Liquer Scame: छत्तीसगढ़ में दो हजार करोड़ के शराब घोटाले में 12 डिस्टलर्स आए घेरे में…

Liquer Scam: रायपुर। दो हजार करोड़ रुपये से अधिक के शराब घोटाले की जांच में ईडी परत-दर-परत खुलासा करते जा रही है। घोटाले में संलिप्तता और हर महीने कमीशन की राशि खाने वाले पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को जांच के बाद जेल में बंद कर दिया है। ईडी का आरोप है कि घोटाले की पूरी जानकारी पूर्व मंत्री को थी,इसके एवज में बतौर कमीशन भारी-भरकम राशि हर महीने मिल रही थी। स्पशेल कोर्ट में ईडी ने 3841 पन्नों में चालान पेश किया है। इसमें कवासी लखमा के अलावा छत्तीसगढ़ के 12 डिस्टलर्स को आरोपी बनाया है।
ईडी ने अपने चालान में आइएएस निरंजनदास, रिटायर्ड आइएएस अनिल टुटेजा, आबकारी अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी पूर्व मंत्री कवासी लखमा, शराब कारोबारी अनवर ढेबर, अरविंद सिंह व विजय भाटिया को आरोपी बनाया है।
छत्तीसगढ़ के डिस्टलर्स जिसके खिलाफ ईडी ने पेश किया है चालान
भाटिया वाइन एंड मर्चेट प्राइवेट लिमिटेड,छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज,वेलकम डिस्टलरीज,मेसर्स नेक्स्ट जेन, दिशिता उद्यम, ओम सांई वेबरेज,सिद्धार्थ सिंघानिया,मेसर्स टाप सिक्यूरिटी के मालिकों के साथ ही नवीन केडिया,भूपेंद्र सिंह भाटिया व राजेंद्र जायसवाल।
लखमा में दायर की थी अग्रिम जमानत याचिका, कोर्ट ने कर दिया है खारिज
शराब घोटाले में फंसे पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की अग्रिम जमानत आवेदन को स्पेशल कोर्ट ने पहले ही खारिज कर दिया था। आबकारी घोटाले में कवासी लखमा की भूमिका को लेकर EOW ने उन पर कार्रवाई की थी, जिसके बाद उन्होंने विशेष कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की थी। विशेष कोर्ट ने उनके मामले पर तीन पन्नों में अपना आदेश जारी किया और जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने जमानत याचिका को खारिज करते हुए शराब घोटाले में कवासी लखमा की संलिप्तता से इंकार नहीं किया है।