IAS Abhishek Prakash News: कम नहीं हो रहीं IAS अभिषेक प्रकाश की मुश्किलें, कमीशनखोरी मामले में ED की एंट्री, पुलिस से मांगे दस्तावेज

IAS Abhishek Prakash News: सोलर प्लांट के लिए व्यापारी से 5% कमीशन के आरोप में निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश के मामले में ईडी की एंट्री हो चुकी है. मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत ईडी के लखनऊ जोनल कार्यालय ने जांच शुरू कर दी है.
जानकारी के मुताबिक़, ईडी ने चर्चित निलंबित आईएएस अभिषेक प्रकाश के भ्रष्टाचार से जुड़े सभी ब्योरा जुटाना शुरू कर दिया है. ईडी ने लखनऊ पुलिस से मामले में दर्ज FIR, आरोपित दलाल निकांत जैन की गिरफ्तारी और मामले से जुड़े दस्तावेज, बैंक खातों, निकांत से बरामद सामान और उसके भाई सुकांत जैन की डिटेल मांगी हैं. इसके अलावा प्लांट के DPR, उसे पास करने की प्रक्रिया से जुड़े सभी अधिकारियों का भी ब्योरा माँगा गया है. ईडी की टीम अपने स्तर से दस्तावेज जुटा रही है. ED की तरफ से शासन को पत्र लिखा जाएगा.
वहीँ सभी कार्रवाई के बाद ईडी जल्द ही निकांत को कस्टडी रिमांड में लेकर पूछताछ कर सकती है साथ ही आईएएस अभिषेक इस मामले में पूछताछ करेगी. इधर इस मामले की जांच कर रही एसटीएफ भी करप्शन के कागजाद जुटाने में लगी है. इसके साथ ही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) भी इस मामले की पड़ताल कर सकते हैं.
क्या है मामला
एसएईएल सोलर पी6 प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने प्रदेश में सोलर सेल, सोलर पैनल व सोलर प्लांट के पुर्जे बनाने की फैक्ट्री लगाने के लिए 7,000 करोड़ रुपये का DPR दिया था. इसके लिए इन्वेस्ट यूपी के ऑफिस और ऑनलाइन प्रार्थना पत्र भेजा गया था. इस मामले में इन्वेस्ट यूपी के अधिकारियों पर इसे मंजूरी देने के लिए 5% कमिशन मांगने के आरोप लगा. 5% कमिशन नहीं देने के कारण कमेटी की संस्तुति के बावजूद पत्रावली में प्रकरण टाल दिया गया. जिसे लेकर SAEL Solar P6 प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि विश्वजीत दत्ता ने आईएएस अभिषेक प्रकाश के खिलाफ शिकायत की थी जब मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में आया तो उन्होंने पूरी पत्रावली मंगवाई और जांच के आदेश दिए. जांच के बाद IAS अभिषेक प्रकाश को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और लखनऊ के गोमती नगर थाने में निकांत जैन के खिलाफ FIR दर्ज करवाई गई. पुलिस ने निकांत जैन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
जिसके बाद योगी आदित्यनाथ ने विजिलेंस जांच के आदेश दिए . विजिलेंस टीम जाँच कर रही है आखिर बरेली, लखीमपुर, हमीरपुर, लखनऊ में तैनाती के दौरान अधिकारी ने कितनी संपत्तियां बनाई हैं. टीम उनेक रिश्तेदार और करीबियों के संपत्ति की भी छानबीन की जायेगी.