मुख्यमंत्री अन्न कोष योजनाः विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा समुदाय की गर्भवती एवं शिशुवती माताओं के लिए विष्णुदेव सरकार का बड़ा फैसला

रायपुर। सरगुजा के विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा समुदाय की गर्भवती एवं शिशुवती माताओं को अतिरिक्त पोषण आहार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री अन्न कोष योजना का शुभारंभ किया है। जिला प्रशासन सरगुजा द्वारा यह योजना पायलट प्रोजेक्ट की शुरू की गई है। इससे पहाड़ी कोरवा समुदाय में मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को कम करने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस योजना का शुभारंभ करते हुए जिला प्रशासन द्वारा तैयार की गई कैरियर निर्देशिका का भी विमोचन किया। अंबिकापुर के पीजी कॉलेज ग्रांउड में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 536 करोड़ 14 लाख की लागत वाले 1614 विकास एवं निर्माण कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया और कहा कि इससे सरगुजा जिले के विकास में तेजी आएगी। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर अंबिकापुर नगर निगम क्षेत्र अधोसंरचना विकास के लिए 23.90 करोड़ रूपए दिए जाने की घोषणा की। उन्होंने सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल अंबिकापुर को डीकेएस रायपुर की तर्ज पर विकसित करने तथा विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज का नाम शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज किए जाने की भी घोषणा की।
हर जरुरतमंद परिवार के साथ हम खड़ेः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर कहा कि अंबिकापुर छत्तीसगढ़ ही नहीं देश के सबसे सुंदर और साफ सुथरे शहरों में शामिल है। यह सब नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारियों, हमारे सफाई मित्रों और स्वच्छता दीदियों के योगदान से हो पाया है। अंबिकापुर के नागरिकों को भी इसका श्रेय देना चाहूंगा, जिनके सहयोग से अंबिकापुर स्वच्छ और सुंदर बना हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी पर जनता ने विश्वास किया है। 13 दिसंबर को छत्तीसगढ़ सरकार का एक साल पूरा हो रहा है। इस एक साल के अल्पकाल में ही सरकार ने मोदी की गारंटी के बड़े बड़े कामों को पूरा करने का प्रयास किया है। बीते पांच सालों में गरीब जरूरतमंद परिवार, जो प्रधानमंत्री आवास से वंचित थे, उनके आवास स्वीकृत एवं निर्मित किए जा रहे हैं। शासन द्वारा 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान की खरीदी की जा रही है। किसानों को धान का मूल्य 3100 रुपए प्रति क्विंटल देने के लिए शासन प्रतिबद्ध है।
’सरगुजा के विकास के लिए प्रतिबद्ध सरकार’
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि महतारी वंदन योजना के माध्यम से 70 लाख से ज्यादा माताओं और बहनों को लाभान्वित किया जा रहा है। तेंदूपत्ता का पारिश्रमिक अब 5500 रुपए प्रति मानक बोरा मिल रहा है। श्रीराम लला दर्शन यात्रा योजना से 20 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं को अयोध्या धाम जाकर भगवान श्री राम के दर्शन का सौभाग्य मिला है। हमने वायदे के मुताबिक पीएससी परीक्षा में पारदर्शिता लाने का काम किया है। बीते वर्ष पीएससी की भर्ती प्रक्रिया में हुए भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई कर रही है। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सरगुजावासियों को जिले के विकास कार्यों के लोकार्पण और भूमिपूजन की शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास एवं समाज कल्याण विभाग मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, सरगुजा सांसद चिंतामणी महाराज, अम्बिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल, लुण्ड्रा विधायक प्रबोध मिंज, सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो, प्रतापपुर विधायक शकुंतला पोर्ते, सामरी विधायक पैंकरा छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष विश्वविजय सिंह तोमर सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने किया सम्मान
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने लगाए गए शासकीय विभागों के स्टालों का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने शासन की विभिन्न योजनाओं के तहत लाभान्वित हितग्राहियों को सामग्री एवं राशि का वितरण भी किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उल्लेखनीय कार्य के लिए स्वयं सेवक श्रीमती बानी मुखर्जी, मितानिन श्रीमती परिमनिया यादव, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रमिला तिर्की एवं पुरो बाई, स्वच्छता दीदी सुनीता सारखेली, लुण्ड्रा के मंडल संयोजक रघुनाथ प्रसाद, व्याख्याता लीना थॉमस को सम्मानित किया।
किसानों के हित में साय सरकार का बड़ा फैसला
कृषक समग्र विकास योजना के तहत अक्ती बीज संवर्धन योजना के अंतर्गत तिलहन फसलों के बीज उत्पादन एवं वितरण पर अनुदान में वृद्धि के प्रस्ताव को वित्त विभाग ने मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर तिलहनी फसलों के लिए बीज उत्पादन और वितरण अनुदान को प्रति क्विंटल 1000 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये करने की स्वीकृति दी गई है। इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने से विशेष रूप से तिलहन उत्पादक किसानों को लाभ होगा।
उल्लेखनीय है कि अक्ती बीज संवर्धन योजना की शुरुआत से अब तक बीज उत्पादन और वितरण अनुदान में कोई वृद्धि नहीं की गई थी। अब तिलहन फसलों के बीज उत्पादन एवं वितरण पर प्रति क्विंटल 500 रुपये का अतिरिक्त अनुदान मिलेगा, जो किसानों को बीज की गुणवत्ता सुधारने और उत्पादन में वृद्धि करने में मदद करेगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की इस पहल का उद्देश्य किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के साथ-साथ तिलहन फसलों की खेती को बढ़ावा है। इस वृद्धि से किसान तिलहन फसलों की कृषि के लिए प्रोत्साहित होंगे और तिलहन की अधिक उपज सुनिश्चित करने के लिए बेहतर बीज का भी इस्तेमाल करेंगे। इस पहल से तिलहन फसलों की उत्पादकता बढ़ने के साथ ही किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी।






