Mahakumbh Stampede News: महाकुंभ भगदड़ में एमपी की एक महिला की मौत, सरकार ने किया मुआवजे का ऐलान

Mahakumbh Stampede News: महाकुंभ भगदड़ में एमपी की एक महिला की मौत, सरकार ने किया मुआवजे का ऐलान

Mahakumbh Stampede News: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान के दौरान बड़ी दुर्घटना हुई। इस हादसे में करीब 30 लोगों की मौत हो गई। जबकि 60 लोग घायल हुए हैं। मृतकों में मध्य प्रदेश के छतरपुर की एक महिला की मौत हुई है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को प्रयागराज महाकुंभ में संगम तट पर हुई दुर्घटना में मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले की श्रीमती हुकुमबाई लोधी सहित अनेक श्रद्धालुओं के असमय काल-कवलित होने पर गहन दु:ख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह दुर्घटना हृदय विदारक है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मां गंगा से दिवंगतों की पुण्य आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान देने एवं घायलों के शीघ्र स्वस्थ्य होने की करबद्ध प्रार्थना की है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मृतिका हुकुमबाई लोधी के परिजन को मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से 2 लाख रूपए की आर्थिक सहायता स्वीकृत की है। जिला प्रशासन छतरपुर द्वारा भी नियमानुसार शोकाकुल परिवार की हर संभव मदद की जा रही है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार से समन्वय कर पार्थिव देह को एम्बुलेंस के माध्यम से मृतिका के गृह ग्राम लाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपने संदेश में कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में मध्यप्रदेश के श्रद्धालुओं को दुर्घटनाग्रस्त होने पर उनकी तत्काल सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 0755-2708055 एवं 0755-2708059 (वल्लभ भवन, सिचुएशन रूम, भोपाल) स्थापित कर दिया गया है। जरूरतमंद व्यक्ति किसी भी समय इन नंबरों पर कॉल कर वांछित सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि 29 जनवरी की अलसुबह प्रयागराज में अत्यधिक भीड़ के कारण हुई आपाधापी में छतरपुर जिले के ग्राम सुनवाहा, थाना बक्सवाहा निवासी श्रीमती हुकुमबाई लोधी पत्नी स्व. रमेश लोधी की असामयिक मृत्यु हो गई। मृतिका अपने परिजन और ग्रामवासियों के साथ प्रयागराज महाकुंभ गई थीं। बुधवार की दरमियानी रात करीब डेढ़ से दो बजे के दौरान संगम रामघाट पर अत्यधिक भीड़ में गिर जाने एवं धमच लग जाने से उसकी मृत्यु हो गई। कलेक्टर छतरपुर श्री पार्थ जैसवाल द्वारा मृतिका के परिजन को अंत्येष्टि सहायता के रूप में 5 हजार रूपए और बीपीएल कार्डधारक होने से उन्हें राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना में मृत्यु सहायता के रूप में 20 हजार रूपए भी प्रदान किए जा रहे हैं।

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