Constable Recruitment Scam: आरक्षक भर्ती घोटाला: बड़े अफसरों क़े नाम आने पर आईजी ने जांच के लिए बनाई एसआईटी
Constable Recruitment Scam: राजनांदगांव। आरक्षक भर्ती में गड़बड़ी के मामले में नाम आने पर कार्यवाही के भय से 21 दिसंबर शनिवार की सुबह लालबाग थाना क्षेत्र के ग्राम रामपुर में आरक्षण अनिल कुमार रत्नाकर ने आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या करने से पहले आरक्षक ने अपने हाथ में लिखा था कि आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी के लिए छोटे कर्मचारियों के अलावा बड़े अधिकारी भी संलिप्त है,पर बड़े अफसर को बचाया जा रहे हैं और सिर्फ आरक्षकों को फंसाया जा रहा है। आरक्षक की आत्महत्या के बाद लगातार राजनीति गर्म है। जिसको देखते हुए निष्पक्ष जांच के लिए आईजी दीपक झा ने एसआईटी का गठन किया है। एडिशनल एसपी के नेतृत्व में बनाई गई एसआईटी में कुल चार पुलिस अधिकारी हैं,जिन्हें दस दिनों में जांच कर प्रतिवेदन आईजी को सौंपना होगा।
दस दिनों में जांच रिपोर्ट देगी एसआईटी
आरक्षक अनिल कुमार रत्नाकर पिता चैतराम रत्नाकर पुलिस चौकी जालबांधा जिला खैरागढ़– छुईखदान– गंडई में पदस्थ था। 21 दिसंबर शनिवार को लालबाग थाना क्षेत्र के ग्राम रामपुर में उसने पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में थाना लालबाग में मर्ग कायम कर जांच की जा रही है। मामले में लगातार उठ रहे सवालों को देखते हुए निष्पक्ष जांच के लिए आईजी राजनांदगांव रेंज दीपक झा ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है। एसआईटी में चार सदस्य हैं। जिसे 10 दिनों में जांच कर आईजी के समक्ष जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करना होगा
यह हैं टीम में शामिल
एडिशनल एसपी देवचरण पटेल जिला मोहला– मानपुर जांच टीम का नेतृत्व करेंगे। इसके अलावा टीम में बोड़ला एसडीओपी अखिलेश कौशिक जिला कबीरधाम, निरीक्षक अश्वनी राठौर थाना प्रभारी अंबागढ़ चौकी जिला मोहला– मानपुर, एएसआई द्वारिका प्रसाद साइबर सेल जिला राजनांदगांव की टीम बनाई गई है। यह टीम जांच प्रतिवेदन बनाने के बाद सीधे आईजी दीपक झा को रिपोर्ट करेगी।
यह था पूरा मामला
प्रदेश भर में अभी आरक्षक भर्ती चल रही है। राजनांदगांव में आठवीं बटालियन में चल रहे पुलिस आरक्षक भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया था। यहां एक महिला अभ्यर्थी ने 5.88 मीटर गोला फेंका था। पर एप में गोला फेंक की माप 8.117 मीटर दर्ज कर अभ्यर्थी के अंक 11 से बढ़कर सीधा 20 हो गया। भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने हाईटेक व्यवस्था की गई है। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से हर इवेंट का डाटा जुटाया जा रहा है। इसके लिए हैदराबाद की टाइमिंग टेक्नोलॉजी को काम दिया गया है। रोजाना शाम को इवेंट के रिजल्ट को चेक किया जाता है। इसी चेकिंग के दौरान गड़बड़ी सामने आई। मैनुअल रजिस्टर में महिला अभ्यर्थी द्वारा 5.88 मीटर गोला फेंकना दर्ज था। इस लिहाज से महिला अभ्यर्थी को 11 अंक दिया जाना दर्ज किया गया था। पर एप में 8.117 मीटर गोला फेंकना दर्ज था। इस लिहाज से महिला अभ्यर्थी को 20 नंबर दिए गए थे। एप और मैन्युअल दोनों के रिकॉर्ड में अंतर था जिससे गड़बड़ी उजागर हुई। मौके पर लगे कैमरों की सीसीटीवी फुटेज खंगालने को लेकर अभ्यर्थी द्वारा 5.88 मी ही गोला फेंकने की पुष्टि हुई।
