MP Jabalpur Collector action: राजस्व वसूली में सख्ती, कलेक्टर ने 10 तहसीलदारों को जारी किया शो-कॉज नोटिस

MP Jabalpur Collector action: जबलपुर जिले में राजस्व वसूली के लक्ष्य में पिछड़े रहने पर जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने सख्त कदम उठाया है. वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान निर्धारित लक्ष्य से कम राजस्व वसूली के कारण कलेक्टर ने 10 तहसीलदारों को शो-कॉज नोटिस जारी किए हैं.
कलेक्टर ने इन तहसीलदारों से संतोषजनक जवाब मांगा है, और यदि वे जवाब देने में विफल रहते हैं, तो उनके दो वेतनवृद्धि पर रोक लगा दी जाएगी. मामले पर कलेक्टर ने कहा कि राजस्व वसूली का कार्य एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है, और इसे प्राथमिकता से पूरा किया जाना चाहिए. उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि राजस्व लक्ष्य को जल्द पूरा नहीं किया गया, तो और कठोर कदम उठाए जाएंगे.
9 करोड़ रुपये का राजस्व वसूली का था लक्ष्य
जबलपुर जिले में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 9 करोड़ रुपये का राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन अब तक इस लक्ष्य को प्राप्त करने में जिला बहुत पीछे चल रहा है, जिसके कारण कलेक्टर ने गहरी चिंता जताई है. कलेक्टर ने सभी तहसीलदारों को यह निर्देश दिए हैं कि वे अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लें और वसूली में तेजी लाने के लिए जल्द से जल्द ठोस कदम उठाएं.
2 दिनों के भीतर देना होगा जवाब
जिले में राजस्व वसूली के लिए पहले से ही कई प्रयास किए गए हैं, लेकिन इन प्रयासों का असर अब तक सकारात्मक रूप से नजर नहीं आया है. कलेक्टर ने कहा कि राजस्व वसूली में पिछड़े हुए तहसीलदारों को अगले 2 दिनों के भीतर अपने जवाब देने होंगे. यदि जवाब संतोषजनक नहीं पाए गए, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि राजस्व वसूली से प्राप्त राशि स्थानीय विकास कार्यों में खर्च की जाती है, जैसे कि सड़क निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य, और अन्य जरूरी सुविधाओं में सुधार. यदि समय पर राजस्व वसूली नहीं हो पाती है, तो यह सभी योजनाओं को प्रभावित करता है, जिससे आम नागरिकों को सेवाओं की कमी का सामना करना पड़ता है.
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने यह भी कहा कि राजस्व वसूली में पारदर्शिता और समयबद्धता बहुत जरूरी है. उन्होंने तहसीलदारों से कहा कि वे अपनी टीम के साथ मिलकर इस कार्य को प्रभावी तरीके से पूरा करें, ताकि जिला अपने निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त कर सके और विकास कार्यों के लिए आवश्यक संसाधन जुटा सके.
कलेक्टर द्वारा उठाए गए इस कदम से यह साफ है कि प्रशासन अब राजस्व वसूली को लेकर कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा. राजस्व वसूली को लेकर प्रशासन का यह कड़ा रुख जिले में बदलाव की ओर संकेत कर रहा है. कलेक्टर के इस कदम के बाद तहसीलदारों में एक नई सक्रियता देखने को मिल सकती है, क्योंकि अब उन्हें अपनी जिम्मेदारी को निभाने में किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही नहीं करने की सख्त चेतावनी दी गई है. अब यह देखना होगा कि कलेक्टर द्वारा दिए गए इस अल्टीमेटम के बाद तहसीलदार अपनी कार्यशैली में कितना सुधार करते हैं और जिले की राजस्व वसूली की स्थिति को कैसे सुधारते हैं.