Nankiram Kanwar: पूर्व गृह मंत्री रहे कंवर ने कलेक्‍टर और एसपी के खिलाफ खोला मोर्चा, 10 हजार करोड़ का घोटला करने का लगाया आरोप

Nankiram Kanwar: पूर्व गृह मंत्री रहे कंवर ने कलेक्‍टर और एसपी के खिलाफ खोला मोर्चा, 10 हजार करोड़ का घोटला करने का लगाया आरोप

Nankiram Kanwar: बिलासपुर। सीजीपीएससी में फर्जीवाड़ा, अफसर व कांग्रेस नेताओं के रिश्तेदारों को रेवड़ी की तरह पीछे दरवाज से पद बांटे जाने का गंभीर आरोप लगाते हुए पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर इस पूरे की सीबीआई से जांच कराने और बैकडोर एंटी वाले अफसर व नेता पुत्रों की नियुक्ति को रद्द करने की मांग की थी। उनका यह मुद्दा देशव्यापी बना, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विधानसभा चुनाव के दौर में छत्तीसगढ़ बिलासपुर के साइंस कालेज मैदान में सरकार बनने पर सीजीपीएससी फर्जीवाड़े की सीबीआई से जांच कराने और दोषियों को जेल की सलाखों के पीछे भेजने का संकल्प लिया था।

वर्ष 2023 में छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बन गई। प्रधानमंत्री के संकल्प काे पूरा करने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने किया। सीजीपीएससी फर्जीवाड़े की सीबीआई से जांच का निर्णय लेते हुए जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया। राज्य सरकार की इस घोषणा और जांच का जिम्मा सौंपने के साथ ही पांच साल बाद छत्तीसगढ़ में सीबीआई की वापसी हुई। जैसे-जैसे जांच की दिशा आगे बढ़ती जा रही है, घोटालेबाज जेल की सीखचों के पीछे पहुंचते जा रहे हैं। सीजीपीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी,एक डिप्टी कलेक्टर सहित अधिकारियों की गिरफ्तारी हुई है। वर्ष 2022 में पूर्व गृहमंत्री ने जब छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में पीआईएल दायर कर नेता व अफसरों की बैकडोर एंट्री का आरोप लगाते हुए नामों की सूची डिवीजन बेंच के सामने पेश की थी तब प्रदेश की सियासत में एक तरह से बवाल ही मच गया था। देश की राजनीति में भी इसका तेज असर हुआ था। संगीन आरोप और आरोपों की पुष्टि के लिए दस्तावेजी सबूत पेश करने वाले ननकीराम कंवर तब प्रदेश की राजनीति में यकायक छा से गए थे। वैसे भी उनकी छवि तेज तर्रार आदिवासी नेता की तो रही ही है। एक साल पहले कांग्रेस सरकार के खिलाफ ताल ठाेंककर चर्चा में आए पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर की एक बार फिर चर्चा होने लगी है। इस बार उन्होंने अपनी ही सरकार को आइना दिखाने का काम किया है।

 डीएमएफ का जिन्न फिर निकल रहा बोतल से

डीएमएफ फंड में घोटाले की गूंज आज से ठीक चार साल पहले कोरबा से शुरू हुई थी। तब तत्कालीन राजस्व मंत्री व कांग्रेस के कद्दावर नेता जय सिंह अग्रवाल ने अपनी ही सरकर का पोल खोलने का काम किया था। डीएमएफ में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते हुए कोरबा की तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू पर जमकर वार किया था। तत्कालीन मंत्री अग्रवाल के सियासी हमले से रानू साहू नहीं उबर पाई। कोल स्कैम के साथ ही डीएमएफ की राशि में बड़े पैमाने पर गड़बडी के आरोप में कोरबा की पूर्व कलेक्टर रानू साहू जेल में है।

 डीएमएफ घोटाले पर अब बोले कंवर, काेरबा के एक और कलेक्टर पर साधा निशाना

माइंस एरिया होने के कारण कोरबा में डीएमएफ का सबसे ज्यादा फंड है। डीएमएफ के मामले में प्रदेश में काेरबा अमीर जिला है। डीएमएफ फंड में 10 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप इस बार पूर्व गृहमंत्री कंवर ने लगाया है। डीएमएफ घोटाले का जिन्न एक बार फिर भ्रष्टाचार के बोतल से बाहर आते दिखाई दे रहा है। कंवर ने अपने आरोप की पुष्टि में दस्तावेज भी पेश किया है। दस्तावेजों के साथ प्रधानमंत्री मोदी व गृह मंत्री अमित शाह को शिकायत भेजी है।

 रानू साहू बाद अब अजीत बसंत का नंबर

पूर्व गृहमंंत्री कंवर के निशाने पर इस बार कोरबा के एक पूर्व कलेक्टर और पूर्व एसपी हैं। पीएम और गृह मंत्री को लिखे पत्र में कंवर ने पूर्व के कलेक्टरों की भूमिका पर बड़ा सवाल उठाया है। कोरबा जिले के एक पूर्व कलेक्टर पर एक निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है। पीएम को लिखे पत्र में कंवर ने कोरबा कलेक्टर अजीत बसंत ने फ्लोरा मैक्स कंपनी को जमकर फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है। इस फर्जीवाड़े में एसपी की सहभागिता की भी बात कही है।

 सीबीआई को भी भेजी चिट्टी

सीबीआई को दस्तावेजों के साथ भेजी शिकायत में कहा है कि केंद्र सरकार बिहान योजना के तहत महिलाओं को लोन देती है। केंद्र की इस योजना में जमकर घोटाला किया है। घोटाले से 40 हजार से अधिक महिलाएं सिर्फ कोरबा में ही प्रभावित हुई हैं। इस योजना के तहत रायगढ़, जांजगीर-चांपा, बिलासपुर, महासमुंद, दंतेवाड़ा सहित अन्य जिलों की महिलाओं को भी टारगेट किया गया है।

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