Five colors importance in worship : सनातन धर्म में पाँच रंगों का पूजा में विशेष महत्व…जाने हर रंग के पीछे का महत्त्व

Five colors importance in worship :  सनातन धर्म में पाँच रंगों का पूजा में विशेष महत्व…जाने हर रंग के पीछे का महत्त्व

यूं तो हमारे जीवन में रंगो का बहुत महत्व होता है लेकिन सनातनधर्म में कुछ रंग ऐसे हैं, जिनका उपयोग विशेषकर पूजा में किया जाता है. जिनमें से तीन रंग ऐसे हैं जिनका उपयोग घर में हम अधिकतर छोटी-बड़ी पूजा सभी पूजाओं में करते हैं. लेकिन इसके बावजूद दो रंग ऐसे भी हैं जिसका उपयोग भी हमारी पूजा में किया जाता है।

इस तरह कुल मिलाकर सनातन धर्म में पाँच रंगो का पूजा में विशेष महत्व है जिसे पंचरंगी पूजा के नाम से भी जाना जाता है.आइये जानते हैं पूजा में प्रयोग होने वाले इन खास 5 रंगो का विशेष महत्व!

लाल रंग 

हिन्दू धर्म की पूजा में लाल रंग का विशेष महत्व है. लाल रंग संस्कृति का भी प्रतीक है तथा लाल रंग से हमें सकारात्मक उर्जा प्राप्त होती है. यहाँ धार्मिक कार्यो में भी लाल रंग का उपयोग अधिक से अधिक मात्रा में किया जाता है. सभी देवी- देवताओ को लाल चन्दन या लाल रोली का टीका लगाया जाता है.माँ भगवती दुर्गा देवी स्नेहमयी लाल वस्त्रो में सुसज्जित होती हैं और माँ लक्ष्मी भी लाल रंग के कमल पर विराजमान रहती हैं जो समृद्धि, धनधान्य का प्रतीक है. लाल रंग दृढ संकल्प को भी बढ़ाता है और लाल रंग ऐश्वर्य तथा उत्साह का भी प्रतीक माना जाता है।

पीला रंग

हिन्दू धर्म में पीले रंग का अपना अलग ही महत्व है जो शुद्धता और सात्विकता का प्रतीक माना जाता है. यह रंग भगवान विष्णु को अति प्रिय है और देव बृहस्पति को भी पीले रंग का कपड़ा पहनने से गुरू ग्रह का प्रभाव बढ़ जाता है. इसी लिए हमें  पूजा- पाठ करते समय पीले रंगो का उपयोग अधिक से अधिक करना चाहिए. हमारे यहाँ घर तथा मंन्दिरो में पूजा-पाठ या किसी भी धार्मिक या मांगलिक अनुष्ठानो में पीले चन्दन तथा पीली हल्दी तथा पीले रंगो से रंगे चावलो का प्रयोग किया जाता है। हमारे यहाँ  शादी-विवाह, कथा, भागवत, इन सभी कार्यों में पीले रंग का अधिक उपयोग किया जाता है। यहाँ  तक कि शादी में दूल्हा- दुल्हन फेंरो के समय जो वस्त्र पहनते हैं,  वह भी पीले रंग का होता है। जो कि बहुत ही शुभ माना जाता है।

हरा रंग

हमारे हिन्दू धर्म में हरे रंग का भी विशेष महत्व माना गया है. यह रंग प्रकृति का भी प्रमुख रंग है. यह रंग शान्ति के साथ-साथ आशा व सदभाव का प्रतीत होता है. यह रंग हमे प्रकृति से जोड़े रखता है.  हरा रंग उत्सव का रंग है जो जीवन की खुशियों  को दिखाता है. हरा रंग हमारे देश भारत में हरियाली को भी दर्शाता है तथा उसके साथ ही उर्वरता, वृद्धि और भूमि की पवित्रता को भी दर्शाता है. पूजा की दृष्टि से यह रंग भगवान शिव व माता पार्वती को अति प्रिय है. इसी लिए माँ को हरे रंग की चुनरी व चूड़ियां अर्पित की जाती है. उसके अलावा पूजा में हरे रंग के केले के पत्ते, आम की पत्तियां, पान की पत्तियां, दूर्वा, तुलसी की पत्तियां, आदि, सभी चीजो को पूजा में प्रयोग किया जाता है।

केसरिया रंग

हमारे हिन्दू धर्म में केसरिया रंगा का विशेष महत्व माना गया है क्योकि यह रंग त्याग, बलिदान, ज्ञान, शुद्धता एवं सेवा का प्रतीक है. भगवान शिव की सेवा का ध्वज, कृष्ण और अर्जुन के रथों का ध्वज का रंग भी केसरिया ही था| तथा राम भक्त हनुमान जी को भी केसरिया रंग अति प्रिय है. हमारे दिन की शुरूआत भी केसरिया रंग के सूर्योदय से शुरू होकर सुर्यास्त भी केसरिया रंग से होता है। सनातन हिन्दू धर्म में केसरिया रंग का महत्व इतना है कि हम अपने सभी मन्दिरों और देव स्थलों  को केसरिया रंग से ही रंगवाते है।

सफेद रंग

हिन्दू धर्म में सफेद रंग का भी विशेष महत्व माना गया है. सफेद रंग को शुद्धता और शान्ति व पवित्रता और साफ सुथरेपन का प्रतीक माना जाता है. यह रंग हमेशा शान्त वातावरण तथा एकाग्रचित वातावरण का आभास कराता है। साथ ही यह रंग गर्मी को ज्यादा अवशोषित नही करता है तथा हमारे यहाँ यज्ञ या पूजा के दौरान पुरुषों  को सफेद धोती तथा सफेद अंगवस्त्र पहनकर ही पूजा में बैठना होता है।

Related articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share