सरकार छोटे और सीमांत किसानों के लिए पेंशन योजना लाने की तैयारी में

सरकार छोटे और सीमांत किसानों के लिए पेंशन योजना लाने की तैयारी में

सरकार छोटे और सीमांत किसानों के लिए पेंशन योजना लाने की तैयारी में है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि ग्रामीण सेक्टर को आय सुरक्षा प्रदान करने के लिए स्वैच्छिक पेंशन स्कीम को मंजूरी दी जा चुकी है। यह स्कीम समूचे देश में लागू की जाएगी। उन्होंने बताया कि इसी तरह की एक और योजना के तहत छोटे दुकानदारों और स्वरोजगार में लगे लोगों को भी आर्थिक सुरक्षा प्रदान की जाएगी।

वित्त मंत्री ने लोकसभा को बताया कि इकोनॉमी की हालत पर श्वेत पत्र जारी करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। इकोनॉमी में ढांचागत सुधार से विकास को गति मिलेगी, जिससे संगठित और असंगठित क्षेत्र में नए रोजगार पैदा होंगे।

सरकार पिछले कुछ समय से लगातार सुधारों को अंजाम दे रही है। सीतारमण ने आइबीसी का उदाहरण देते हुए कहा कि इन्सॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी कोड देश की फाइनेंशियल सेहत में सुधार की ओर एक बड़ा कदम है।

इस दौरान वित्त मंत्री ने नोटबंदी का बचाव भी किया। उन्होंने कहा कि कालेधन से छुटकारा पाने और टैक्स आधार में इजाफा करने के लिए नोटबंदी जरूरी थी। किसी देश के विकास में ढांचागत सुधारों का महत्वपूर्ण स्थान होता है। हालांकि, उन्होंने साफ कर दिया कि नोटबंदी के प्रभाव का सीधे तौर पर आकलन करने के लिए किसी तरह के आंकड़े मौजूद नहीं हैं।

कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के लिए बिल पेश

नई दिल्ली, पीटीआइ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में टैक्स कानून (सुधार) विधेयक 2019 पेश किया। इसके जरिये कॉरपोरेट टैक्स में की गई कमी को कानूनी वैधता प्रदान की जाएगी। सरकार ने 20 सितंबर को कॉरपोरेट टैक्स में कटौती करने की घोषणा की थी। इस दौरान कंपनियों पर लगने वाले टैक्स को 30 परसेंट से घटाकर 22 परसेंट कर दिया गया था। कुछ नई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के मामले में टैक्स दर 25 परसेंट से घटाकर 15 परसेंट कर दी गई थी। इस व्यवस्था को एक अध्यादेश के जरिये लागू किया गया था। सोमवार को जो विधेयक पेश किया गया है, उसके संसद से पारित हो जाने और कानून का रूप ले लेने के बाद संबंधित अध्यादेश की वैधता खत्म हो जाएगी।

इसके साथ ही वित्त मंत्री ने इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर (आइएफएससी) अथॉरिटी बिल, 2019 भी पेश किया। इस विधेयक के जरिये आइएफएससी के लिए वित्तीय विनियामक की स्थापना की जाएगी। वर्तमान में वित्तीय सेवाओं के लिए अलग-अलग नियामक हैं। सरकार चाहती है कि सभी नियामक किसी एक सुप्रीम नियामक के तहत काम करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share