Telangana Tunnel Accident: फिर फंसे मजदूर…निर्माणाधीन SLBC टनल धंसा,CM हेमंत सोरेन ने की रेस्क्यू की अपील

Telangana Tunnel Accident: फिर फंसे मजदूर…निर्माणाधीन SLBC टनल धंसा,CM हेमंत सोरेन ने की रेस्क्यू की अपील

Telangana Tunnel Accident: तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में निर्माणाधीन SLBC टनल के धंसने से कई मजदूर फंसे हुए हैं. इस हादसे में झारखंड के गुमला जिले के 4 मजदूर भी फंसे हुए हैं. हादसे के बाद इन मजदूरों के परिजनों में चिंता का माहौल है. परिवार वाले अपने प्रियजनों की सलामती की दुआ कर रहे हैं.

तेलंगाना में हुए इस हादसे की सूचना मिलने पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तेलंगाना सरकार से संपर्क कर फंसे हुए मजदूरों को सुरक्षित निकालने की अपील की है. सीएम सोरेन ने जल्द से जल्द रेस्क्यू करने की बात कही है. बता दें कि मौजूदा समय में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, लेकिन अब तक मजदूरों को निकाला नहीं जा सका है. यह हादसा तेलंगाना में मजदूरों की सुरक्षा और उनके काम के हालातों पर सवाल खड़ा करता है.

SLBC टनल धंसने का कारण

तेलंगाना के नागरकुरनूल में SLBC (South Link of Bangalore-Chennai) टनल का निर्माण कार्य जारी था, जब अचानक टनल का एक हिस्सा धंस गया. इस हादसे के दौरान कई मजदूर अंदर फंसे हुए हैं. प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, टनल का धंसना किसी प्रकार के भूस्खलन या निर्माण सामग्री की कमजोरी के कारण हो सकता है, जिससे टनल का एक हिस्सा गिर गया और मजदूर अंदर फंस गए. हालांकि, इस घटना के सही कारणों की जांच जारी है और विशेषज्ञों द्वारा मामले की गहन जांच की जा रही है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया आग्रह

हादसे की जानकारी लगते ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने श्रमिकों की सुरक्षित रेस्क्यू हेतु आग्रह किया है. मुख्यमंत्री ने मरांग बुरु से हादसे में फंसे सभी श्रमिकों के सुरक्षित होने की कामना की है. राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष द्वारा तेलंगाना सरकार से संपर्क कर श्रमिकों की कुशलता को लेकर जानकारी प्राप्त की जा रही है.

सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी का बयान

सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने मामले को लेकर बयान सामने आया है. उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा, “SLBC सुरंग परियोजना एक बहुत पुरानी परियोजना है जो 20 साल पहले शुरू हुई थी…विभिन्न बाधाओं के कारण, परियोजना बहुत धीमी गति से चल रही है, लेकिन जब यह पूरी हो गई, तो इसे तेलंगाना के लिए एक वरदान माना गया…जब यह घटना हुई, तो मुझे बताया गया कि भूगर्भीय रेखा में दरार के कारण पानी अंदर आने लगा…लेकिन किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया…अमेरिकी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर ने मुझे बताया कि उन्हें लगा कि यह एक सामान्य घटना है और वे इसे आगे बढ़ा रहे हैं. फिर छोटी सी दरार बड़ी हो गई जब तक कि पानी और कीचड़ एक साथ बड़े पैमाने पर सुरंग में नहीं घुस गए…उस समय लगभग 70-80 लोग काम कर रहे थे…8 लोग सुरंग के अंदर फंस गए हैं। हमने भारतीय सेना और NDRF की सेवाओं का अनुरोध किया है। दोनों ही साइट पर पहुंच गए हैं, और मैं बचाव कार्यों की देखरेख करने के लिए सुबह-सुबह फिर से वहाँ पहुँचूँगा। हम 8 लोगों की जान बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं…”

झारखंड के मजदूरों के घर पहुंचा प्रशासन

सीएम हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद जिला प्रशासन गुमला मजदूरों के घर तक पहुंचा. इधर गुमला के करौंदी पंचायत के तिर्रा गांव के संतोष साहू के परिजनों को जबसे उसके टनल में फंसे होने की सूचना मिली है तब से पत्नी संतोषी देवी, बेटी रीमा व राधिका कुमारी और बेटे ऋषभ साहू का बुरा हाल है.

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