NEET पेपर लीक मामला- कमेटी की महत्वपूर्ण सिफारिश, NTA का हो पुनर्गठन, सिर्फ प्रवेश परीक्षा की ही मिले जिम्मेदारी
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित राधाकृष्णन कमेटी ने एनटीए में जरुरी बदलाव और पेपर लीक जैसी घटनाएं दोबारा ना हो इसके लिए क्या प्रभावी कदम उठाए जा सके हैं, इस संबंध में अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी है। सिफारिशें लागू की गई तब एक बड़ा बदलाव देश के सामने आएगा। नीट की परीक्षा में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स के लिए डिजी एग्जाम सिस्टम लागू करने की बात कही है। यह वैसा ही होगा जैसे एयरपोर्ट में यात्रियों के लिए प्रयोग में लाए जाते हैं। कमेटी की यह सिफारिश बेहद गौर करने वाली है। कमेटी ने नीट परीक्षा के लिए सरकारी स्कूल व कालेजों को ही परीक्षा केंद्र बनाने पर जोर दिया है। कमेटी की सिफारिशों की पूरी फाइल केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है। राधाकृष्णन कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के संंबंध में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को भरोसा भी दिलाया है।
एक बड़े बदलाव की शुरुआत
एनटीए अब उच्च शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए परीक्षाओं का ही आयोजन करेगी। मसलन नीट, जेईई, सीयूईटी जैसी प्रवेश परीक्षाओं का ही आयोजन करेगी। नीट को छोड़ सभी टेस्ट कंप्यूटर आधरित होंगे।
इस फैसले में बाद नीट के लिए जारी होगा नोटिफिकेशन
नीट के एग्जाम पैटर्न को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय को जरुरी निर्णय करना है। मसलन पेन पेपर बेस्ड PPT में OMR शीट पर हो या कंप्यूटर बेस्ड CBT हो। एग्जाम पैटर्न को लेकर फैसले के बाद नीट 2025 के लिए अधिसूचना जारी की जाएगी।
कमेटी की सिफारिश पर करना है गौर
0 CUET में विषय विकल्प हो कम।
0 NTA में 10 वर्टिक Digital, infrastructyre, testing center infrastructure, research and development,transprency and communication, informention security, test security and real time monitering जैसे महत्वपूर्ण वर्टिकल।
8 नए डायरेक्टर व इतने ही ज्वाइन डायरेक्टर का पद किए जाएं सृजित।
0 गवर्निंग कमेटी का कार्यकाल हो तीन वर्ष का।
0 गर्वनिंग बाडी की हर तीन महीने में हो मीटिंग।
0 प्रत्येक जिले में एक सेंटर की स्थापना अनिवार्य रूप से किया जाए।
0 टेस्टिंग सेंटर सरकारी शैक्षणिक संस्थानों जैसे केंद्रीय विद्यालय, नवोदय, केंद्रीय और राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों को ही बनाए जाएं।
0 निजी संस्थान में सेंटर बनाने की स्थिति में पुलिस-प्रशासन से सत्यापन के बाद ही इसका निर्णय लिया जाना चाहिए।
0 मोबाइल टेस्टिंग सेंटर ऐसे बनाए जाएं कि 40- 50 सीटों वाली बस में 30 लैपटॉप के साथ सर्वर की व्यवस्था हो। ऐसी 5 बसों के बेड़े में 150 स्टूडेंट्स को सिंगल टेस्ट सेंटर या एक मोबाइल टेस्टिंग सेंटर की स्थापना की जा सकती है।
0 प्रत्येक पेपर का तीन सेट बनाया जाए। ए, बी, सी, डी जैसी कोडिंग की बजास स्पेशल कोडिंग दी जाए।
0 अलग-अलग सेटों में सवालों के साथ ही विकल्पों का क्रम भी बदले होने चाहिए।
0 पेपर ट्रांसपोर्टिंग के लिए इंडिया पोस्ट से हो एग्रीमेंट।
0 पेन-पेपर मोड और कंप्यूटर बेस्ट टेस्ट मोड के हाइब्रिड मोड सिस्टम अपनाई जाए।
0 शिकायतों के समाधान के लिए ग्रीवांस रिपोर्टिंग एंड रिड्रेसल सेल की हो स्थापना।
0 बड़ी परीक्षाओं का तनाव कम करने के लिए मेंटल हेल्थ सेल गठित की जाए।