Crypto Crash 2025: ट्रंप के टैरिफ वार से क्रिप्टो बाजार में हड़कंप, $1 लाख से लुढ़ककर $77,000 पर आया!

Crypto Crash 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों ने वैश्विक शेयर बाजारों के साथ-साथ क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में भी भूचाल ला दिया है। मार्केट कैप के हिसाब से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) अपने रिकॉर्ड हाई से 29% नीचे गिरकर 77,338.50 डॉलर पर पहुंच गई है। ट्रंप के क्रिप्टो समर्थक रुख और उनके चुनावी वादों ने बिटकॉइन को जनवरी 2025 में 1,09,114.88 डॉलर के शिखर तक पहुंचाया था, लेकिन उनकी नई टैरिफ पॉलिसी ने ट्रेड वॉर की आशंका बढ़ाकर इसकी चमक फीकी कर दी है। एथर (Ether) और डॉगकॉइन (Dogecoin) जैसी अन्य प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी भी इस गिरावट से नहीं बच पाई हैं। आइए जानते हैं इस क्रिप्टो क्रैश की पूरी कहानी और इसका भविष्य।
बिटकॉइन का रिकॉर्ड हाई से ढहना
ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान क्रिप्टो नियमों में ढील और अमेरिका में रणनीतिक क्रिप्टो रिजर्व बनाने का वादा किया था। उनकी जीत के बाद बिटकॉइन में तेज उछाल देखा गया। 6 नवंबर 2024 को यह 75,000 डॉलर के पार गया और 20 जनवरी 2025 को 1,09,114.88 डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा। लेकिन 2 अप्रैल 2025 को घोषित टैरिफ नीतियों (5 अप्रैल से लागू) ने ग्लोबल ट्रेड वॉर की आशंका पैदा कर दी। कॉइनमार्केटकैप के आंकड़ों के मुताबिक, बिटकॉइन पिछले 24 घंटों में 7.23% टूटकर 77,338.50 डॉलर पर है, और इंट्रा-डे में यह 77,097.74 डॉलर तक गिरा। यह अपने ऑल-टाइम हाई से 29% नीचे है।
अन्य क्रिप्टोकरेंसी की हालत
यह क्रैश सिर्फ बिटकॉइन तक सीमित नहीं है। टॉप 10 क्रिप्टोकरेंसी में कोई भी हरे निशान में नहीं है:
- एथर (Ether): मार्केट कैप में दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टो 14.05% की गिरावट के साथ 1,554.08 डॉलर पर ट्रेड कर रही है। यह अपने रिकॉर्ड हाई 4,891.70 डॉलर (16 नवंबर 2021) से 68% नीचे है।
- डॉगकॉइन (Dogecoin): 15.20% टूटकर 0.1418 डॉलर पर है।
- अन्य: सोलाना, XRP, और BNB जैसी क्रिप्टो में भी 5-15% की गिरावट दर्ज की गई।
ट्रंप टैरिफ का असर
ट्रंप ने 180 से ज्यादा देशों पर टैरिफ बढ़ाने की घोषणा की है, जिसमें चीन पर 54%, वियतनाम पर 46%, और यूरोपीय संघ पर 20% टैरिफ शामिल हैं। इससे ट्रेड वॉर और वैश्विक मंदी की आशंका बढ़ गई है। विशेषज्ञों का कहना है:
जोखिम वाली संपत्तियों पर दबाव: बिटकॉइन और क्रिप्टो को जोखिम वाली संपत्ति माना जाता है, जो अनिश्चितता के दौरान बिकवाली का शिकार बनती हैं।
- डॉलर की मजबूती: टैरिफ से डॉलर मजबूत हो सकता है, लेकिन निवेशक सुरक्षित संपत्तियों जैसे गोल्ड की ओर बढ़ रहे हैं।
- माइनिंग लागत: टैरिफ से क्रिप्टो माइनिंग हार्डवेयर की कीमतें बढ़ सकती हैं, जिससे माइनर्स पर दबाव बढ़ेगा।
कुछ विशेषज्ञ इसे अस्थायी गिरावट मानते हैं। क्रिप्टो एनालिस्ट जैक पांडल का कहना है, “टैरिफ का असर कीमतों में पहले ही शामिल हो चुका हो सकता है। लंबे समय में बिटकॉइन डॉलर के विकल्प के रूप में उभर सकता है।” वहीं, फंडस्ट्रैट के टॉम ली का अनुमान है कि अगर ट्रंप क्रिप्टो नियमों में ढील देते हैं, तो बिटकॉइन 2025 में 1,50,000 डॉलर तक पहुंच सकता है। हालांकि, निकट भविष्य में यह 75,000-80,000 डॉलर के सपोर्ट लेवल पर टिका रह सकता है।
निवेशकों के लिए सलाह
क्रिप्टो मार्केट में मौजूदा अस्थिरता को देखते हुए निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि:
- छोटे निवेश के साथ “खरीदारी पर गिरावट” की रणनीति अपनाएं।
- बाजार के रुझानों और वैश्विक आर्थिक घटनाओं पर नजर रखें।
- लंबी अवधि के लिए निवेश की योजना बनाएं।
ट्रंप की टैरिफ नीतियों का असर क्रिप्टो मार्केट पर अभी कुछ हफ्तों तक बना रह सकता है। अगर ट्रेड वॉर बढ़ता है, तो बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टो में और गिरावट संभव है। हालांकि, ट्रंप के क्रिप्टो समर्थक वादों पर अमल होने की स्थिति में यह बाजार फिर से तेजी पकड़ सकता है।