों को दो हेक्टेयर क्षेत्रफल तक जोत वाले किसानों को इसी वित्तीय वर्ष दो-दो हजार रुपये की किश्त दी जाएगी। इस योजना से पर्वतीय क्षेत्रों के करीब आठ लाख किसान परिवार लाभान्वित होंगे। इस पर प्रति वर्ष करीब 450 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
गोल खाते सभी दावेदारों को लाभ
मंत्रिमंडल के इस फैसले से कृषि भूमि के गोल खाते (संयुक्त खाते) के अंतर्गत दर्ज अलग-अलग परिवारों यानी सभी दावेदारों को प्रति परिवार की दर से वर्ष में छह हजार रुपये मिलेगा। इसकी पहली किस्त के रूप में प्रति परिवार दो हजार रुपये दिए जाएंगे। उधर, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सम्मान निधि किसानों के खाते में डीबीटी के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी।
पर्वतीय क्षेत्रों में छोटे सीढ़ीनुमा खेत होने के कारण करीब आठ लाख किसान परिवार और करीब 40 लाख लोगों को फायदा होगा। योजना शत-प्रतिशत केंद्रपोषित है। जिलाधिकारियों को किसानों की सूची तैयार करने के निर्देश वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दिए जा चुके हैं। किसानों की सूचीबद्धता और सत्यापन कार्य प्रारंभ हो चुका है। इसके लिए जिलों में ग्राम पंचायतवार कार्मिकों की टीम बनाई गई हैं।
पूर्व सीएम से जुड़े कॉलेज को निजी विवि बनाने पर मुहर
मंत्रिमंडल ने देहरादून जिले में हिमालयीय आयुर्वेदिक योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान फतेहपुर-टांडा-जीवनवाला को हिमालयीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने संबंधी निजी विश्वविद्यालय विधेयक को मंजूरी दी गई। सूत्रों के मुताबिक उक्त संस्थान की ओर से 16 अप्रैल, 2015 को निजी विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव सरकार को सौंपा गया था। उक्त विश्वविद्यालय को पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक से जुड़ा बताया जा रहा है। सोसायटी रजिस्ट्रेशन की ऑनलाइन व्यवस्था के लिए नियमावली में संशोधन को हरी झंडी दिखाई गई है। संशोधन के बाद सोसाइटी को भूमि बेचने के लिए अदालत से अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है।
कैबिनेट के फैसले
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लिए बजट प्रावधान को हरी झंडी, तीन किश्त में मिलेंगे दो-दो हजार
- राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के तहत सहकारी विकास निगम को 100 करोड़ देने पर सहमति, राज्य सहकारी बैंक दे सकेंगे बैंक ऋण और अनुदान
- देहरादून में निजी क्षेत्र के हिमालयीय विश्वविद्यालय विधेयक को मंजूरी
- सोसायटी रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था अब होगी ऑनलाइन, इसके लिए सोसायटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम-1960 में संशोधन को स्वीकृति
- केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को दी राहत, सड़कों के निर्माण के लिए बिजली पोल या पेयजल लाइन आदि यूटिलिटी शिफ्टिंग पर लिए जाने वाले सुपरविजन चार्जेज को 15 फीसद से घटाकर किया 2.5 फीसद
- भारतीय भागीदारी अधिनियम में ऑनलाइन व्यवस्था को शामिल करते हुए संशोधन
- पिछड़ा वर्ग आयोग के 2017-18 के वार्षिक प्रतिवेदन को विधानसभा में पेश करने को मंजूरी
- उत्तराखंड जलविद्युत निगम के वर्ष 2016-17 के प्रतिवेदन पर मुहर
- उत्तराखंड मूल्यवर्धित कर (वैट) अधिनियम में लंबित वादों के निपटारे को और तीन माह सुनवाई का मौका
- जीएसटी की वार्षिक विवरणी दाखिल करने की समय सीमा छह माह यानी 30 जून, 2019 तक बढ़ाई
- माल और सेवा कर (जीएसटी) (कठिनाइयों का निवारण) आदेशों को राज्य विधानमंडल दल के समक्ष प्रस्तुत करने पर मुहर ।