Kotputli Borewell Accident: 70 घंटे से 700 फीट गहरे बोरवेल में फंसी मासूम, बच्ची को निकालने के सारे प्लान फेल, अब टूटने लगी लोगों की उम्मीदें

Kotputli Borewell Accident: राजस्थान के कोटपूतली में बुरी खबर है. 70 घंटे से ज्यादा का समय बीत चुका है. बोरवेल में फंसी मासूम चेतना को अभी तक बाहर नहीं निकाला जा सका है. घंटों के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भी सिर्फ असफलता ही हाथ लग रही है.
कैसे गिरी बच्ची
जानकारी के मुताबिक़, घटना कोटपुतली के किरतपुरा इलाके में स्थित बड़ीयाली ढाणी की है. सोमवार 23 दिसंबर को 3 साल की बच्ची चेतना चौधरी खेलते-खेलते 700 फीट गहरे खुले बोरवेल में गिर गई थी. उसके बाद शाम से उसे बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था. पुलिस प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम बच्ची को बचाने के लिए जुटी हुई है. 70 घंटे से ज्यादा का समय रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है.
रेस्क्यू अभियान जारी
बुधवार रात 3 बजे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया था. जिसमे करीब 150 फीट का गड्ढा खोदा गया था. लेकिन एक पत्थर आने के बाद काम टोक दिया गया था. बता दें अब तक बच्ची को बचाने के हुक का इस्तेमाल किया जा रहा था. लेकिन प्रयास अफसल होने के बाद पाइलिंग मशीन के जरिए खुदाई की जा रही है. पाइलिंग मशीन से अब तक 160 फीट तक की खुदाई की जा चुकी है.
रैट माइनर्स की टीम मौजूद
चेतना को बोरवेल से निकालने के लिए अब प्रशासन ने उत्तराखंड टनल हादसे में बचाव अभियान पूरा करने वाली रैट माइनर्स की टीम को बुलाया है. रेट माइनर टीम हाथ से सुरंग खोदने में माहिर है. रैट माइनर्स बोरवेल तक हॉरिजॉन्टल खुदाई कर सुरंग बना रहे हैं. तीन दिन बाद बुधवार रात को जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल भी घटना स्थल पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे अधिकारियों से पूरा अपडेट लिया.
रेस्क्यू अभियान को लेकर NDRF टीम प्रभारी योगेश कुमार मीना ने बताया, “अभी खुदाई जारी है.हमने 160 फीट तक खुदाई कर ली है. 170 फीट तक खुदाई करने की जरूरत है. हमें उम्मीद है कि आज हम इस ऑपरेशन पूरा कर लेंगे.”
अनहोनी की आशंका
दूसरी तरफ बताया जा रहा है, मंगलवार सुबह से चेतना ने कोई हलचल नहीं की है. कैमरे पर कोई मूवमेंट नहीं दिख रहा है. ऐसे में मासूम के परिजनों में खौफ का माहौल बना हुआ है. किसी अनहोनी की आशंका जताई जा रही है. परिवार और ग्रामीण की हिम्मत टूटने लगी है. बेटी के इंतजार में मां की तबीयत भी बिगड़ने लगी है. परिवार और ग्रामीणों में रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी को लेकर नाराजगी जताई है.






