यूपी के ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए समर्थ 2023 का आयोजन किया गया

यूपी के ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए समर्थ 2023 का आयोजन किया गया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की 50 हजार ग्राम पंचायतों में डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए समर्थ अभियान का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त भारत और महिला सशक्तिकरण के मिशन को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनेक कार्यक्रम शुरू किए। जीरो बैलेंस पर बैंक में जनधन खाते खोले गए। अकेले यूपी में डीबीटी से 3.50 लाख करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन होता है। यूपी में 56 हजार ग्राम पंचायतों में बीसी सखी चयन की प्रक्रिया शुरू हुई है। अब तक 5.57 करोड़ बार बैंक ट्रांजेक्शन किया गया है। लोगों को बैंक सुविधा देने में बीसी सखी की अहम भूमिका है। बीसी सखी मिनी बैंक के रूप में स्थापित हो गई हैं। ग्राम सचिवालय में बीसी सखी के बैठने की व्यवस्था होगी। कार्यक्रम का आयोजन लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान के जूपिटर हॉल में किया गया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यदि भ्रष्टाचार पर प्रहार करना है तो डिजिटल ट्रांजैक्शन की ओर जाना पड़ेगा। अब तक यूपी में 54 लाख प्रधानमंत्री आवास दिए गए हैं। कोई मिडिल मैन नहीं है। सीधे पैसा लाभार्थी के खाते में जा रहा है।

बहुत से ट्रांजेक्शन में बीसी सखी जुड़ सकती हैं। आंगनबाड़ी का पुष्टाहार महिला स्वयं सहायता समूह से किया जा रहा है। ग्राम पंचायत में ऐसा कार्यक्रम शुरू होना चाहिए। इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, साध्वी निरंजन ज्योति और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मौजूद रहे। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 29 राज्यों से बीसी सखी समर्थ में शामिल होने पहुंची हैं।

बैंकों को घर-घर ले जा रही हैं महिलाएं
केंद्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि 2014 के बाद से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर फोकस किया जा रहा है। घर के कामकाज में व्यस्त रहने वाली महिलाएं अब बीसी सखी के रूप में बैंक को घर घर ले जा रही है।

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मोदी के हाथ देश की बागडोर आने के बाद महिला सशक्तिकरण का स्वर्णिम युग आया है। यूपी के 76 लाख ग्रामीण परिवार महिला स्वयं सहायता समूह से जुड़े हैं। समूह की महिलाओं को लखपति बनाया जा रहा है। महिलाओं ने अपनी पहचान बनाई है। उनका सम्मान बढ़ा है। हर घर हर परिवार की महिलाओं को समूह से जोड़ रहे हैं। महिला सशक्तिकरण में यूपी नम्बर एक है। महिलाएं विश्वास का प्रतीक बन गई है। किसी बीसी सखी को कोई समस्या हो तो वह बता सकते है।

बीसी सखी ने साझा किए अपने अनुभव, बोलीं – 20 लाख रुपये मिला कमीशन
बिहार के भोजपुर जिले की बीसी सखी रूबी कुमारी ने अनुभव साझा करते हुए बताया कि 5000 जनधन खाते खोले हैं। अब तक 57 करोड़ का ट्रांजेक्शन किया है। 20 लाख कमीशन मिला है

सुल्तानपुर की प्रियंका मौर्य ने अनुभव साझा करते हुए कहा कि 37 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन किया गया है। जिससे आठ लाख रुपये कमीशन मिला है। गांव में बीसी सखी की आवश्यकता है। परिवार में भी सम्मान मिलता है। उन्होंने बैंक के स्तर से आ रही दिक्कतें भी बताई।

‘कभी सोचा नहीं जा सकता था कि बीसी सखी की आय एक लाख रुपये महीने हो सकती है’
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि कभी सोचा नही था कि बीसी सखी की आय एक लाख रुपये महीने भी हो सकती हैं, सालाना 20 लाख भी हो सकती है। पहले महिला स्वयं सहायता समूह से 2 करोड़ महिलाएं जुड़ी थी, अब दस करोड़ महिलाएं जुड़ गई हैं। एक प्रतिशत से अधिक जिस सखी का एनपीए होगा उन्हें स्पेशल पुरस्कार दिया जाएगा। बीसी सखी की सिविल रेटिंग होनी चाहिए। अधिक रेटिंग वाले समूह को  लोन में प्राथमिकता मिलनी चाहिए।

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