Chhattisgarh News: स्वास्थ्य क्षेत्र में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रखी मजबूत अधोसंरचना और बेहतर सुविधाओं की नींव

Chhattisgarh News: स्वास्थ्य क्षेत्र में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रखी मजबूत अधोसंरचना और बेहतर सुविधाओं की नींव

Chhattisgarh News: रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर गुणवत्ता, आधुनिक सुविधाएं और मजबूत अधोसंरचना की ओर आगे बढ़ाया जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता वाला क्षेत्र माना है और इस दिशा में योजनाओं को लागू किया जा रहा है। मुख्यमंत्री साय का कहना है कि बेहतर इलाज की सुविधा के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और बजट को दोगुना करना हमारा लक्ष्य है। हर संभाग में सुपरस्पेशलिटी अस्पताल से शुरूआत कर हम हर जिले के स्वास्थ्य क्षेत्र के ढांचे को मजबूत बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

उन्होंने पिछले एक साल में हुए काम को एक मजबूत नींव की तरह बताया और कहा कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य और इलाज की व्यवस्था विकसित छत्तीसगढ़ की दिशा को मूर्त रूप प्रदान करेगी। छत्तीसगढ़ में सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों में हिंदी में चिकित्सा शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के सीनियर रेसीडेंट से लेकर प्राध्यापकों के वेतन में बढ़ोतरी की है।

200 करोड़ का सुपरस्पेशलिटी अस्पताल

200 करोड़ की लागत से बिलासपुर में सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धनवंतरी दिवस के दिन लोकार्पण किया। राज्य में प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के फेस-4 के तहत इसे तैयार किया गया है।

ऐसा है अस्पताल

– 11 मंजिला यह अस्पताल बिलासपुर का सबसे ऊंचा भवन है जिसमें सीटी स्कैन, एमआरआई, डिजिटल एक्स-रे, कलर डॉपलर टीएमटी मशीन जैसी सुविधाएं उपलब्ध है।

– 240 बिस्तर वाले इस अस्पताल में 70 आईसीयू एवं आईसीसीयू बेड रहेंगे। इस अस्पताल में 08 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर का भी निर्माण किया गया है।

– इसमें न्यूरोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, पल्मनोलॉजी और जनरल मेडिसिन सहित चार ओपीडी प्रारंभ किये जा रहे हैं। इस अस्पताल में ब्लड बैंक और पैथोलॉजी लैब की भी सुविधा मिलेगी।

CRIYN (केंद्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान)

रायपुर में केंद्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (CRIYN) तैयार होगा। 90 करोड़ रूपए की लागत से अगले 10 एकड़ क्षेत्र में 24 माह में तैयार होगा।

यह 100 बिस्तरों का केंद्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान होगा।

इसके जरिए प्रशिक्षण से लेकर स्वरोजगार की तरफ युवाओं को मौके मिलेंगे और रोजगार की दिक्कतें दूर होंगी।

इस संस्थान के जरिए छत्तीसगढ़ में योग और प्राकृतिक चिकित्सा के जरिए अपना इलाज कराने वालों को एक विकल्प मिलेगा और वे प्रकृति से जुड़कर अपने स्वास्थ्य को बेहतर रख पाएंगे।

46 फीसदी तक डाक्टरों के वेतन में वृद्धि

– शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के सीनियर रेसीडेंट से लेकर प्राध्यापकों के वेतन में हुई ऐतिहासिक वृद्धि। प्राध्यापक को अब अनुसूचित क्षेत्र में 2 लाख 25 हजार तथा गैर अनुसूचित क्षेत्र में मिलेगा 1 लाख 90 हजार रूपए वेतन मिलेंगे। अनुसूचित क्षेत्र में लगभग 46 फीसदी तथा गैर अनुसूचित क्षेत्र में लगभग 23 फीसदी तक की वेतन वृद्धि।

6 करोड़ रुपए लीवर और किडनी ट्रांसप्लांट (ऑर्गन ट्रांसप्लांट) उपकरणों के लिए की मंजूरी।

– अंबेडकर अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए नई वर्चुअल मशीन की भी स्वीकृति मिली है।

50 फीसदी मलेरिया के मामले बस्तर में घटे।

– मलेरिया के वार्षिक परजीवी सूचकांक दर के अनुसार, 2018 में छत्तीसगढ़ में मलेरिया की दर 2.63 फीसदी थी जो 2023 में घटकर 0.99 फीसदी रह गई है। इसी तरह बस्तर में यह दर 16.49 फीसदी से घटकर 7.78 फीसदी रह गई है। मलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत 2020 से 2023 के दौरान, पहले से नौंवे चरण तक मलेरिया धनात्मक दर 4.60 फीसदी से घटकर 0.51 फीसदी हो चुकी है।

