Chhattisgarh Vidhansabha Budget Session 2025: एसी रिपेयरिंग के नाम पर करोड़ाें का खेला: नई एसी की कीमत 40 हजार रुपये, रखरखाव में खर्च कर दिया 2 लाख 66 हजार, ऐसे दर्जनों एसी में हुआ खर्च…

Chhattisgarh Vidhansabha Budget Session 2025: रायपुर। विधायक राघवेंद्र सिंह के सवालों के जवाब में पीडब्ल्यूडी के अफसरों का यह कारनामा सामने आया है। नई एसी खरीदने के बजाय रिपेयरिंग के नाम पर गड़बड़ी करने का नायाब रास्ता खोज निकाला है। जाहिर है नई एसी लेकर लगाने में कम से कम दो से तीन साल तक तो कोई खर्च होने वाला नहीं था। यही कारण है कि ठंडी हवा दे रही एसी को अचानक बिगड़ना और फिर रिपेयरिंग के नाम पर करोड़ों का खेला अफसरों ने कर ही डाला।
विधायक राघवेन्द्र कुमार सिंह ने पीडब्ल्यूडी मंत्री व डिप्टी सीएम अरुण साव से सवाल दागा कि लोक निर्माण विभाग (विद्युत/यांत्रिकी) संभाग बिलासपुर द्वारा 01/10/2019 से 31/12/2024 तक की अवधि में वार्षिक मरम्मत/विद्युतीकरण कार्य कितने स्थानों पर, कितनी-कितनी राशि से कराया गया है। इन कार्यों को कराने के लिए कौन-कौन सी एजेंसियों व फर्मों को काम दिया गया। काम के एवज में कितनी राशि का भुगतान किया गया है। विधायक राघवेंद्र सिंह ने शासकीय भवनों के अलावा अन्य स्थानों पर कराए गए विद्युतीकरण मरम्मत कार्य की अलग से जानकारी मांगते हुए सूची उपलब्ध कराने की बात कही। विधायक के सवाल का मंत्री ने लिखित में जवाब देने की बात कही। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष डा चरण दास महंत ने कहा कि पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने तो गजब कर दिया है। एयर कंडिशंड के रखरखाव में दो लाख 66 हजार रुपये खर्च किया गया है। नेता प्रतिपक्ष ने मंत्री से पूछा कि जरा अफसराें से पूछकर बताएं कि 40 हजार के एसी को इतनी राशि में कैसे बनाते हैं।
सदन में उठा गंभीर सवाल, नेता प्रतिपक्ष ने भी उठाया मुद्दा
विधायक राघवेंद्र सिंह ने गंभीर मुद्दा उठाते हुए लोक निर्माण मंत्री से पूछा कि बिना शासकीय भवन उल्लेख के देयकों का भुगतान किया गया है क्या। अगर ऐसा हुआ है तो कितनी राशि का भुगतान किया गया है। विधायक ने मंत्री साव से यह भी पूछा कि अगर ऐसा हुआ है तो अनियमितता की श्रेणी में आएगा या नहीं। गड़बड़ी की गई है तो जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई हुई या नहीं। इन सवालों से मंत्री साव पूरी तरह घिरे नजर आए।
आरटीआई में और ना ही विधानसभा में दी जा रही जानकारी
विधायक राघवेंद्र सिंह ने अहम मुद्दा उठाते हुए कहा कि विद्युत यांत्रिकी विभाग में 100 करोड़ की गड़बड़ी का मामला है। विधानसभा अध्यक्ष को संबाेधित करते हुए विधायक ने कहा कि आश्चर्यजनक बात है कि इस सवाल का जवाब ना तो आरटीआई के माध्यम से पूछे गए सवाल पर दिया जा रहा है और ना ही विधानसभा में भी। यह कहते हुए विधायक ने आरटीआई के दस्तावेज भी सदन में लहराए। विभाग के अफसरों ने 100 करोड़ रुपये कौन-कौन से भवन निर्माण में खर्च किया और कहां भवन बनाए। यह जानकारी नहीं दी जा रही है। अचरज की बात ये कि अफसरों ने विधानसभा से भी यह जानकारी छिपा लिया है।
मंत्री ने कहा कि शासकीय पैसा का दुरुपयोग ना हो इसलिए समय समय पर दिशा निर्देश जारी किया जाता है। इस पर विधायक सिंह ने कहा कि मैंने शिकायतों के संबंध में पूछा था जानकारी ही नहीं दी गई है।
नेता प्रतिपक्ष ने उठाए सवाल
विधायक राघवेंद्र सिंह के सवाल को आगे बढ़ाते हुए नेता प्रतिपक्ष डा चरणदास महंत ने कहा कि 100 करोड का भुगतान कर दिया गया। अफसर स्थान और संधारण स्थल का नाम नहीं बता रहे हैं। इसे क्यों छिपाया जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने मंत्री साव से पूछा कि क्या बिना स्थान और बिना कार्य के भुगतान करना अनियमितता की श्रेणी में नहीं आता है, मंत्री जी जवाब दें। गाइड लाइन जारी करने की जरुरत क्यों पड़ गई। मंत्री ने कहा, भवन का उल्लेख माप पुस्तिका में होना चाहिए।