Chhattisgarh News: CG में आचार संहिता बना मजाक: शिक्षकों, कर्मचारियों को छुट्टी नहीं, कलेक्टर और बड़े अफसर बिना अनुमति जा रहे प्रयागराज…

Chhattisgarh News: रायपुर। छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के लिए महीने भर से आचार संहिता लगी हुई है। इस दौरान न तो सामान्य प्रशासन विभाग ने सर्कुलर जारी कर कहा था कि इस दौरान बिना कलेक्टर की अनुमति के कोई कर्मचारी, अधिकारी अवकाश नहीं ले सकेगा। जीएडी ने इस संदर्भ में नौ पेज का गाइडलाइन जारी किया था। मगर इस पर पूरे चुनाव के दौरान आधे-अधूरे ही अमल हो पाया।
आलम यह रहा कि कर्मचारियों से कहा गया बिना कलेक्टर के अनुमोदन के अवकाश नहीं मिलेगा, उधर राज्य के कई कलेक्टर ही कुंभी में डूबकी लगाने चले गए। कई कलेक्टरों ने तो सरकार को बताया भी नहीं। न ही जीएडी को सूचित किया।
कलेक्टर ही नहीं, जिले के कई पुलिस अधीक्षक समेत प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी प्रयागराज जाते रहे। कुछ को पुलि अधीक्षकों और एडिशनल एसपी, डीएसपी को पुलिस मुख्यालय से फटकार भी पड़ी।
जबकि, आचार संहिता से पहले भी जीएडी सर्कुलर जारी कर चुका है कि कोई भी कलेक्टर, एसपी बिना सूचना के मुख्यालय नहीं छोड़े़गा। अभी तो आचार संहिता भी प्रभावशील थी। मगर इसका कोइ्र फर्क नहीं पड़ा।
हालांकि, पहुंच वाले कर्मचारियों, शिक्षकों को छोड़ दें तो अधिकांश कर्मचारियों, शिक्षकों को कुंभ जाने के लिए छुट्टी का आवेदन मंजूर नहीं हुआ। मगर कई कर्मचारी, शिक्षक बड़े अफसरों की देखादेखी कुंभ स्नान कर आए।
शादी समारोहों में हिस्सा
सरकारी मुलाजिम आचार संहिता के दौरान सिर्फ कुंभ ही नहीं गए बल्कि शादी समारोहों में हिस्सा लेने भी मुख्यालय छोड़कर दूसरे जिलों या प्रदेशों में जाते रहे। राज्य निर्वाचन आयोग ने भी इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
जीएडी और पुलिस मुख्यालय के संज्ञान में यह है कि कलेक्टर, एसपी समेत बड़े अधिकारी किस तरह आचार संहिता को नजरअंदाज करते हुए किस तरह तफरीह करते रहे।
ग्रामीण क्षेत्रों में आचार संहिता जारी
15 फरवरी को नगरीय निकाय का रिजल्ट आने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने शहरी इलाकों से आचार संहिता हटा लिया। याने नगरीय क्षेत्रों में अब आचार संहिता शून्य हो गई है। मगर ग्रामीण इलाकों में आचार संहिता अभी भी प्रभावशील है। पंचायत चुनाव की आचार संहिता 23 फरवरी को समाप्त हो जाएगी।