Shilpa-Raj Kundra in ED: शिल्पा और पति राज कुंद्रा ने खटखटाया हाई कोर्ट का दरवाजा, इस मामले में होगी सुनवाई…

Shilpa-Raj Kundra in ED: शिल्पा और पति राज कुंद्रा ने खटखटाया हाई कोर्ट का दरवाजा, इस मामले में होगी सुनवाई…

Shilpa-Raj Kundra in ED: मुंबई। बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी इन दिनों अपने काम से ज्यादा कानूनी विवादों में उलझी हुई नजर आ रही हैं। हाल ही में उनके खिलाफ बिहार के मुजफ्फरपुर में एक मामला दर्ज किया गया है, जिसमें शिल्पा समेत चार लोगों पर आरोप है कि उनके निजी इवेंट के चलते आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। अब, शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा को लेकर एक और बड़ा मामला सामने आया है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा ने प्रवर्तन निदेशालय ED द्वारा जारी किए गए नोटिस के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया है। ED ने उन्हें उनके आलीशान जुहू स्थित आवासीय परिसर और पावना झील के पास स्थित फार्म हाउस को खाली करने का निर्देश दिया था।

जानकारी के मुताबिक, शिल्पा और राज कुंद्रा ने प्रवर्तन निदेशालय के नोटिस को चुनौती देते हुए 27 सितंबर को बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील की है। उनकी याचिका में उन्होंने ED द्वारा जारी किए गए बेदखली नोटिस को “मनमाना, लापरवाह और कानूनविहीन” करार दिया है। उन्होंने अदालत से अपने और अपने परिवार के आश्रय की रक्षा के लिए हस्तक्षेप की मांग की है। 

क्या है पूरा माजरा:- ED ने शिल्पा और राज को पुणे के पवना बांध के पास स्थित उनके फार्म हाउस और मुंबई के जुहू इलाके में उनके आवासीय घर को खाली करने का निर्देश दिया है। यह निर्देश धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत दिल्ली की अथॉरिटी के आदेश के बाद जारी किया गया है। ED का कहना है कि यह संपत्ति धन शोधन से जुड़ी गतिविधियों से अर्जित की गई है, जिसके चलते इसे जब्त किया जा रहा है। बॉम्बे हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की डिवीजन ब्रांच ने 9 अक्टूबर को इस मामले में ED को नोटिस जारी किया है और 10 अक्टूबर को इस मामले पर सुनवाई की तारीख तय की है। कपल को 3 अक्टूबर को बेदखली का नोटिस मिला था, जिसमें उन्हें 10 दिनों के भीतर अपनी संपत्ति खाली करने का निर्देश दिया गया था। शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा ने अपने वकील प्रशांत पाटिल के माध्यम से यह याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने अपने अधिकारों और अपने परिवार की सुरक्षा की मांग की है। अब देखना होगा कि 10 अक्टूबर को बॉम्बे हाई कोर्ट इस मामले में क्या फैसला सुनाती है।

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