IAS Transfer News 2024: दुष्कर्म केस आईएएस के लिए भारी पड़ा, 3 घंटे में छत्तीसगढ़ सरकार ने कमिश्नर का बदल दिया आदेश

IAS Transfer News 2024: रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने कल देर शाम चार आईएएस अधिकारियों को नई पदस्थापनाएं देने का आदेश जारी किया था, उसे तीन घंटे में बदलना पड़ गया। जीएडी ने कल रात करीब आठ बजे चार आईएएस अधिकारियों का ट्रांसफर आदेश जारी किया था। मगर रात 11 बजे उसमें एक महत्वपूर्ण संशोधन हो गया। सरकार ने जनक प्रसाद पाठक को बिलासपुर संभाग का कमिश्नर बनाया था। मगर बाद में उन्हें बिना विभाग करके मंत्रालय में स्पेशल सिकरेट्री बना दिया गया। उनकी जगह रायपुर कमिश्नर महादेव कांवरे को बिलासपुर संभाग आयुक्त का एडिशनल चार्ज दिया है।

न घर के रहे, न घाट के
2007 बैच के प्रमोटी आईएएस जनक प्रसाद पाठक स्पेशल सिकरेट्री रैंक के अफसर हैं। बिलासपुर कमिश्नर अपाइंट होने से पहले वे आयुक्त उच्च शिक्षा के साथ ही मिशन संचालक उच्चतर शिक्षा अभियान थे। सरकार ने उन्हें हटाकर बिलासपुर का कमिश्नर बनाया। मगर तीन घंटे में उनका आदेश बदल गया। बिलासपुर से हटाकर उन्हें मंत्रालय में लाया गया है। मगर बिना किसी विभाग के उन्हें एपीओ कर दिया गया। एपीओ मतलब अवेटिंग पोस्टिंग आर्डर। ऐसा क्यों हुआ, इसका खुलासा नहीं हुआ है।
दुष्कर्म केस पड़ा भारी
जनक प्रसाद पाठक 2020 में जांजगीर के कलेक्टर थे। उस समय एक महिला ने उन पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। महिला ने पुलिस थाने में दर्ज अपनी शिकायत में कहा था कि कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक ने अपने चेंबर में भी कई बार उसके साथ दुष्कर्म किया। इस सनसनीखेज आरोप के बाद राज्य सरकार ने उन्हें कलेक्टर से हटा दिया था। पाठक इस समय हाई कोर्ट से जमानत पर चल रहे हैं। और इसी संगीन केस के चलते उनका सचिव पद पर प्रमोशन नहीं हो पाया। जीएडी ने यहां से डीओपीटी को प्रमोशन के लिए नाम भेजा था मगर भारत सरकार ने प्रमोशन देने से मना कर दिया। उनके सारे बैचमेट सिकरेट्री प्रमोट हो गए हैं। मगर जनक पाठक अभी स्पेशल सिकरेट्र्री हैं।
आदेश बदलने का कारण बना
नीलम एक्का हटाकर सरकार ने जनक प्रसाद पाठक को बिलासपुर का कमिश्नर बना दिया। मगर बाद में चूक का अहसास हुआ। दरअसल, जिस जांजगीर जिले के कलेक्टर चेंंबर में महिला से रेप की घटना हुई थी, वह बिलासपुर संभाग में आता है। अब उसी जिले के थाने में आईएएस के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज है और उसी संभाग में आरोपी आईएएस को कमिश्नर बनाए जाने से अच्छा मैसेज नहीं जाता। कमिश्नर के तौर पर पाठक अगर जांजगीर के दौरे पर जाते तो खामोख्वाह एक इश्यू बनता। इसको देखते सरकार ने आदेश संशोधित करना ही मुनासिब समझा।






