Chhattisgarh liquor scam: CG 2161 करोड़ के शराब घोटाला में 24 बंडलों में चालान लेकर कोर्ट पहुंची एसीबी की टीम, 5 महीने में पूरी हुई चांच

Chhattisgarh liquor scam: रायपुर। शराब घोटाला मामले में ईओडब्ल्यू-एसीबी आज कोर्ट में चालान पेश करेगी। एसीबी की टीम मुख्यालय से वाहनों में भरक चालान और दस्तावेज लेकर कोर्ट के लिए रवाना हो चुकी है। प्रवर्तन निदेशाल (ईडी) से प्राप्त सूचना के आधार पर एसीबी ने इसी साल 17 जनवरी को इस मामले में एफआईआर की दर्ज की थी। जांच के दौरान एजेंसी ने मामले में फरार चल रहे कई आरोपियों जिनमें आबकारी विभाग के पूर्व विशेष सचिव एपी त्रिपाठी भी शामिल हैं, उन्हें गिरफ्तार किया। भिलाई के बड़े शराब कारोबारी के साथ ही कुछ और लोगों को एसीबी ने पकड़ा है।
शराब घोटला की एआईएस में आईएएस निरंजनदास, अनिल टूटेजा, उनके पुत्र यश टूटेजा के साथ एके त्रिपाठी, विवेक ढांड और तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा का नाम शामिल है। शराब घोटला में ही अनवर ढेबर, अरविंद सिंह, विजय भाटिया के साथ ही एक दर्जन से ज्यादा आबकारी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं।
मार्च 2023 में ईडी ने दिया था आवेदन
बताया जा रहा है कि ईडी जिस आवेदन के आधार पर एसीबी ने शराब घोटाला में एफआईआर दर्ज की है वह आवेदन ईडी ने मार्च 2023 में एसीबी- ईओडब्ल्यू को दिया था। लेकिन तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, ऐसे में उस समय एफआईआर दर्ज नहीं की गई, लेकिन अब सत्ता परिवर्तन के बाद राज्य सरकार की एजेंसी ने इन मामलें में एफआईआर दर्ज कर लिया है। दोनों मामलों में धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार की धाराओं में एफआईआर दर्ज किया गया है।
नोएडा में भी दर्ज है एक एफआईआर
शराब घोटाला में नोएडा में भी एक एफआईआर दर्ज है। यह एफआईआर ईडी की ही शिकायत पर नोएडा पुलिस ने दर्ज किया था। इसमें आबकारी विभाग के सचिव व विशेष सचिव समेत पांच लोगों को आरोपी बनाया गया है। यह एफआईआर नोएडा के कसाना थाना में आईपीसी की धारा 420, 468, 471, 473 और 120 बी के तहत दर्ज किया गया है।इस एफआईआर में ईडी की तरफ से नोएडा की कसाना पुलिस को बताया गया है कि ईडी की तरफ से छत्तीसगढ़ में शराब घोटला की जांच की जा रही है। इस जांच में ईडी को यह पता चला है कि नोएडा स्थित मेसर्स प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड को नियम विरुध्द तरीके से टेंडर दिया गया था, जबकि कंपनी टेंडर में शामिल होने के लिए पात्र ही नहीं थी। इसके बावजूद कंपनी ने छत्तीसगढ़ के आबकारी विभाग के अफसरों के साथ मिलकर टेंडर हासिल कर लिया। आरोप है कि छत्तीसगढ़ के अफसरों ने इस मामले में आठ पैसा प्रति होलोग्राम कमीशन लिया। एफआईआर में होलोग्राफी कंपनी के एमडी विदु गुप्ता का भी नाम है।






