प्रमुख वन डॉ. जयराज ने सहस्रधारा क्षेत्र में पाया अतिक्रमण और अवैध खनन, डीएफओ मसूरी से सर्वेक्षण कर मांगी रिपोर्ट

प्रमुख वन डॉ. जयराज ने सहस्रधारा क्षेत्र में पाया अतिक्रमण और अवैध खनन, डीएफओ मसूरी से सर्वेक्षण कर मांगी रिपोर्ट

देहरादून। सहस्रधारा क्षेत्र में वन भूमि पर न सिर्फ अतिक्रमण किया जा रहा है, बल्कि अवैध खनन का भी बोलबाला है। प्रमुख वन संरक्षक (पीसीसीएफ) डॉ. जयराज ने स्वयं औचक निरीक्षण में यह पाया और अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए। इस संबंध में प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) मसूरी को 15 दिन में सर्वेक्षण कर रिपोर्ट देने को कहा गया है।

प्रमुख वन संरक्षक डॉ. जयराज ने टीम के साथ सहस्रधारा और उससे लगे चामासारी, मझाड़ा, सिलकोटी, बकराल गांव आदि क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने देखा कि तमाम ऐसे स्थानों पर प्लॉटिंग व निर्माण कार्य गतिमान थे, जहां आरक्षित वन क्षेत्र हैं।

ऐसे में इस बात की प्रबल आशंका व्यक्त की गई कि वन भूमि पर भी अतिक्रमण किया जा रहा है। साथ ही अवैध खनन भी चल रहा है। इस स्थिति को देखते हुए प्रमुख वन संरक्षक ने डीएफओ मसूरी कहकशां नसीम को निर्देश दिए कि वह देहरादून वन प्रभाग के स्टाफ की मदद लेकर टीम का गठन करें। ताकि क्षेत्र का सर्वे कर अतिक्रमण की स्थिति का स्पष्ट पता लगाया जा सके।

इस पर उन्होंने 15 दिन के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है। इसके साथ ही पीसीसीएफ ने वन भूमि के मुनारों को भी ठीक कराकर अतिक्रमण करने के मंसूबों को नाकाम करने के निर्देश दिए। निरीक्षण में डीएफओ देहरादून राजीव धीमान, उप प्रभागीय वनाधिकारी केपी वर्मा, बीबी मार्तोलिया, रेंजर सुभाष वर्मा आदि शामिल रहे।

सरकारी भूमि पर अतिक्रमण की भी जुटाएंगे जानकारी

पीसीसीएफ डॉ. जयराज ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह वन भूमि से इतर सरकारी भूमि पर किए गए अतिक्रमण की भी जानकारी जुटाएंगे। ताकि राजस्व व संबंधित विभाग को इसकी जानकारी दी जा सके। उन्होंने कहा कि नाले-खालों की भूमि भी सरकारी है और उनका दायित्व बनता है कि वह उस पर हो रहे अतिक्रमण को रोकने का प्रयास करें।

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर किसी निर्दोष या कानून का पालन करने वाले व्यक्ति को परेशान न किया जाए। यदि अधिकारियों को लगता है कि निजी भूमि की आड़ में अतिक्रमण किया जा रहा है तो संबंधित व्यक्ति से भूमि की रजिस्ट्री आदि की जांच कर पता कर लें कि कितनी भूमि स्वामित्व से अधिक है।

डीएफओ ने डीएम को लिखा पत्र

मसूरी की डीएफओ ने बताया कि उन्होंने जिलाधिकारी (डीएम) को पत्र लिखकर सर्वे में सहयोग करने का आग्रह किया है। ताकि राजस्व विभाग की टीम के साथ संयुक्त सर्वे कर वन भूमि पर अतिक्रमण की स्थिति को स्पष्ट किया जा सके।

20 बीघा अवैध प्लॉटिंग ध्वस्त की

मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने अवैध प्लॉटिंग के खिलाफ कार्रवाई जारी रखते हुए तेलपुर चौक के पास 20 बीघा भूमि पर की गई प्लॉटिंग को ध्वस्त कर दिया।

तेलपुर चौक के पास मंजीत सुलेजा, अश्विन मित्तल, सुनील त्रेहान व कृष्ण शर्मा ने बिना लेआउट पास कराकर प्लॉटिंग कर दी थी। इसको लेकर एमडीडीए ने पूर्व में चालान कर प्लॉटिंग बंद करने और इसके स्वयं ध्वस्तीकरण के आदेश दिए थे। इसके बाद भी जब प्लॉटिंग जारी रही तो एमडीडीए सचिव पीसी दुम्का ने ध्वस्तीकरण के आदेश जारी कर दिए।

इसके क्रम में सहायक अभियंता आनंद आर्य, अवर अभियंता हेमंत रावत, गोविंद सिंह आदि की टीम ने प्लॉटिंग को जेसीबी से ध्वस्त कर दिया। सचिव दुम्का ने बताया कि इस तरह की कार्रवाई नियमित रूप से जारी रहेगी।

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