535 चिकित्सा अधिकारियों की हुई संविदा नियुक्ति।

– मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर हरेली त्योहार के दिन राज्य को मिली बड़ी सौगात।

एमबीबीएस अब हिंदी में

हिन्दी दिवस पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में हिन्दी में भी होगी पढ़ाई। इसी शैक्षणिक सत्र से एमबीबीएस की पढ़ाई की सुविधा हिंदी में भी होगी उपलब्ध। ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों को मिलेगा लाभ, चिकित्सा छात्रों का आधार भी होगा मजबूत।

4 जिलों एमसीबी, सूरजपुर, बलरामपुर और कोंडागांव में नवीन जिला आयुर्वेद कार्यालयों की स्थापना की स्वीकृति।

– 4 जिलों में जिला आयुर्वेद अधिकारी के साथ कुल 16 पदों की मिली स्वीकृति

43 करोड़ 16 लाख मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के जरिए स्वीकृत।

– 1211 मामले 9 माह में ( जनवरी से सितंबर 2024) सुलझाए गए।

33 हजार 300 फार्मासिस्ट का पंजीयन।

– फार्मेसी काउंसिल के आनलाइन पंजीयन सुविधा के तहत पंजीयन कराने के लिए आवेदकों को फार्मेसी काउंसिल का नहीं लगाना पड़ेगा चक्कर

90 करोड़ 8 लाख 84 हजार 20 रुपए मितानिनों के खाते में।

– अब राज्य स्तर से डीबीटी के माध्यम से प्रतिमाह मानदेय दिया जा रहा है।

ग्राफिक्स के साथ….

स्वास्थ्य क्षेत्र की प्रमुख योजनाएं, उनके उद्देश्य और लाभ

1. आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना तथा शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना

उद्देश्य- राज्य में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना तथा शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत अन्त्योदय व प्राथमिकता राशन कार्डधारी परिवारों को केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा, आयुष्मान कार्ड के माध्यम से प्रति परिवार प्रति वर्ष रू. 5 लाख तक निःशुल्क इलाज प्रदाय करना।

लाभ- बीपीएल राशनकार्ड धारी को 5 लाख रूपए कर तथा राज्य के शेष राशन कार्डधारी परिवारों को राज्य सरकार द्वारा प्रति वर्ष प्रति परिवार रू. 50 हजार तक का ईलाज आयुष्मान के माध्यम से निःशुल्क प्रदाय किया जा रहा है। सितंबर माह 2024 तक राज्य के लगभग 2.26 करोड़ (82.8%) नागरिकों को आयुष्मान कार्ड प्रदान किया जा चुका है।

2. मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना

उद्देश्य- प्राथमिकता एवं अंत्योदय राशनकार्ड धारी परिवारों को 25 लाख रूपए तक के इलाज की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना।

लाभ- लीवर प्रत्यारोपण, किडनी प्रत्यारोपण, बोनमेरो ट्रांसप्लांट, फेफड़े का प्रत्यारोपण, हृदय रोग, हीमोफीलिया एवं कैंसर जैसी बीमारियों में 25 लाख रूपए की आर्थिक सहायता।

3. आयुष्मान आरोग्य मंदिर

उद्देश्य- आयुर्वेद के मूलभूत सिद्धांतों की सामान्य जानकारी एवं सामान्य रोगों के घरेलू उपचार तथा औषधियों की जानकारी प्रदान करना।

लाभ- 400 आयुष्मान आरोग्य केंद्रों के माध्यम से 12 प्रकार की सेवाओं का आयुष पद्धति के माध्यम से क्रियान्वयन। योग प्रशिक्षकों के माध्यम से जनसामान्य को दैनिक योगाभ्यास हेतु प्रेरणा एवं प्रशिक्षण प्रदान करना।

4. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम

उद्देश्य- स्कूल एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण एवं टीकाकरण।

लाभ- बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण, आवश्यकता पड़ने पर उच्च संस्था में उपचार दिया जाता है।

माह दिसंबर 2023 से अगस्त 2024 तक कुल 48.6 लाख बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया एवं 15855 बच्चों को उपचार हेतु उच्च संस्थानों में भेजा गया।

5. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम ( जीवन धारा)

उद्देश्य- जिला अस्पताल एवं अन्य स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से किडनी पीड़ित मरीजों को डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराना।

लाभ- 26 जिला अस्पताल एवं 6 अन्य स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से कुल 142 मशीनों के माध्यम से डायलिसिस सुविधा मिल रही है। सुपेबेड़ा में 18 वर्ष एवं उससे उपर के सभी लोगों का एनसीडी (नान कम्यूनिकेबल डिजीज) स्क्रीनिंग किया जा रहा है।

