नई दिल्ली, विदेश मंत्री एस जयशंकर आज संसद में कुलभूषण जाधव मामले को लेकर अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट (ICJ) के फैसले पर संसद में बयान दिया। इस दौरान विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को कुलभूषण जाधव को तुरंत रिहा करना चाहिए।
बुधवार को कुलभूषण जाधव को बचाने में जुटी भारत सरकार को बड़ी जीत हासिल हुई। ICJ ने जासूसी के आरोपों में पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर फिलहाल रोक लगा दी है। साथ ही पाकिस्तान को विएना समझौते का पालन नहीं करने पर फटकार लगाई है और आदेश दिया है कि भारतीय राजनयिकों को जाधव से मिलने की इजाजत दी जाए।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक कुलभूषण जाधव की रिहाई और कांसुलर एक्सेस को लेकर भारत सरकार ने कई माध्यमों से पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव डाला। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ICJ के फासले के बाद कहा कि वियना कन्वेंशन पर भारत का रुख साफ है। भारत को जाधव से मिलने के लिए काउंसलर एक्सेस मिल गई है। उन्होंने कहा कि आईसीजे में जाने का फैसला भारत का एकदम सही साबित हुआ है।
25 मार्च 2016 को पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश सचिव ऐज़ाज़ अहमद चौधरी ने जाधव की गिरफ्तारी के बारे में इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायुक्त को सूचित किया था। पाकिस्तान ने भारत के इस बात का जवाब भी अबतक नहीं दिया कि आखिर गिरफ्तारी के बारे में भारतीय उच्चायुक्त को सूचित करने में उसे तीन हफ्ते का समय क्यों लग गया।
इसके बाद भारत ने 8 मई 2017 को पाकिस्तान के खिलाफ आईसीजे से संपर्क किया था। भारत ने पाकिस्तान पर इस मामले में काउंसलर एक्सेस ने देकर वियना कन्वेंशन 1963 के उल्लंघन का आरोप लगाया था। भारत ने पाकिस्तान पर वियना कन्वेंशन के अनुच्छेद 36 (1) (बी) के उल्लंघन का भी आरोप लगाया, जिसमें पाकिस्तान को जाधव की गिरफ्तारी के बाद बिना देरी के भारत को सूचित किया जाना था।