Stock Market Crash: निवेशकों के 7 लाख करोड़ रुपये डूबे! सेंसेक्स 940 अंक गिरा, निफ्टी 22300 के नीचे

Stock Market Crash: भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) में आज बड़ी गिरावट देखी गई है। सेंसेक्स 940 अंक टूटकर 73,670 के स्तर पर पहुंच गया है, जबकि निफ्टी 270 अंक गिरकर 22,774 पर कारोबार कर रहा है। निफ्टी बैंक में भी 500 से ज्यादा अंकों की गिरावट दर्ज की गई है। यह गिरावट ऐसे समय में आई है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मैक्सिको, कनाडा और चीन पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इसका असर वैश्विक बाजारों पर भी देखा जा रहा है।
बाजार में गिरावट के मुख्य कारण
अमेरिका का टैरिफ ऐलान: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 4 मार्च से मैक्सिको और कनाडा पर टैरिफ लगाने की घोषणा की है। साथ ही, चीन पर टैरिफ बढ़ाने का भी ऐलान किया है। इससे वैश्विक बाजारों में नकारात्मक प्रतिक्रिया हुई है।
ग्लोबल मार्केट में गिरावट: अमेरिकी शेयर बाजार में एनवीडिया के शेयरों में 8.5% की गिरावट ने नैस्डैक को नीचे ला दिया। इसका असर एशियाई बाजारों पर भी दिखा और भारतीय बाजार में भारी बिकवाली हुई।
भारी बिकवाली: भारतीय बाजार में महिंद्रा एंड महिंद्रा, इंडसइंड बैंक जैसे बड़े शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी बिकवाली का दबाव रहा।
शेयर बाजार का हाल
- सेंसेक्स: 940 अंक गिरकर 73,670 पर कारोबार कर रहा है।
- निफ्टी: 270 अंक टूटकर 22,774 पर पहुंच गया है।
- निफ्टी बैंक: 500 से ज्यादा अंक गिरकर 48,250 पर कारोबार कर रहा है।
- बीएसई मार्केट कैप: 6.72 लाख करोड़ रुपये घटकर 386.38 लाख करोड़ रुपये रह गया है।
टॉप 10 शेयर जो सबसे ज्यादा गिरे
- पतंजलि फूड: 10% गिरावट
- चंबल फर्टिलाइजर: 7% गिरावट
- IREDA: 7% गिरावट
- रेडिगटन: 6.8% गिरावट
- क्रेडिट एक्सेस: 6% गिरावट
- इंफोएज: 6% गिरावट
- टेक महिंद्रा: 5% गिरावट
- Hexacom: 5% गिरावट
- इंडसइंड बैंक: 4.50% गिरावट
- महिंद्रा एंड महिंद्रा: 5% गिरावट
निवेशकों को भारी नुकसान
सेंसेक्स में 900 अंक से ज्यादा की गिरावट के कारण निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है। बीएसई मार्केट कैप में 6.72 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है, जो कल के मुकाबले 393.10 लाख करोड़ रुपये से घटकर 386.38 लाख करोड़ रुपये रह गया है।
आगे क्या हो सकता है?
विश्लेषकों का मानना है कि अगर वैश्विक बाजारों में अस्थिरता जारी रहती है, तो भारतीय शेयर बाजार पर इसका दबाव बना रह सकता है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार में हो रहे उतार-चढ़ाव के बीच सतर्क रहें और लंबी अवधि के निवेश पर ध्यान दें।






