शंकराचार्य परिषद ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा- सस्ती लोकप्रियता और किसी विशेष वर्ग का वोट पाने के लिए इस तरह की घटिया हरकतें नहीं करनी चाहिए

शंकराचार्य परिषद ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा- सस्ती लोकप्रियता और किसी विशेष वर्ग का वोट पाने के लिए इस तरह की घटिया हरकतें नहीं करनी चाहिए

नई दिल्ली: सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरित मानस पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है, राजनीतिक दलों के अलावा साधु-संतों द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है। इसी कड़ी में शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप ने मौर्य के बयान की जमकर निंदा की है, उन्होंने मांग की है कि सपा नेता के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि मौर्य ने कुछ छंदों का इस्तेमाल कर सामाजिक भेदभाव को बढ़ावा दिया है। उन्होंने इसे सस्ती लोकप्रियता का हथकंडा बताते हुए कहा है कि स्वामी ने एक विशेष वर्ग के वोटों को हासिल करने के लिए यह टिप्पणी की है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर प्रदेश में एक प्रमुख ओबीसी नेता माने जाने वाले मौर्य ने रविवार को कहा था कि हिंदू धार्मिक पाठ रामचरितमानस के कुछ छंद जाति के आधार पर समाज के एक बड़े वर्ग का “अपमानित” करते हैं लिहाजा इस पर पर “प्रतिबंध” लगाया जाए।

इस बयान के बारे में पूछे जाने पर शंकराचार्य परिषद के प्रमुख आनंद स्वरूप ने सोमवार को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि किसी को भी सस्ती लोकप्रियता और किसी विशेष वर्ग का वोट पाने के लिए इस तरह की घटिया हरकतें नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई भी मुस्लिम मौलाना रामचरितमानस और गीता जैसे हिंदू धार्मिक ग्रंथों का विरोध नहीं करता है।”

उन्होंने कहा कि इस तरह के अनर्गल बयान 2024 में लोकसभा के आम चुनाव को ध्यान में रखते हुए दिए जा रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि योगी सरकार को उन्हें गंभीरता से लेना चाहिए और उन पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए। बकौल शंकराचार्य, देश की शांति भंग करने के लिए विदेशी ताकतों द्वारा कोशिशें की जा रही हैं। बताते चलें कि शंकराचार्य परिषद संतों की एक काउंसिल है।

Related articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share