Chhattisgarh Science College: कैनवास पर रंगो की छटा से निखरा स्वदेशी मेला, रचनात्मकता और संस्कृति को मिल रहा बढ़ावा…

Chhattisgarh Science College: कैनवास पर रंगो की छटा से निखरा स्वदेशी मेला, रचनात्मकता और संस्कृति को मिल रहा बढ़ावा…

Chhattisgarh Science College: रायपुर। देसीपने को आधार देने के लिए शुरू किया गया स्वदेशी मेला अब आत्मनिर्भरता का पर्याय बन चुका है। आठ दिनों के लिए आयोजित इस मेले में जनमानस को संपूर्णता उपलब्ध कराई जा रही है । जहाँ बच्चों से लेके महिलाओं को उनकी प्रतिभा को मंच दिया जा रहा है वहीं दूसरी ओर प्रबुद्ध वर्ग द्वारा संगोष्ठियों के माध्यम से समाज को जागरूक सेहतमंद बनाए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

भारतीय विपणन विकास केंद्र द्वारा संचालित साइंस कॉलेज प्रांगण में स्वदेशी मेला आयोजित किया जा रहा है। आठ दिवसीय इस मेला का समापन शुक्रवार को होगा । मेले में होने वाले कार्यक्रमों की कड़ी में मंगलवार को पुण्य श्लोका अहिल्यादेवी होलकर पर व्याख्यानमाला आयोजित हुई । जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच की प्रांत सह संयोजिका, महिला समन्वय की डॉ. वर्णिका शर्मा ने जनमानस के हित के लिए जीवन समर्पित करने वाली देवी अहिल्याबाई के योगदान पर प्रकाश डाला और शिक्षा, धर्म ,न्याय के लिए उनके द्वारा सशक्त निर्णयों की चर्चा की । इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी विजय खंडेलवाल और डॉ. प्रीति उपाध्याय अतिथि रूप में मौजूद रहे । वहीं बच्चों और युवाओं के लिए रंगोली प्रतियोगिता आयोजित हुई । जिसमें बारह वर्ष तक के बच्चों और उससे अधिक उम्र के 39 लोगों ने दो वर्गों में भाग लिया। पारंपरिक तौर मुक्तहस्त रंगोली की थीम पर रंगों की बौछार करते हुए धरा के कैनवास को आकर्षक अंदाज़ से सजा दिया । इसमें भगवान गणेश, शिवा, गौ माता, काशी घाट, संत समागम जैसे खूबसूरत दृश्यों को हुबहू धरा पर उकेर दिया । इस कार्यक्रम की प्रभारी सुनीता जैन , निशा समुदकर, सीमा शर्मा, संध्या बड़ोले , नंदिनी ठाकुर , सीमा भगत थीं । इसके निर्णायक मंडल में डॉ वर्षा वर्मा , स्मृति व रश्मि चौरड़िया शामिल थीं । ग्रुप ए में प्रथम इशरार ख़ान , द्वितीय मीनल अग्निहोत्री और ग्रुप बी में प्रथम चेतन नायक , द्वितीय यामिनी साहू , तृतीय स्थान दीपक दीप व सांत्वना मनीता शर्मा को दिया गया ।

सांस्कृतिक संध्या के कार्यक्रम में प्रांतीय सामाजिक समागम की कड़ी में आंध्र प्रदेश की प्रस्तुति दी गई । आंध्र प्रदेश की पारंपरिक वेशभूषा और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करते हुए शानदार नृत्यों की प्रस्तुति ने दर्शकों को मुग्ध कर दिया। सी नागेश्वर राव के निर्देशन में क्लासिकल डांस तैयार किए गए । इसमें जी हृतिका, वसंथ लक्ष्मी ने नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। पी मीना , अनीता राव व सी लक्ष्मी ने तेलुगू गीतों की मंत्रमुग्ध करने वाले गीतों की प्रस्तुति दी ।वेनिला, यगिनी,प्रतिज्ञा, वंशिका ,चिरंजीवी, ज्ञानेश्वर, प्रवीण , जी रामा, एम सुनीता, और के माणिक्यम ने मनमोहक प्रस्तुति दी । आंध्रा समाज के टाटा श्रीनिवास गारू व एम गणेश को सम्मानित किया गया । इसकी प्रभारी थीं । वहीं इस राज्य के मसालेदार, चटपटे और मीठे स्वादों से भरपूर कई व्यंजन स्टाल में शामिल हुए। जिसमे पुलिहोरा,इडली, वड़ा, मैसूर डोसा,बुरेलु और जुन्नू स्वादिष्ट थे।

मंत्र हस्तलिखित गुडलक तोरण

मेला में पहली बार शामिल श्वेत व लाल चंदन के हस्तलिखित मंत्रों के तोरण, बंदनवार का स्टॉल लोगों के आकर्षण का केंद्र बना है । इसके निर्माता आशुतोष दुबे ने बताया की तीन वर्षों में इस कला को सीख कर इसका निर्माण किया है। ईश्वर पर अर्पित किए हुए पुष्पों का उपयोग करके तुलसी , गुलाब,चन्दन आदि से इसकी स्याही तैयार करके आम्र आदि पत्तों पर वैदिक एवं बीज मंत्रों को चाँदी की कलम से लिखते हैं । जिससे घर में प्रवेश करने वाले उसको पढ़ते हैं उससे पढ़ने वालों तथा उस स्थान पर पॉजिटिव एनर्जी, सुख समृद्धि, शांति मिलती है ।

मेला में प्रबंधक सुब्रत चाकी, मेला संयोजक प्रवीण मैशेरी, सह संयोजक द्वय अमरजीत सिंह छबड़ा व मनीषा सिंह, महिला कार्य सह प्रमुख इला गुप्ता, शीला शर्मा, दिग्विजय भाकरे, जगदीश पटेल, सुमन मुथा , इंदिरा जैन, सुनीता चंसोरिया, तृप्ति चौहान, मंजुला जैन सहित कार्यकर्ता विशेष रूप से मौजूद रहे ।

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