Chhattisgarh News: डिप्‍टी कलेक्‍टर खुद ही हो गए सरकारी सिस्‍टम का शिकार: खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा, जीएडी और रेवेन्‍यू सेक्रेटरी किए गए तबल

Chhattisgarh News: डिप्‍टी कलेक्‍टर खुद ही हो गए सरकारी सिस्‍टम का शिकार: खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा, जीएडी और रेवेन्‍यू सेक्रेटरी किए गए तबल

Chhattisgarh News: बिलासपुर। डिप्टी कलेक्टर के पद से रिटायरमेंट के बाद एक अफसर को अपने ही विभाग के आला अफसरों ने नियम कानून में ऐसा उलझाया कि परेशान हो गए। रिटायरमेंट के दो साल बाद सेवानिवृति देयकों का भुगतान किया। रिटायर डिप्टी कलेक्टर ने दो साल के ब्याज की राशि देने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। मामले की सुनवाई जस्टिस सचिन सिंह राजपूत के सिंगल बेंच में हुई। जस्टिस राजपूत ने सामान्य प्रशासन व राजस्व विभाग के सचिव को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने कहा है। कोर्ट ने कोरिया कलेक्टर को अलग से नोटिस जारी करते हुए तत्काल जवाब पेश करने का निर्देश दिया है।

अम्बिकापुर निवासी रामनाथ राम सनमानी ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं दुर्गा मेहर के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बताया है कि वह जिला-कोरिया में डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदस्थ थे। 31 जुलाई 2017 को 62 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर उन्हें सेवानिवृत्त कर दिया गया। सेवानिवृत्ति के पश्चात् उनके विरूद्ध लंबित विभागीय जांच का हवाला देकर समस्त सेवानिवृत्ति देयक के भुगतान पर रोक लगा दी।

20 जुलाई 2022 को उन्हें विभागीय जांच कार्यवाही में भी पूर्ण रूप से दोषमुक्त कर दिया गया। विभागीय रिपोर्ट पेश करने के बाद भी अत्यन्त विलंब से वर्ष 2024 में सेवानिवृत्ति देयक का भुगतान किया गया। याचिकाकर्ता ने विलंब की भरपाई के लिए रिटायरमेंटल ड्यूज पर ब्याज की मांग की है। मामले की सुनवाई जस्टिस राजपूत की सिंगल बेंच में हुई।

याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता पांडेय ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 के नियम 9 में दिए गए प्रविधान की जानकारी देते हुए कहा कि किसी भी शासकीय कर्मचारी के रिटायरमेन्ट के पश्चात् उसके विरूद्ध विभागीय जांच लंबित होने पर सिर्फ 50 प्रतिशत पेंशन एवं ग्रेच्युटी राशि रोकी जा सकती है। उक्त राशि का रिटायरमेन्ट के दो वर्ष पश्चात् भुगतान किया जाना आवश्यक है।

नियम कानून के जानकारों ने यह सब जानबूझकर किया

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि राज्य शासन के दिशा निर्देशों और मापदंड का परिपालन करने की जिम्मेदारी विभाग के आला अफसरों की होती है। शासन की मंशा क्या है और दिशा निर्देशों का किस अंदाज में पालन करने उनकी जिम्मेदारी होती है। याचिकाकर्ता ने कहा कि उनके मामले में आला अधिकारियों ने जिन्हें नियमों का जानकार माना जाता है,जानबूझकर परेशान करने की नियत से रिटायरमेंटल ड्यूज को रोका और विलंब किया। इससे उसे मानसिक आघात तो लगा है साथ ही आर्थिक दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा है। जानबूझकर किए गए इस कृत्य की भरपाई उनके रिटायरमेंटल ड्यूज की राशि में ब्याज का भुगतान करने की मांग की है।

इसलिए डिप्टी कलेक्टर ने मांगा ब्याज

याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक याचिका में दिए गए फैसले का हवाल दिया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा डा. ए. सेल्वाराज विरूद्ध सीबीएम. कालेज एवं अन्य के मामले में फैसला दिया है कि किसी शासकीय कर्मचारी के सेवानिवृत्ति देयक का विलंब से भुगतान होने पर वह सेवानिवृत्ति देयक के साथ-साथ उस पर ब्याज की राशि प्राप्त करने का हकदार होगा। हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता की याचिका को स्वीकार करते हुए सामान्य प्रशासन विभाग व राजस्व विभाग के सचिव को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कलेक्टर कोरिया को इस मामले में तत्काल जवाब पेश करने कहा है। अंतिम सुनवाई के लिए कोर्ट ने अक्टूबर का महीना तय कर दिया है।

Related articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share