6.मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना

उद्देश्य- गांवों के हाट बाजारों में चलित वाहन के माध्यम से 8 प्रकार की सेवाएं ( एएनसी, एनसीडी, सीडी, नेत्र रोग, कुपोषण, चर्म रोग, एचआईवी, परिवार नियोजन सलाह) उपलब्ध कराना। 10 प्रकार की जांच ( मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया, सिकल सेल, एचआईवी, हीमोग्लोबीन, शुगर, रक्तचाप, नेत्र) की जांच करना। 60 प्रकार की दवाइयां प्रदान करना।

लाभ- 8 प्रकार की सेवाएं तथा 10 प्रकार की जांच कर मरीजों को 60 प्रकार की दवाइयां उपलब्ध होती हैं।

7. सियान जतन क्लीनिक

उद्देश्य- 52 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में वयोवृद्ध लोगों की देखभाल सेवाएं प्रदान करना।

लाभ- सेवाएं, मधुमेह जांच, उच्च रक्तचाप जांच,छड़ी एवं चश्मा वितरण

8. पीएम जनमन योजना

उद्देश्य- पीवीटीजी परिवारों को प्रमुख व्यक्तिगत अधिकारों का लाभ प्रदान करना है। योजना के तहत पीवीटीजी बस्तियों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान कर जनजातीय समुदायों को केंद्र और राज्य की योजनाओं और उनके तहत मिलने वाले लाभों के बारे में जागरूक किया जाता है।

मिलने वाले लाभ- छत्तीसगढ़ में पीएम जनमन योजना के तहत विगत 9 माह में लगभग 7 लाख पीवीटीजी हितग्राहियों की स्वास्थ्य जांच। राज्य में 62 मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से कुल 18 चिन्हांकित पीवीटीजी जिलों में मिल रही हैं स्वास्थ्य सुविधाएं। आधार कार्ड, सामुदायिक प्रमाण पत्र, जन धन खाते और वन अधिकार अधिनियम के लाभार्थियों को पट्टे प्रदान किए जा रहे हैं। अभियान के एक हिस्से में स्वास्थ्य शिविर भी शामिल किया गया है। ये शिविर हितग्राहियों के लिए योजनाओं के तहत तत्काल लाभ प्रदान करने और पीवीटीजी समूहों के लिए विशेष रूप से स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर आयोजित हो रहे हैं।

स्वास्थ्य क्षेत्र में मुख्यमंत्री की बड़ी घोषणा

स्वास्थ्य विभाग घोषणा पत्र 2023

1. प्रधानमंत्री जन आरोग्य योनजा (आयुष्मान भारत) के तहत वार्षिक सीमा को दोगुना करके प्रति परिवार को रू5 लाख से रू10 लाख का स्वास्थ्य बीमा

वर्तमान स्थिति – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ;चउरंलद्ध के तहत वार्षिक सीमा को दोगुना करके प्रति परिवार को रू5 लाख से रू10 लाख का स्वास्थ्य बिमा किया जाना है एवं ;ेअेंलद्ध के तहत ए.वी.एल परिवार के तहत 50 हजार से एक लाख किया प्रक्रियाधीन है।

2. राज्य में 500 नए जन औषधि केंद्र बना कर सस्ती दवाइयाँ उपलब्ध कराएंगे

वर्तमान स्थिति- राज्य में 500 नए जन औषधि केंद्र बना कर सस्ती दवाइयाँ उपलब्ध कराया जा रहा है और धनवंतरी औषधालय में परिवर्तित किया जा रहा है।

3. हम छत्तीसगढ़ के हर संभाग में एम्स की तर्ज पर छत्तीसगढ़ इंस्टिटूट आफ मेडिकल साइंस का निर्माण करेंगे।

वर्तमान स्थिति

सरगुजा संभाग- चिकित्सा महाविद्यालय के साथ सम्बद्ध चिकित्सालय व निर्मित होने वाले नवीन सुपर स्पेशिलिटी चिकित्सालय को मिलाकर सरगुजा संभाग में एम्स जैसी स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जा सकेंगी।

बिलासपुर संभाग- लगभग 700 करोड़ की लागत से नवीन चिकित्सा महाविद्यालय भवन व सम्बद्ध चिकित्सालय भवन बनाये जाने हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में प्रारंभिक तौर पर रू. 10.00 करोड़ प्रावधान किया गया है।

रायपुर संभाग- मेकाहारा चिकित्सालय परिसर में रू. 322.00 करोड़ की लागत से एकीकृत चिकित्सालय का निर्माण किया जा रहा है।

