भारत का स्वर्णिम भविष्य का अर्थ दुनिया का स्वर्णिम भविष्य – रक्षा मंत्री
राजनाथ सिंह ने कार्यक्रम में कहा कि भारत मेडिकल क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। आज देशवासियों को आयुष्मान भारत योजना में मुफ्त इलाज मिल रहा है। बेटियों के लिए सेना के द्वार खोल दिए गए हैं। सैन्य दृष्टिकोण से भारत का भविष्य बहुत ही सुनहरा है। इस समय हम कई देशों को डिफेन्स प्रोडक्ट एक्सपोर्ट कर रहे हैं। आज हम आर्म्स एक्सपोर्टर बन गए हैं। 25 देशों में भारत हथियार दे रहा है। हमें ऐसा भारत बनना है, जिसकी तरफ कोई आंख उठाकर भी ना देख सके।
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत कमजोरों की धरती नहीं वीरों की धरती है। अब भारत आर्थिक रूप से आगे बढ़ रहा है। आने वाले समय में हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थ व्यवस्ता होंगे। 2047 तक हम सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में सामने आएंगे।
देश की प्रगति अब राम भरोसे नहीं छोड़ी जा सकती, अब देश की प्रगति हमें पुरुषार्थ से खुद करनी होगी। 2047 तक विकसित भारत का निर्माण करना है। हम मजबूत डेमोक्रेसी लाना चाहते हैं। अब यहां धर्म और जात के आधार पर काम नहीं होता। ये स्वर्णिम भारत है। हम भारत का केवल आर्थिक विकास नहीं करना चाहते बल्कि सामाजिक विकास भी करना चाहते हैं।
मैंने आजतक कभी किसी प्रधानमंत्री की आलोचना नहीं की। चाहे वो राजीव गांधी हो या कोई और। देश ने सफेद कबूतर छोड़ने से लेकर सर्जिकल स्ट्राइक देखी है। मैं प्रधानमंत्री को संस्थान मानता हूं। हम आज दुश्मन को उस पार भी जाकर मार सकते हैं। राम भरोसे कोई एक नहीं बल्कि देश की जनता है।
कोरोना जैसी महामारी को देश ने देखा। सीमित संसाधन के बावजूद भारत ने न केवल वैक्सीन बनाई बल्कि दुनिया को वैक्सीन दी। पूरी दुनिया में भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जहां लोगों को कोरोना की दो डोज लगी।
रक्षा मंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी जी नेतृत्व में भ्रष्टाचार मुक्त सरकार का सपना पूरा हुआ है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक हुआ। कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाई गई। लोग जिस राम मंदिर का सपना देखता थे वो आज पूरा हो रहा है।
रक्षा मंत्री ने राम भरोसे की कहानी सुनाते हुए कहा कि आज भारत की और कोई आंख उठाकर नहीं देख सकता। देश की जनता ने पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री के कहने पर एक दिन का उपवास रखा। अपने पीएम का, अपने नेता का मान रखते हुए एक दिन उपवास रखने का प्रण लाखों लोगों ने लिया। एक दिन के उपवास ने देश के किसानों और जवानों को मनोबल बढ़ाया। परिणामस्वरूप 1965 का युद्ध जीतकर शास्त्री जी ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कार्यक्रम में कहा कि आज भारत का स्वर्णिम भविष्य का अर्थ दुनिया का स्वर्णिम भविष्य है। जैसे 19वीं शताब्दी ब्रिटेन का था, 20वीं शताब्दी अमेरिका का रहा अब 21वीं शताब्दी भारत का रहने वाला है।