Rajnandgaon News: देशभर में 10 करोड़ की ठगी, एयरपोर्ट से ठग गिरफ्तार…

Rajnandgaon राजनांदगांव। सायबर ठगी के खिलाफ चलाए जा रहे मिशन साइबर सुरक्षा के तहत राजनांदगांव पुलिस ने इंटरनेशनल साइबर ठग को पुणे (महाराष्ट्र) से गिरफ्तार किया है। यह आरोपी कंबोडिया स्थित साइबर स्कैम सेंटर में बैठकर भारतीय नागरिकों को ठगने में शामिल था। गिरोह के सदस्यों ने देशभर में लगभग 10 करोड़ की सायबर ठगी की थी। गिरोह के सदस्य को बैंकॉक से वापस लौटते समय पुणे एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया है। मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है।
राजनांदगांव एसपी मोहित गर्ग ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि जिले के लखोली निवासी रूपेश साहू ने 23 जनवरी 2025 को कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका बैंक ऑफ बड़ौदा का खाता फ्रीज हो गया है। जांच में पता चला कि खाते में राजनांदगांव निवासी आशुतोष शर्मा द्वारा ठगी गई 90 हजार रुपये की रकम आई थी। पुलिस ने आशुतोष शर्मा को गिरफ्तार कर पूछताछ की, जिससे गुजरात, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के अन्य तीन आरोपियों के नाम सामने आए। इसके बाद पुलिस ने श्रेणिक कुमार सांघवी निवासी वलसाड, गुजरात, शुभम तिवारी निवासी डोंगरगढ़, राजनांदगांव और दीपक नरेडी निवासी बसंतपुर, राजनांदगांव और रोहित वीरवानी निवासी पुणे, महाराष्ट्र को पकड़ लिया।
इन आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 319, 317(4), 112, 61 और आईटी एक्ट की धारा 66(सी) के तहत मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेजा गया। इधर पुलिस मुख्य आरोपी अलकेश कुमार प्रेमजी भाई मांगे की तलाश कर रही थी। जांच के दौरान पता चला कि आरोपी बैंकॉक भाग निकला है। आरोपी बैंकॉक से पुणे आने वाला है। उसके यहां पहुंचते ही पुलिस की टीम ने पूणे एयरपोर्ट से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के पास से 2 मोबाइल, 2 एटीएम कार्ड और 8 सिम कार्ड बरामद किए गए। इस पूरे अभियान में साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक विनय पम्मार, आरक्षक जोगेश राठौर, जीवन ठाकुर और हरीश ठाकुर की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
कई प्लेटफॉर्म पर चल रही थी साइबर ठगी
गिरोह द्वारा शादी डाट काम, एडोनी वन ग्रुप, सिस्को, कास्टकॉप जैसी फर्जी निवेश कंपनियों के माध्यम से ऑनलाइन जॉब और टास्क के नाम पर ठगी की जा रही थी। इस गैंग ने पूरे भारत में करीब 10 करोड़ रुपये की ठगी की है। गिरोह के लोगों ने देश के अलग-अलग राज्यों के लोगों को निशाना बनाया है।
क्रिप्टोकरेंसी के जरिए विदेश भेजते थे रुपये
जांच में सामने आया कि गिरोह ठगी की रकम को क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर कंबोडिया स्थित साइबर ठगों को भेजता था। अब तक इस मामले में पांच आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि अन्य की तलाश जारी है। पुलिस गिरोह के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए आगे की कार्रवाई कर रही है। मामले में शामिल अन्य आरोपियों को जल्द पकड़ने की कोशिश में पुलिस जुटी हुई है।