Chhattisgarh News: कलेक्टरों की सुस्त चाल: स्कूल जतन योजना में भ्रष्टाचार पर 15 दिन में मांगी गई थी रिपोर्ट, 2 महीने बाद सक्रिय हुए कलेक्टर

Chhattisgarh News: रायपुर। छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान स्कूल भवनों की मरम्मत सहित अन्य कार्यें के लिए स्कूल जतन योजना शुरू की गई थी। हर स्कूल को 5-5 लाख रुपये दिए गए थे। इस योजना पर करीब 2 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। आरोप है कि ज्यादातर स्कूलों में योजना के तहत कोई काम नहीं हुआ और पूरा पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। विपक्ष में रहते इस योजना को लेकर लगातार हमलावर रही। वहीं, सत्ता में आते ही पूरे मामले की जांच के निर्देश जारी कर दिए गए।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश का हवाला देते हुए लोक शिक्षण संचालनालय ने 8 जुलाई को इस संबंध में प्रदेश के सभी कलेक्टरों को पत्र लिखा था। इसमें सीएम के निर्देश का हवाला देते हुए पूरे मामले की जांच रिपोर्ट 15 दिन के भीतर देने का निर्देश दिया था। आदेश जारी होने के करीब दो महीने बाद 12 और 13 सितंबर को कलेक्टरर्स कांफ्रेंस हुआ, तब तक किसी भी जिले से इसकी रिपोर्ट नहीं पहुंची थी। बैठक के बाद मीडिया से चर्चा के दौरान सीएम ने खुद स्कूल जतन योजना की जिक्र करते हुए कहा कि सरकार जांच करा रही है, जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।
डीपीआई के पत्र के बाद राज्य के 33 में से केवल 4 जिलों कोरिया, गरियाबंद, दंतेवाड़ा और सरगुजा से ही रिपोर्ट आई है। बाकी जिलों में डीपीआई से 8 जुलाई का जारी पत्र को ज्यादातर कलेक्टरों ने फाइल में दबा दिया था, लेकिन कलेक्टर्स कांफ्रेंस में सीएम विष्णुदेव ने जब इस पर सवाल किया तो सभी का माथ ठनक गया। बताया जा रहा है कि बैठक से लौटने के बाद अब कलेक्टरों ने उस आदेश की खोज खबर लेने के बाद उस पर कार्रवाई शुरू की है। ऐसे में स्कूल जतन योजना पर जिलों से डीपीआई को कब तक रिपोर्ट आएगी यह कहना मुश्किल है।
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