मिशन अस्पताल कैम्पस: सेवा के नाम पर लाखों का खेला-सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन ने खारिज की क्रिश्चियन वुमन बोर्ड ऑफ मिशन हॉस्पिटल की याचिका

बिलासपुर। बिलासपुर मिशन हॉस्पिटल की बेशकीमती 11 एकड़ जमीन के मामले में क्रिश्चियन वुमन बोर्ड ऑफ़ मिशन हॉस्पिटल की याचिका को सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन ने खारिज कर दिया है। याचिका खारिज होने के बाद नजूल तहसीलदार ने मिशन अस्पताल परिसर में रह रहे 34 परिवार को 20 फरवरी तक मकान खाली करने के लिए नोटिस जारी कर दिया है।
नगर निगम आयुक्त अमित कुमार ने नजूल विभाग को पत्र लिखकर डिस्मेंटल से बची 20% बिल्डिंग स्ट्रक्चर को जानमाल का नुकसान होने का हवाला देते हुए तोड़ने हेतु अनुमति मांगी है। इस जमीन के खाली होने के बाद जिला प्रशासन ने ऑक्सीजोन और नालंदा परिसर स्थापना की योजना बनाई है।
मिशन अस्पताल की स्थापना साल 1885 में हुई थी। इसके लिए क्रिश्चियन वुमन बोर्ड ऑफ मिशन हॉस्पिटल बिलासपुर ,तहसील व जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़ को जमीन आबंटित की गई थी। यह मोहल्ला चांटापारा शीट नंबर 17, प्लाट नंबर 20/1 एवं रकबा 382711 एवं 40500 वर्गफीट है। 1966 में लीज का नवीनीकरण कर 1994 तक लीज बढ़ाई गई थी। लीज की सशर्त अवधि 31 अप्रैल 1994 तक के लिए थी। जिसमें निर्माण में बदलाव एवं व्यवसायिक गतिविधियां बिना कलेक्टर की अनुमति के ना किए जाने की शर्त थी। लीज के नवीनीकरण के बाद सीट नंबर 14 प्लाट नंबर 20 रकबा 474790 में से 92069 वर्गफीट अन्य व्यक्ति को रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के माध्यम से विक्रय भी किया गया था। इसके साथ ही किराए पर अन्य प्रतिष्ठानों को देकर इसे कमाई का जरिया बना लिया गया था। 1994 में लीज खत्म होने के बाद 30 वर्षों तक लीज का नवीनीकरण नहीं करवाया गया ।
0 सेवा के नाम से जमीन ली और लाखों का करने लगे खेला
मिशन अस्पताल के लीज का मामला काफी चर्चाओं में रहा था। यह जमीन शहर के मध्य में स्थित है। जिसे सेवा के नाम से 11 एकड़ जमीन लीज पर दी गई थी। लीज पर जमीन लेकर डायरेक्टर रमन जोगी ने इसे चौपाटी बनाकर किराए पर चढ़ा दिया था। एक रेस्टोरेंट का कैम्पस में संचालन किया जा रहा था। लीज की शर्तों का उल्लंघन कर व्यावसायिक उपयोग करने पर कलेक्टर अवनीश शरण की तिरछी नजर पड़ी। जब इसके रिकॉर्ड मंगवाए गए तब चौंकाने वाले खुलासे हुए। सन 1966 में लीज का नवीनीकरण साल 1994 तक के लिए कर लीज बढ़ाई गई थी। 31 अप्रैल 1994 तक लीज की अवधि थी।
लीज की अवधि बढ़ाने के समय इसमें कई शर्तें भी लागू की गई थी। पर शर्तों का उल्लंघन कर न केवल इसका व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा था बल्कि 92069 वर्ग फिट अन्य व्यक्तियों के नाम रजिस्टर विक्रय पत्र के माध्यम से विक्रय भी किया गया था। लीज अवधि समाप्त होने के बाद भी लीजधारक कब्जे पर कायम था। जिस पर कलेक्टर के निर्देश पर निगम कमिश्नर अमित कुमार, बिलासपुर एसडीएम पीयूष तिवारी, नजूल अधिकारी एसएस दुबे, नजूल तहसीलदार शिल्पा भगत की टीम ने अस्पताल के अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू की।
0 एक्का को मिली तबादले की सजा
अधिग्रहण की कार्रवाई को चुनौती देते हुए क्रिश्चियन वुमन बोर्ड ऑफ मिशन हॉस्पिटल कमिश्नर कोर्ट में अपील पेश की। मामले की सुनवाई के बाद कमिश्नर नीलम नामदेव एक्का ने इस पर रोक लगा दी। इसकी तीखी प्रतिक्रिया हुई। कमिश्नर को सरकार की नाराजगी झेलनी पड़ी। राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर कमिश्नर नीलम नामदेव एक्का का तबादला कर दिया।