MP Rewa Leopard Rescue: प्राइवेट स्कूल पंहुचा तेंदुआ, 7 घंटे बाद किया गया रेस्क्यू

MP Rewa Leopard Rescue: प्राइवेट स्कूल पंहुचा तेंदुआ, 7 घंटे बाद किया गया रेस्क्यू

MP Rewa Leopard Rescue: मध्यप्रदेश के रीवा जिले के गुलाब नगर स्थित एक प्राइवेट स्कूल में मंगलवार को एक अजीब और खतरनाक घटना घटित हुई, जब एक तेंदुआ स्कूल के अंदर घुस आया. यह घटना स्कूल में अफरा-तफरी का कारण बनी, हालांकि गनीमत रही कि इस दौरान कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ.

तेंदुआ स्कूल के क्लासरूम तक पहुंच गया, लेकिन समय रहते स्कूल स्टाफ और वन विभाग की टीम की सतर्कता से उसे सुरक्षित रेस्क्यू किया गया. पूरे ऑपरेशन में करीब सात घंटे की कड़ी मशक्कत लगी, और इस दौरान वन विभाग के एक कर्मचारी पर तेंदुए ने हमला भी किया, जिससे वह घायल हो गया. अंततः तेंदुए को बेहोश करके रेस्क्यू किया गया और उसे सुरक्षित गोविंदगढ़ के जंगल में छोड़ दिया गया.

टीचर की समझदारी से बची जानें

स्कूल के एक टीचर ने देखा कि तेंदुआ स्कूल के एक क्लासरूम में घुस चुका है. टीचर उस समय पर्दे के पीछे खड़ी थी, टीचर ने बिना किसी शोर या हलचल के तेंदुए का ध्यान भटकने का इंतजार किया. जैसे ही तेंदुआ दूसरी दिशा में मुड़ा, टीचर ने तुरंत वहां से भागकर स्कूल के अन्य स्टाफ को तेंदुए के बारे में सूचित किया. यह टीचर की सूझबूझ और बहादुरी थी, जिसने किसी बड़ी दुर्घटना को टालने में मदद की. इसके बाद स्कूल में हड़कंप मच गया और स्कूल प्रबंधन ने तत्काल वन विभाग और पुलिस को सूचना दी.

7 घंटे तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन

स्कूल प्रबंधन की सूचना मिलने के बाद पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. वन विभाग की टीम ने तेंदुए को एक कमरे में बंद करने का प्रयास किया, लेकिन इस दौरान तेंदुए ने वन विभाग के एक कर्मचारी पर हमला कर दिया, जिससे वह घायल हो गया. इसके बाद तेंदुए को ट्रेंकुलाइज कर बेहोश करने का उपाय लगाया गया. रेस्क्यू टीम ने तत्काल मुकुंदपुर से डॉक्टरों को बुलाया, जिन्होंने तेंदुए को बेहोश करने के लिए इंजेक्शन लगाया.

रेस्क्यू ऑपरेशन में करीब सात घंटे का समय लगा. टीम ने तेंदुए को धीरे-धीरे कंट्रोल किया और उसे एक कमरे में बंद किया. रेस्क्यू के बाद, उसे गोविंदगढ़ के जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया गया, जहां तेंदुए को वापस उसकी प्राकृतिक जीवनशैली में ढालने के प्रयास किए गए.

नहीं हुआ कोई नुकसान

स्कूल में तेंदुआ घुसने के समय, गनीमत यह रही कि उस समय स्कूल में कोई भी छात्र मौजूद नहीं था. दरअसल, स्कूल में परीक्षाएं चल रही थीं और परीक्षा के बीच में गैप था, जिससे सभी बच्चे घर पर थे. स्कूल में सिर्फ स्टाफ मौजूद था, जो काफी सतर्क था और जल्दी से इस स्थिति से निपटने में सक्षम रहा. अगर बच्चे स्कूल में होते, तो यह एक बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता था, क्योंकि तेंदुआ अपनी जंगली प्रवृत्तियों के चलते किसी पर भी हमला कर सकता था.

तेंदुए को जंगल में छोड़ दिया गया

रेस्क्यू के बाद, वन विभाग ने तेंदुए को बेहोश कर गोविंदगढ़ के जंगल में छोड़ दिया, जहां उसे उसकी प्राकृतिक जीवनशैली में ढालने का प्रयास किया गया. वन विभाग और पुलिस के संयुक्त प्रयासों से इस घातक स्थिति को नियंत्रित किया गया और किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई.

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