भ्रष्टाचार के मामले में नान के सहायक प्रबंधक को भुगतनी होगी पांच साल की सजा, पटाना होगा 10 हजार रुपये जुर्माना

सरगुजा। आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में नागरिक आपूर्ति निगम के रिटायर्ड सहायक प्रबंधक रविंद्रनाथ सिंह को पांच साल की सजा भुगतनी पड़ेगी। इसके अलावा 10 हजार रुपये जुर्माना भी पटाना होगा। विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार अधिनियम ने यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अपने फैसले में इस तरह के प्रकरण को लेकर कड़ी टिप्पणी करते हुए भ्रष्टाचार को हतोत्साहित करने पर बल दिया है।
आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत पर एंटी करप्शन ब्यूरो ने सूरजपुर जिले में पदस्थापना के दौरान नागरिक आपूर्ति निगम के सहायक प्रबंधक रविंद्रनाथ सिंह के अंबिकापुर स्थित निवास पर छापामार कार्रवाई की थी। दस्तावेजों की जांच पड़ताल और निवास में की गई पड़ताल के दौरान सात लाख 16 हजार 80 रुपये नकद व जेवर के अलावा जमीनों के दस्तावेज मिले थे। रविंद्रनाथ के निवास से एक करोड़ 41 लाख 15 हजार 340 रुपये की संपत्ति एसीबी ने जब्त की थी। सहायक प्रबंधक के भतीजे व सीनियर असिस्टेंट सुधीर कुमार सिंह को एसीबी ने अपराधी बनाया था।
मामले की सुनवाई के दौरान एसीबी द्वारा पेश संपत्ति के ब्यौरे से यह साफ हुआ कि सहायक प्रबंधक की कुल आय 37 लाख 83 हजार थी। उस दौरान उन्होंने आय से अधिक संपत्ति अर्जित कर ली थी। जो एक करोड़ चार लाख 72 हजार 703 रुपये था। आय से अधिक संपत्ति के बारे में सहायक प्रबंधक ने जानकारी नहीं दी और ना ही उक्त संपत्ति के संबंध में हिसाब ही बताया। मामले की सुनवाई के बाद स्पेशल कोर्ट ने कहा कि
भ्रष्टाचार को हर हाल में हतोत्साहित करने की जरुरत है। इस मामले में आरोपी को अधिकतम दंड से दंडित करने की जरुरत है। इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने आरोपी रिटायर्ड सहायक प्रबंधक को पांच साल की सजा और 10 हजार रुपये के अर्थदंड दिया है। जुर्माने की राशि ना पटाने पर छह महीने की अतिरिक्त सजा भुगतने का निर्देश दिया है।