Kerla IAS WhatsApp Group: सीनियर आईएएस के नंबर से ही बना था हिंदू-मुस्लिम ग्रुप, विवाद सामने आने पर सीनियर आईएएस ने व्हाट्सएप हैक होने की दी थी शिकायत

Kerla IAS WhatsApp Group: सीनियर आईएएस के नंबर से ही बना था हिंदू-मुस्लिम ग्रुप, विवाद सामने आने पर सीनियर आईएएस ने व्हाट्सएप हैक होने की दी थी शिकायत

Kerla IAS WhatsApp Group: केरल राज्य में दीपावली के दिन (31 अक्टूबर) बने मल्लू हिंदू और मल्लू मुस्लिम व्हाट्सएप ग्रुप विवाद में एक ओर जहां प्रशासनिक गलियारे में हड़कंप मचा हुआ है वहीं दूसरी ओर इस विवाद से जुड़ा एक बड़ा अपडेट सामने आया है। मामला उछलने के बाद जिस सीनियर आईएएस के गोपालकृष्णन के व्हाट्सएप से दोनों ग्रुप बने थे उन्होंने अपना व्हाट्सएप हैक होने की शिकायत दर्ज करवा दी थी। 

पुलिस कमिश्नर के द्वारा राज्य के डीजीपी को सौंपी गई जांच रिपोर्ट के अनुसार आईएएस के गोपालकृष्णन का व्हाट्सएप हैक नहीं हुआ था और उन्होंने खुद ही यह ग्रुप बनाया था। बता दे इस मामले में राज्य सरकार ने भी जांच की घोषणा की थी। अब जांच रिपोर्ट आने के बाद माना जा रहा है कि अफसर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही हो सकती है।

दीपावली के दिन 31 अक्टूबर को प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के गोपालकृष्णन के नंबर से दो व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए। जिनमें मल्लू हिंदू आईएएस और मल्लू मुस्लिम आईएएस व्हाट्सएप ग्रुप बना प्रदेश के कई अफसरों को इसमें जोड़ा गया। जब अफसरों को ग्रुप में जोड़े जाने का पता चला तो उन्होंने इसे धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों के खिलाफ बता इसका विरोध किया। विवादास्पद इस ग्रुप में कई अफसरों को जोड़ा गया था। धर्म के आधार पर बने हिंदू ग्रुप में हिंदू अफसरों को और मुस्लिम ग्रुप में मुस्लिम अफसरों को जोड़ा गया था। अफसरों के द्वारा इस पर जमकर आपत्तियां जताई गई। अफसरों के मुताबिक सीनियर और जूनियर अफसरों का ग्रुप बनता हैं। भाषा और क्षेत्रीयता के आधार पर भी ग्रुप बनाया जाता है। पर धर्म के आधार पर ग्रुप बनाना सरासर गलत और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों के खिलाफ है।

आईएएस अधिकारी के गोपालकृष्णन ने मामले को संज्ञान में आने के बाद तिरुवंतपुरम के पुलिस कमिश्नर को इसकी शिकायत की थी। अधिकारी के अनुसार उनका व्हाट्सएप नंबर हैक कर उनके कांटेक्ट में शामिल आईएएस अफसरों को धार्मिक ग्रुप बनाकर जोड़ा गया था। आईएएस के अनुसार ना तो उन्होंने ग्रुप बनाया है ना ही किसी अफसर को जोड़ा है। उन्होंने पूरे मामले की जांच करने का अनुरोध पुलिस कमिश्नर को किया था। वही विवादित दोनों व्हाट्सएप ग्रुप दूसरे दिन डिलीट भी कर दिए गए।

मामले में केरल के उद्योग मंत्री पी राजीव कुमार ने राज्य सरकार की तरफ से इसकी जांच करवाए जाने की घोषणा की थी। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि आईएएस के लिए एक सामान्य आचार संहिता है। लोक प्रशासन के तहत जारी नियमों के उल्लंघन पर राज्य सरकार समीक्षा कर रहा है, तथा इसकी जांच की भी घोषणा की गई थी। राज्य के अलावा देश की सबसे बड़ी सेवा में इस तरह की घटना को केंद्र सरकार ने भी गंभीरता से लिया था जिसके चलते केंद्र की एजेंसियां भी इस मामले की जांच में जुटी है।

कमिश्नर ने रिपोर्ट सौंपी डीजीपी को

मामले में तिरुवंतपुरम के पुलिस कमिश्नर ने राज्य के डीजीपी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि आईएएस की शिकायत के बाद पुलिस ने व्हाट्सएप गूगल और इंटरनेट सेवा प्रदाता से जानकारी मांगी गई थी। उनके द्वारा मेरी जानकारी और व्हाट्सएप के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार यह ग्रुप आईएएस अधिकारी के डिवाइस पर इंस्टॉल किए गए एप्लीकेशन से ही बनाए गए थे। गूगल के द्वारा भी पुष्टि की गई है कि अफसर के डिवाइस पर ऐसा कोई अनाधिकृत एप्लीकेशन इंस्टॉल नहीं हुआ था जिसके माध्यम से कोई अन्य व्यक्ति फोन को हैक कर संचालित कर रहा हो । आईपी डाटा ट्रांसफर की जांच से भी यह जानकारी आई की ग्रुप बनाते समय आईएएस का फोन किसी और के कंट्रोल में नहीं था।

जांच में देने से पहले फोन किया फार्मेट

आईएएस के गोपाल कृष्णन ने फोन को जांच में देने से पहले फॉर्मेट कर दिया था। जिसके चलते पुलिस इसकी फोरेंसिक जांच भी करवाने वाली है वही फोन फॉर्मेट करने पर आईएएस अधिकारी के ऊपर सबूत से छेड़छाड़ और साक्ष्य नष्ट करने का आरोप भी लग रहा है। आगामी दिनों में इस मामले में बड़ी कार्यवाही सरकार सीनियर आईएएस के गोपालकृष्णन के खिलाफ कर सकती है।

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