Illegal Indian immigrants from US: अमेरिका से अवैध भारतीय प्रवासियों का दूसरा जत्था पहुंचा अमृतसर, 119 लोग किए गए डिपोर्ट.

Illegal Indian immigrants from US: अमेरिका से अवैध भारतीय प्रवासियों का दूसरा जत्था पहुंचा अमृतसर, 119 लोग किए गए डिपोर्ट.

Illegal Indian immigrants from US: अमेरिका ने अवैध भारतीय प्रवासियों की वापसी की प्रक्रिया तेज कर दी है, इसी कड़ी में शनिवार रात को 119 भारतीय नागरिकों को लेकर एक सैन्य विमान अमृतसर हवाई अड्डे पर उतारा, इससे पहले, 5 फरवरी को 104 भारतीय नागरिकों को लेकर एक विमान अमृतसर पहुंचा था. 

इस बार डिपोर्ट किए गए 119 नागरिकों में से 67 पंजाब, 33 हरियाणा, 8 गुजरात, 3 उत्तर प्रदेश, 2-2 गोवा, महाराष्ट्र और राजस्थान, और 1-1 हिमाचल प्रदेश तथा जम्मू-कश्मीर से हैं.

पंजाब CM का आरोप

इस डिपोर्टेशन को लेकर कई प्रतिक्रियाएँ सामने आ रही हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि केंद्र सरकार पंजाब को बदनाम करने का प्रयास कर रही है. और अमृतसर को ‘डिपोर्टेशन सेंटर’ बनाने की कोशिश की जा रही है. मुख्यमंत्री भगवंत मान के बयान पर पंजाब भाजपा के उपाध्यक्ष फतेहजंग सिंह बाजवा ने कहा कि अब तक जिन लोगों को डिपोर्ट किया गया है, उनमें से 67 पंजाब से हैं और बाकी अन्य राज्यों से हैं. मुख्यमंत्री भगवंत मान इस मुद्दे का राजनीतिकरण करके अपने ही राज्य को बदनाम कर रहे हैं. बता दें कि विपक्षी दलों ने इन प्रवासियों को उनके कड़े हालात में डिपोर्ट किए जाने पर चिंता जताई है. 

हाल ही में US दौरे से वापस आए हैं PM मोदी

बता दें कि हाल ही में PM मोदी US के दौरे से वापस आए हैं. दौरे के दौरान, मोदी ने अमेरिकी अधिकारियों के साथ अवैध प्रवासियों के मुद्दे पर विशेष चर्चा की, इस दौरान, भारतीय नागरिकों की अमेरिका से डिपोर्टेशन प्रक्रिया पर भी बातचीत हुई. अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीय नागरिकों के डिपोर्टेशन की प्रक्रिया को तेज करने के लिए दोनों देशों के बीच समझौता हुआ. इससे पहले, जनवरी 2023 में 104 भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट किया गया था, और अब 119 नागरिकों की वापसी के साथ यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.

दौरे पर विपक्ष की प्रतिक्रिया

भारत में विपक्ष ने प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे को लेकर विभिन्न सवाल उठाए। विपक्ष ने यह तर्क दिया कि मोदी सरकार ने अवैध प्रवासियों के मामले में सिर्फ सख्त कदम उठाने की बात की, जबकि इन नागरिकों के पुनर्वास और उनकी मूल समस्याओं को हल करने की कोई ठोस योजना नहीं दी गई.

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