बस्तर संभाग- जगदलपुर में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व सम्बन्ध चिकित्सालय का संचालन किया जा रहा है। यहां केन्द्र सरकार के सहयोग से केन्द्र प्रवर्तित योजना अंतर्गत सुपरस्पेशिलिटी चिकित्सालय का निर्माण किया जा रहा है।

दुर्ग संभाग- सुपरस्पेशिलियटी चिकित्सालय का निर्माण का प्रस्ताव आगामी बजट में भेजे जाने हेतु तैयार करना।

4. हम प्रदेश के हर ब्लाक में सिकल सेल स्क्रीनिंग सेंटर स्थापित कर समस्या को जड़ से खत्म करेंगे और हर नागरिक को सिकल सेल एनीमिया कार्ड जारी किया जाएगा।

वर्तमान स्थिति- राष्ट्रीय सिकल सेल उन्मूलन मिशन अंतर्गत राज्य में 0-40 वर्ष के 1.1 करोड़ लोगों का मास स्क्रीनिंग किया गया और यह कार्य निरंतर किया जा रहा है। कुल 75.8 लाख व्यक्तियों को सिकल सेल जनेटिक कार्ड वितरण किया जा चुका है।

5. हम राज्य के हर ब्लाक में एक डायलिसिस केंद्र सुनिश्चित करेंगे।

वर्तमान स्थिति- वर्तमान में राज्य के 33 जिलों में से 25 जिलों में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम (जीवन-धारा) अंतर्गत् 29 डायलिसिस सेन्टर का संचालन किया जा रहा हैं। आगामी 02 माह में पांच नवीन जिलों (मोहला-मानपुर, खैरागढ़ छुईखदान, सक्ती, सारंगढ़ एवं मनेन्द्रगढ़) में डायलिसिस प्रारंभ हो जाएगा। कार्य आदेश जारी किया गया है। 146 विकासखंडों में स्वयं संचालन करने हेतु कुल वार्षिक अनुमानित व्यय 4534.76 लाख होने की संभावना हैं।

6. हम राज्य के दूर-दराज और आदिवासी क्षेत्रों के लिए 150 मोबाइल क्लीनिक लान्च करेंगे, जिसमें जन-जागरूकता के लिए आदिवासी समुदाय से एक वालंटियर होगा।

वर्तमान स्थिति- दूररदाज तथा आदिवासी क्षेत्रों हेतु वर्तमान में 30 मोबाईल मेडिकल यूनिट संचालित है। इसके अतिरिक्त भारत सरकार को 88 वाहनों हेतु प्रस्ताव प्रेषित किया गया था जिसके विरूद्ध 57 वाहनों हेतु स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है, जिसमें निविदा की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। इसके साथ ही हाट बाजार क्लिनिक योजना अंतर्गत पूरे राज्य में 350 से अधिक वाहन संचालित है जिसमें से 172 वाहन आदिवासी अंचलों में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करा रहे है।

7. राज्य के सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए सालाना निःशुल्क संपूर्ण शारीरिक स्वास्थ्य जांच का प्रावधान किया जाएगा।

वर्तमान स्थिति- राज्य के सभी जिला अस्पतालों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए निःशुल्क संपूर्ण शारीरिक स्वास्थ्य जांच हेतु सप्ताह में एक दिन शिविर आयोजित किया जा रहा है। सियान जतन क्लिनिक के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयुष्मान आरोगय मंदिर में जरूरी संवाये प्रदाय की जा रही है। जिसमें मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोतियांबिंद, गठियारोग, श्रवण बाधित एवं अन्य जांच हेतु समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश जारी किया गया है।

8. हम छत्तीसगढ़ मेडिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट लागू करके राज्य में 50 बेड से कम वाले अस्पतालों तथा नर्सिग होम पर अनुपालन का बोझ कम करेंगे।

वर्तमान स्थिति- छत्तीसगढ़ राज्य उपचर्यागृह तथा रोगोपचार संबंधी स्थापनाएं अनुज्ञापन अधिनियम 2010 तथा नियम 2013 को संशोधन प्रक्रियाधीन है।

9. हम स्वास्थ्य विभाग के बजट आवंटन को बढ़ाकर दोगुना करेगें।

वर्तमान स्थिति- वित्तीय वर्ष 2023-24 में स्वास्थ्य विभाग का बजट 5461 करोड़ रखा गया। 2023-24 7573 करोड़ कर दिया है, 38.5 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।

10. हम मितानिन कर्मचारियों की मासिक मानदेय राशि में 50 प्रतिशत की वृद्धि करेंगे तथा उन्हें पर्याप्त स्वास्थ्य संबंधी उपकरण प्रदान करेंगे।

वर्तमान स्थिति- स्वास्थ्य विभाग द्वारा उक्त प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया है।

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