Chhattisgarh News: CG प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि हड़पने वाला कियोस्क संचालक गिरफ्तार,सरपंच पति फरार

Chhattisgarh News: CG प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि हड़पने वाला कियोस्क संचालक गिरफ्तार,सरपंच पति फरार

Chhattisgarh News: बिलासपुर। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना में सरपंच पति के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा करने वाले ग्राम पंचायत सोन के कियोस्क संचालक साबित केंवट को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सरपंच पति अशोक केंवट फरार हो गया है।

सीईओ जनपद पंचायत मस्तूरी के जेआर भगत ने जांच रिपोर्ट की कापी के साथ सरपंच पति व कियोस्क संचालक के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर के लिए पुलिस में आवेदन सौंपा था। सीईओ के आवेदन पर मस्तूरी पुलिस ने सरपंच पति व कियोस्क संचालक के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज कर लिया है। कियोस्क संचालक को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

सरपंच पति अशोक केंवट प्रत्येक हितग्राही से 5000 रुपये कियोस्क संचालक साबित केवट के माध्यम से 20-20 हजार रुपये की निकासी में हस्ताक्षर करवाकर 15000 हजार रुपये दिया जा रहा और 5000 रुपये काट दिया गया है। इस प्रकार 13 हितग्राही से 65000 रुपये का धोखाधड़ी कर गबन किया गया है। अपराध दर्ज कर विवेचना दौरान कियोस्क संचालक आरोपी साबित केंवट पिता गजरू केवट उम्र 22 साल निवासी सोन थाना पचपेड़ी को को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। सरपंच पति अशोक केंवट फरार हो गया है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

सोशल मीडिया में वायरल हुआ था वीडियो

सरपंच पति द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के उन हितग्राहियों से भुगतान के एवज में पांच हजार रुपये ऐंठ लिए थे, जिनका आवास स्वीकृत होने के साथ ही आवास निर्माण के लिए राशि जारी कर दी गई थी। हितग्राहियों के हिस्से की राशि को सरपंच पति ने कियोस्क संचालक के साथ मिलकर अपने बैंक खाते में ट्रांसफर करा लिया था। अपने खाते से हितग्राहियों को राशि देने के एवज में 13 हितग्राहियों से बतौर कमीशन पांच-पांच हजार रुपये ले लिया था। सोशल मीडिया में सरपंच पति के इस कमीशनखोरी का वीडियो जमकर वायरल हुआ था।

कलेक्टर अवनीश शरण ने इसे गंभीरता से लेते हुए जिला पंचायत सीईओ को मामले की जांच कराने व रिपोर्ट सौंपने कहा था। कलेक्टर के निर्देश पर जिला पंचायत सीईओ ने जांच टीम बनाई थी। टीम ने हितग्राहियों के अलावा कियोस्क संचालक,महिला सरपंच व सरपंच पति से बयान लिया था। इसके बाद पूरी रिपोर्ट सीईओ को सौंप दी थी। सीईओ ने रिपोर्ट कलेक्टर के हवाले कर दिया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर दोषियों के खिलाफ एफआईआर कराने का निर्देश दिया था।

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