जयशंकर ने कहा- भारत-चीन सीमा विवाद लिए एक समझौते पर पहुंचना महत्वपूर्ण, केवल उनके लिए अहम नहीं, दुनिया के लिए भी मायने रखता है

जयशंकर ने कहा- भारत-चीन सीमा विवाद लिए एक समझौते पर पहुंचना महत्वपूर्ण, केवल उनके लिए अहम नहीं, दुनिया के लिए भी मायने रखता है

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि वह पूरी तरह से सहमत हैं कि भारत-चीन सीमा विवाद का समाधान कूटनीतिक दायरे में निकालना होगा। जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों के लिए एक समझौते पर पहुंचना महत्वपूर्ण है और यह केवल उनके लिए अहम नहीं है बल्कि दुनिया के लिए भी यह मायने रखता है।

विदेश मंत्री ने अपनी पुस्तक के विमोचन के मौके पर एक ऑनलाइन कार्यक्रम में कहा कि मुझे यह भी जानकारी है कि आपके पास वही स्थिति है जो हमारे पास पश्चिमी क्षेत्र (लद्दाख के पार) के सीमा क्षेत्रों में है। क्योंकि हमारा लंबे समय से दृष्टिकोण रहा है, वहां हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है- हमारी चीन के साथ सहमति और समझ है। दोनों पक्षों द्वारा किए गए समझौतों और समझ को बारीकी से देखा जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह है कि सीमा पर जो होता है वह संबंध को प्रभावित करेगा, आप इसे अलग नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि मैंने कुछ दिनों पहले एक अन्य संदर्भ में यह बात कही थी, मैं यह कहना चाहूंगा कि मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि स्थिति का समाधान कूटनीति के दायरे में ढूंढना होगा और मैं यह जिम्मेदारी के साथ कहता हूं। जयशंकर ने कहा कि भारत-चीन संबंध के लिए यह आसान समय नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्होंने 15 जून को गलवान घाटी में हुई झड़पों से पहले पुस्तक ‘द इंडिया वे: स्ट्रैटेजिस फॉर एन अनसर्टेन वर्ल्ड’ लिखी थी।गौरतलब है कि गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़पों में 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गये थे। उन्होंने कहा कि भारत और चीन दो सभ्य देश हैं जो चौथी औद्योगिक क्रांति में प्रवेश करने जा रहे हैं।

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