कलेक्टर के न पहुंचने से सुप्रीम कोर्ट की हाई पावर कमेटी भड़की, मनाने के लिए कलेक्टर को जाना पड़ा गेस्ट हाउस

कलेक्टर के न पहुंचने से सुप्रीम कोर्ट की हाई पावर कमेटी भड़की, मनाने के लिए कलेक्टर को जाना पड़ा गेस्ट हाउस

कोरबा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बनी हाई पावर कमेटी बालकों के जमीन कब्जे की जांच करने आज कोरबा पहुंची थी। मगर कलेक्टर के न पहुंचने पर कमेटी के सदस्य मीटिंग हाल के गेट से ही वापस लौट गए। कलेक्टर की बजाए डीएफओ और एडिशनल कलेक्टर मीटिंग में हिस्सा लेने पहुंचे थे।

बालकों द्वारा 1700 एकड़ जमीन कब्जे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय सशक्त समिति बनाई है।

दोनों सदस्य जांच हेतु 26 दिसंबर को फ्लाइट से रायपुर पहुंचे। वहां से फिर कल दोनों रायपुर आए। यहां दोनों सदस्यों के द्वारा जिला प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों की मीटिंग ली जानी थी। इन्हें वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग का विभागीय अतिथि बनाया गया था। इसके अलावा रायपुर, बिलासपुर कोरबा जिले के कलेक्टर, एसपी को सुरक्षा और कानून व्यवस्था संबंधित अन्य अरेंजमेंट करने के निर्देश राज्य शासन से जारी हुए थे।

दोनों सदस्यों के रुकने की व्यवस्था एनटीपीसी गेस्ट हाउस में कोरबा की गई थी। यहां उन्हें एडिशनल कलेक्टर और जिले के डीएफओ ने उन्हें रिसीव किया।

मगर कलेक्टर के न पहुंचने पर कमेटी के सदस्य चंद्रप्रकाश गोयल नाराज हो गए। और उल्टे पांच गेस्ट हाउस लौट गए।

मामले की सूचना जैसे ही सीनियर अफसरों को मिली वे हरकत में आए और कलेक्टर अजीत बसंत को एनटीपीसी गेस्ट हाउस भेजा गया। कलेक्टर ने गेस्ट हाउस पहुंच कर सदस्यों को जिला प्रशासन के द्वारा की गई व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी। कलेक्टर से मिलने के बाद सदस्य चंद्रप्रकाश गोयल का गुस्सा शांत हुआ और एनटीपीसी गेस्ट हाउस में ही फिर उन्होंने दूसरे सदस्य सुनील लिमये के साथ मिलकर लगभग डेढ़ से दो घंटे तक मीटिंग में लिए जाने वाले सारे बिंदुओं पर चर्चा की और सभी आवश्यक जानकारियां ली। जिसके बाद देर रात दोनों अफसर कोरबा से वापस रवाना हो गए।

कलेक्टर ने कहा…

इस संबंध में कोरबा कलेक्टर अजीत बसंत ने एनपीजी न्यूज से कहा कि “वन विभाग का अतिथि होने के चलते सदस्यों को डीएफओ रिसीव करने पहुंचे थे। उन्हें केवल सुरक्षा और सुविधाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश उच्च कार्यालय से जिला प्रशासन को प्राप्त हुए थे। उसके अनुरूप इंतजाम किया गया था।

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