फर्जीवाड़ा सामने आने पर डीएसपी तनु प्रिया ठाकुर ने लालबाग थाने में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपराध क्रमांक 568/24 धारा 318(4),338,336(3),340(2) भारतीय न्याय संहिता कायम किया गया था। डीएसपी द्वारा करवाई गई एफआईआर में यह बात स्पष्ट है की पूरी भर्ती प्रक्रिया पुलिस जवानों, अफसरों और हैदराबाद की टेक्निकल टीम की मौजूदगी में पूरी हो रही है। इसलिए गड़बड़ी में इनकी संलिप्तता से होने की आशंका जताई गई है। डीएसपी ने अपनी एफआईआर में यह भी स्पष्ट किया था कि वह गोला फेंक इवेंट की प्रभारी है। जिस दिन यह गड़बड़ी हुई उस दिन वह पूरे समय मौजूद थी। दिन में किसी भी अभ्यर्थी को गोला फेंक इवेंट में 20 नंबर नहीं मिले थे। लेकिन शाम को रिजल्ट का अवलोकन करने पर 20 अंक अभ्यर्थी को मिला दिखा। संदेह होने पर मैनुअल और एप दोनों का डाटा चेक किया। एप में दर्ज था कि अभ्यर्थी ने दूसरे प्रयास में 8.117 मीटर गोला फेंक है। जबकि भर्ती प्रक्रिया में किसी भी अभ्यर्थी को दूसरा प्रयास देने का विकल्प ही नहीं हैं। पुलिस स्टाफ के द्वारा ही कूटरचना कर एप में फर्जी डाटा एंट्री की गई थी। हालांकि अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर जांच की जा रही थी।
जांच के दौरान शनिवार 21 दिसंबर को सुबह आरक्षक अनिल रत्नाकर (25) वर्ष ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। अनिल रत्नाकर महासमुंद जिले के सरायपाली बसना का रहने वाला था। उसकी ड्यूटी आरक्षक भर्ती में फिजिकल टेस्ट में लगी थी। शनिवार को लालबाग थाना क्षेत्र के रामपुर रोड़ से 1 किलोमीटर अंदर पेड़ से आरक्षक की फांसी पर लटकी लाश मिली। अनिल रत्नाकर अपनी बाइक क्रमांक cg06 gm 2950 से रामपुर पहुंचा था। उसने पेड़ से लटक कर फांसी लगा ली थी। मौके पर जूता और गाड़ी खेत में मिले है। आरक्षक ने हाथ में सुसाइड नोट में लिखा था कि आरक्षक भर्ती में कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है अधिकारी को बचाया जा रहा है इसमें सभी इंवॉल्व हैं। आशंका है कि आरक्षक भर्ती में गड़बड़ियों में नाम आने पर आरक्षक ने खुदकुशी की है।
इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक्स पर पोस्ट कर सरकार पर निशाना साधा और गड़बड़ी करने वालों पर कार्यवाही की मांग की। वही विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने गड़बड़ियां करने वालों पर कार्यवाही की बात कही है। आरक्षक के सुसाइड पर मचे बवाल के बाद हरकत में आई राजनांदगांव पुलिस ने तुरत– फुरत में 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने विज्ञप्ति जारी कर बताया था कि सीसीटीवी फुटेज और व्हाट्सएप चैट के अवलोकन के बाद दो महिला आरक्षक,दो पुरुष आरक्षक और इवेंट कंपनी के दो कंप्यूटर ऑपरेटर को गिरफ्तार किया गया है।