‘सेफ्टी फर्स्ट’ को लेकर हनीवेल सेफ स्कूल्स रोड शो हरिद्वार में सम्पन्न, रोड शो में देहरादून, ऋषिकेश और हरिद्वार के 750 लोगों ने प्रतिभाग किया

‘सेफ्टी फर्स्ट’ को लेकर हनीवेल सेफ स्कूल्स रोड शो हरिद्वार में सम्पन्न, रोड शो में देहरादून, ऋषिकेश और हरिद्वार के 750 लोगों ने प्रतिभाग किया

देहरादून –देहरादून से शुरू हुआ रोड शो ऋषिकेश की ओर बढ़ा और हरिद्वार में सम्पन्न हुआ।

सुरक्षा के संदेश को प्रसारित करने के लिए सामुदायिक समूह चर्चा और क्विज़ जैसी इंटरएक्टिव गतिविधियों के साथ- साथ स्टैंडीज, पोस्टर, और एक लघु फिल्म जैसी विजुअल साधनों का उपयोग किया गया।

देहरादून / हरिद्वार, 15 मार्च 2019- सीड्स (सस्टेनेबल एनवायरनमेंट एंड इकोलॉजिकल डेवलपमेंट सोसाइटी) द्वारा हनीवेल इंडिया के सहयोग से आयोजित सेफ्टी फर्स्ट-हनीवेल सेफ स्कूल्स रोड शो आज ऋषिकेश बैराज, हरिद्वार में सम्पन्न हो गया। सेफ्टी फ़र्स्ट रोड शो ने देहरादून- हरिद्वार कॉरिडोरों की यात्रा की और समुदायों के बीच जागरूकता पैदा की। बच्चों की व्यापक सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए, पिछले एक महीने में, उत्तराखंड में दो जिलों की यात्रा कर यह 750 लोगों तक पहुँच गया।

हनीवेल सेफ स्कूल्स प्रोग्राम का उद्देश्य उत्तराखंड में आपदा से बचाव करने के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करना है। सबसे अधिक आबादी वाले जिलों में, देहरादून और हरिद्वार पहले से ही भूकंप, बाढ़ और महामारी जैसे प्राकृतिक खतरों का सामना करते रहे हैं। तेजी से औद्योगिकीकरण और अनियोजित विस्तार ने इस प्रवृत्ति को और बढ़ा दिया है।

देहरादून-हरिद्वार कॉरिडोर पर इस रोड शो का आयोजन इसलिए किया गया ताकि दोनों जिलों की आपदा की संभावना पर विचार किया जा सके। सेफ्टी फ़र्स्ट – हनीवेल सेफ स्कूल्स रोड शो देहरादून से शुरू हुआ जो मसूरी रोड, राजपुर रोड और आईएसबीटी रोड से होते हुए ऋषिकेश की ओर बढ़ा और हरिद्वार में हरि की पौड़ी, पृथ्वीराज चौहान चौक, रानीपुर चौक जैसे प्रमुख क्षेत्रों को कवर करते हुए हरिद्वार में ही संपन्न हुआ। इसका उद्देश्य बच्चों की सुरक्षा को लेकर महत्वपूर्ण जोखिमों को उजागर करना है, चाहे वे स्कूल में हों, घर से स्कूल जा रहे हों, घर से बाहर हों और यहां तक कि जब वे घर पर हों।

सुरक्षा के संदेश को प्रसारित करने के लिए सामुदायिक समूह चर्चा और क्विज़ जैसी इंटरएक्टिव गतिविधियों के साथ- साथ स्टैंडीज, पोस्टर, और एक लघु फिल्म जैसी विजुअल साधनों का उपयोग किया गया।

कार्यक्रम के तहत इस सोच को बढ़ावा दिया जा रहा है कि कोई भी स्कूल एक इमारत से कहीं अधिक होता है। यह बच्चों के लिए सीखने, खेलने, प्रेरित होने और सुरक्षित रहने के लिए एक जगह है। यह व्यक्तिगत स्तर पर और साथ ही सामाजिक स्तर भी बच्चों की ‘सुरक्षा’ करता है – जो सभी के लिए चिंता का विषय हैं।

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