निजी टूर ऑपरेटर की तर्ज पर ट्रेकिंग कराएगा वन विभाग

प्रदेश में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में काम शुरू हो गया है। प्रकृति आधारित पर्यटन को आगे बढ़ाते हुए वन विभाग ने अपना पहला एक्शन प्लान तैयार कर लिया है। इसके तहत वन विभाग पहली बार निजी टूर ऑपरेटर की तर्ज पर ट्रेकिंग टूर आयोजित करेगा। इससे सरकार की आय बढ़ने के साथ ही स्थानीय समुदाय की आजीविका में भी सुधार होगा।

प्रदेश का 72 प्रतिशत भू-भाग वन क्षेत्र होने के कारण यहां ईको टूरिज्म की अत्यधिक संभावनाएं हैं। बीते दिनों मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने वन क्षेत्रों में ऐसी गतिविधियां तलाशने के निर्देश दिए थे, जो रोजगार सृजन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। इसी के तहत वन विभाग ने अपना पहला प्रोजेक्ट प्रस्तुत किया है।प्रथम चरण में चकराता क्षेत्र में सैलानियों को प्रकृति आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने का खाका तैयार किया गया है। इसके तहत सात रात और आठ दिन का ट्रेकिंग टूर पैकेज है। बीते दिनों वन संरक्षक यमुना वृत्त डॉ. विनय भार्गव शासन में इसका प्रस्तुतीकरण दे चुके हैं।

उन्होंने बताया चकराता वैली में शुरू की जाने वाली यह ट्रेकिंग पूरी तरह से व्यावसायिक गतिविधियों पर आधारित होगी। इसमें सैलानियों के साथ स्कूली बच्चों के टूर, नौकरशाह, डॉक्टर्स और अन्य लोगों को जंगल ट्रेकिंग कराई जाएगी। टूर संचालन के लिए प्रोफेशनल महिला पुरूष प्रोजेक्ट मैनेजर की नियुक्ति की जाएगी। ट्रेकिंग पर आने वाले लोगों को प्रतिदिन निर्धारित ट्रैक पर आगे बढ़ाते हुए रात्रि विश्राम स्थानीय गांवों में बने होम स्टे, वन विश्राम गृहों और वन क्षेत्रों में बनी बैरकों में कराया जाएगा। पैकेज टूर का खर्च बाद में तय किया जाएगा।

डॉ. भार्गव ने बताया कि ट्रेकिंग टूर में वन पंचायतों को भी सहभागी बनाया जाएगा। सैलानियों को ग्रामीणों की ओर से तैयार भोजन और अन्य उत्पाद परोसे जाएंगे, ताकि उनकी आजीविका में आय के साधनों को जोड़ा जा सके। वन पंचायतों की ओर से नामित व्यक्ति जो इस काम में शामिल होंगे, उन्हें बकायदा हाउस किपिंग, कैटरिंग आदि की ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

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