Chhattisgarh News: कैबिनेट का कब होगा विस्‍तार..? इस पर सवाल पर क्‍या आया विष्‍णुदेव का जवाब..देखिये..वीडियो

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Chhattisgarh News: रायपुर। विष्‍णुदेव साय कैबिनेट का विस्‍तार को लेकर जितनी आम लोगों में जिज्ञासा है उससे कहीं ज्‍यादा बीजेपी विधायकों में है। मंत्रिमंडल में 2 पद खाली हैं। छत्‍तीगसढ़ विधानसभा में 90 सदस्‍य हैं, इस लिहाज से प्रदेश की कैबिनेट में मुख्‍यमंत्री के साथ 12 मंत्री रह सकते हैं, लेकिन अभी सीएम के अलावा 10 ही मंत्री हैं। एक पद पहले से खाली था, जबकि मंत्री का दूसरा पद बृजमोहन अग्रवाल के इस्‍तीफे की वजह से खाली हो गया है।

ऐसे में सभी लोग मंत्रिमंडल के विस्‍तार का इंतजार कर रहे थे, उम्‍मीद की जा रही थी कि 22 जुलाई से शुरू हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र से पहले कैबिनेट का विस्‍तार हो जाएगा, लेकिन केदार कश्‍यप को संसदीय कार्य विभाग की जिम्‍मेदारी देकर सीएम ने उस संभावना को खत्‍म कर दिया है। बता दें कि एक दिन पहले ही कश्‍यप को संसदीय कार्य विभाग का अतिरिक्‍त प्रभार सौपें जाने का नोटिफिकेशन जारी हुआ है।

आज जब राजधानी के पंडित दीन दयाल ऑडिटोरियम में सीएम की मीडिया से चर्चा हुई तो अन्‍य सवालों के साथ पत्रकारों ने मंत्रिमंडल के विस्‍तार को लेकर सवाल किया। इस पर सीएम ने हंसते हुए जवाब दिया, कहा..इसके लिए आपको इंतजार करना पड़ेगा।

कैबिनेट विस्‍तार की अटकलों पर सीएम विष्‍णु देव ने लगाया ब्रेक: छत्‍तीगसढ़ में बीजेपी पहले भी कर चुकी है ऐसा…

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के विष्‍णु देव साय सरकार के मंत्रिमंडल में दो कुर्सी फिलहाल खाली ही रहेगी। इस बात के संकेत खुद मुख्‍यमंत्री विष्‍णु देव ने दिया है। छत्‍तीसगढ़ में मंत्रिमंडल में कुर्सी खाली रखना बीजेपी के लिए कोई नई बात नहीं है। इससे पहले डॉ. रमन सिंह की सरकार में भी मंत्रियों की कुर्सी लंबे समय तक खाली रखी गई थी। ऐसे में विष्‍णु देव सरकार में खाली रखी गई मंत्रियों की दोनों कुर्सियों के लिए शपथ ग्रहण कब तक होगा, यह कहना कठिन है। माना जा रहा है कि कैबिनेट में नए मंत्रियों की इंट्री में अभी वक्‍त लग सकता है।

दरअसल, रायपुर सांसद चुने गए बृजमोहन अग्रवाल के पास शिक्षा के साथ संसदीय कार्य विभाग का भी काम था। अग्रवाल के इस्‍तीफा के बाद यह विभाग सीएम विष्‍णु देव के पास चला गया। इस बीच 22 तारीख से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। सत्र के दौरान संसदीय कार्य मंत्री का काम बढ़ जाता है, ऐसे में उम्‍मीद की जा रही थी कि विष्‍णु देव कैबिनेट का जल्‍द विस्‍तार हो जाएगा। सीएम के दिल्‍ली दौरों से मंत्रिमंडल विस्‍तार की अटकलों को बल भी मिल रहा था, लेकिन अब सीएम ने संसदीय कार्य विभाग केदार कश्‍यप को सौंप दिया। ऐसे में अब माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल का विस्‍तार फिलहाल टल गया है।

पहले भी खाली रखी गई है कुर्सी

छत्‍तीसगढ़ की सत्‍ता में बीजेपी चौथी बार काबिज हुई है। इससे पहले 2003, 2008 और 2013 में डॉ. रमन सिंह के नेतृत्‍व में बीजेपी की सरकार बनी थी। 2003 में सरकार गठन के दौरान मंत्रिमंडल की संख्‍या को लेकर कोई बाध्‍यता नहीं थी, ऐसे में तत्‍काल मुख्‍यमंत्री डॉ. रमन सिंह के साथ 16 मंत्रियों यानी कुल 17 लोगों ने शपथ लिया था। 2004 में मंत्रिमंडल के साथ संख्‍या की बाध्‍यता वाला कानून आ गया तो मंत्रिमंडल का आकार छोटा किया गया।

2008 में डॉ. रमन के ही नेतृत्‍व में जब बीजेपी दूसरी बार सत्‍ता में आई तब डॉ. रमन के साथ 11 मंत्री शपथ लिए थे। इनमें ननकीराम कंवर, बृजमोहन अग्रवाल, राम विचार नेताम, पुन्नूलाल मोहिले, चन्द्रशेखर साहू, अमर अग्रवाल, हेमचन्द्र यादव, विक्रम उसेन्डी, राजेश मूणत, केदार कश्यप और लता उसेंडी शामिल थे। मंत्री का एक पद खाली रखा गया था।

2013 में लगातार तीसरी बार बीजेपी प्रदेश की सत्‍ता में काबिज हुई। तब डॉ. रमन सिंह ने अकेले ही शपथ लिया। बाद में 9 मंत्रियों ने शपथ ली। बृजमोहन अग्रवाल, प्रेमप्रकाश पांडे, अमर अग्रवाल, केदार कश्यप, अजय चंद्रकार, रामसेवक पैकरा, पुन्नू लाल मोहले, राजेश मूणत और रमशीला साहू शामिल थे। भैयालाल राजवाड़े, महेश गागड़ा और दयालदास बघेल 2015 में मंत्री बनाए गए।

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