Chhattisgarh Jashpur District: जानिए जशपुर के बारे में पूरी जानकारी, प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर से है परिपूर्ण

Chhattisgarh Jashpur District: जानिए जशपुर के बारे में पूरी जानकारी, प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर से है परिपूर्ण

Chhattisgarh Jashpur District: जशपुर, छत्तीसगढ़ राज्य का उत्तर-पूर्वी भाग, अपने साफ-सुथरे पर्यावरण, प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. यह जिला झारखंड से सटा हुआ है और छत्तीसगढ़ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यहां की हरियाली, जलप्रपात, गुफाएं और ऐतिहासिक स्थल न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि बाहरी पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनते हैं. जशपुर जिले की विशेषता यह है कि यहां की भूमि न केवल प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है, बल्कि यहां के सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों का भी महत्वपूर्ण स्थान है. आइए जानते हैं जशपुर के विभिन्न पहलुओं, इतिहास, संस्कृति, कृषि, उद्योग और पर्यटन स्थलों के बारे में

जशपुर का इतिहास

जशपुर, छत्तीसगढ़ का एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध क्षेत्र है, जो पहले एक रियासत हुआ करता था. 18वीं शताब्दी में डोम राजवंश का शासन था, लेकिन सुजन राय ने डोम शासक रायबन को हराकर नया राज्य स्थापित किया, जिसे जशपुर कहा गया. बाद में, जशपुर को भोसले के नागपुर साम्राज्य के तहत लाया गया और 1818 में इसे सरगुजा राज्य के अधीन कर दिया गया. 1950 तक यह छोटानागपुर राज्यों का हिस्सा था, और 1956 में मध्य प्रदेश के गठन के साथ जशपुर इस राज्य का हिस्सा बना. 1998 में यह एक स्वतंत्र जिला बना.

इतिहास की गहरी छानबीन से यह क्षेत्र पुरातात्विक दृष्टि से समृद्ध नजर आता है, लेकिन पुराने समय में किए गए ऐतिहासिक शोधों की जानकारी सीमित रही है. जशपुर में कई पुरातात्विक स्थल जैसे खुड़िया रानी और गोंडवाना महादेव स्थित हैं, जो इस क्षेत्र के प्राचीन और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाते हैं. इसके अलावा, यहां के स्थानीय जनजातियों की अपनी विशेष परंपराएं और रीति-रिवाज हैं, जो मौखिक इतिहास के माध्यम से पीढ़ी दर पीढ़ी संजोए गए हैं. जशपुर का इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर आज भी इस क्षेत्र की अनूठी पहचान बनाते हैं.

जशपुर जिले की प्रशासनिक जानकारी

जशपुर जिले का गठन 25 मई 1998 में हुआ था और इस जिले का क्षेत्रफल लगभग 5,838 वर्ग किलोमीटर है.2011 की जनगणना के अनुसार इस जिले की आबादी 8,51,669 थी. जशपुर जिले में 9 तहसील, 8 विकासखंड और एक नगर निगम परिषद है. जशपुर नगर इस जिले का मुख्यालय है. प्रशासनिक रूप से यह जिला महत्वपूर्ण है और इसका विकास निरंतर हो रहा है.

जशपुर की आर्थिक धारा कृषि

जशपुर की बड़ी आबादी कृषि कार्य में संलग्न है और यहाँ की उर्वर भूमि पर विभिन्न प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं. यहाँ पर चावल की कई किस्में उगाई जाती हैं, जिनमें सुगंधित चावल प्रमुख है. इसके अतिरिक्त, दालें, मक्का, रामतिल, गेहूं, इत्यादि की भी अच्छी पैदावार होती है. हालांकि, हाल के वर्षों में जशपुर की पहचान बागवानी के क्षेत्र में भी बढ़ी है. जिले में आम, लीची, नाशपाती, काजू, स्ट्रॉबेरी जैसे फलों की बंपर पैदावार हो रही है.

इसके साथ-साथ, यहाँ पर टमाटर, मिर्च, हरी सब्जियों की भी अच्छी उपज हो रही है. जशपुर की कृषि अब केवल स्थानीय उपभोग तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि देश भर और विदेशों में भी निर्यात हो रही है. खासतौर पर जशपुर का ‘काजू’ और ‘टाऊ’ (एक प्रकार का फल) विदेशों में जैसे चीन और तिब्बत में निर्यात हो रहा है.

वन संसाधन और अर्थव्यवस्था

जशपुर का लगभग 42% क्षेत्र वनाच्छादित है. इस जिले में वनोत्पादों की भरमार है. जिले के प्रमुख वन उत्पादों में तेंदु पत्ता, चिरौन्जी, शतावर, साल, हर्रा, लाख, मुसली, तेजपत्ता, भूंई नीम, कियोकंद, भूंई आंवला, काली हल्दी, हड़जोड़, पुनर्नवा आदि शामिल हैं. वनोत्पाद और बागवानी इस जिले की प्रमुख आर्थिक गतिविधियाँ हैं. इसके अलावा, जशपुर में चाय के बागान भी हैं और चाय की प्रोसेसिंग भी की जाती है. जशपुर की चाय अब देश भर में प्रसिद्ध हो चुकी है और इसकी मांग भी बढ़ी है.

जशपुर में बॉक्साइट के भी विशाल भंडार हैं. खुड़िया पहाड़, पंडरापाट और दातूनपानी क्षेत्रों में बॉक्साइट का खजाना पाया गया है. जिले में कई उद्योग भी स्थापित हैं जैसे टाइल्स और ब्रिक्स इंडस्ट्री, राइस मिल, पोहा मिल, मिर्च प्रोसेसिंग, क्रशिंग इंडस्ट्रीज, फ्लैक्स प्रिंटिंग और डिजाइनिंग, इत्यादि.

जशपुर जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल

जशपुर केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए ही नहीं बल्कि धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के लिए भी प्रसिद्ध है. यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल हैं:

1. कैलाश गुफा

कैलाश गुफा, समरबार संस्कृत महाविद्यालय के पास स्थित है. यह गुफा गहिरा गुरु जी महाराज द्वारा बनाई गई थी. गुफा के द्वार पर चौबीसों घंटे पानी रिसता रहता है, जो एक आकर्षक दृश्य प्रस्तुत करता है. यहाँ एक विशाल शिवलिंग स्थापित है और महाशिवरात्रि के अवसर पर यहाँ विशाल मेला आयोजित किया जाता है.

2. महागिरजाघर कुनकुरी

एशिया का दूसरा सबसे बड़ा चर्च, महागिरजाघर, जशपुर के कुनकुरी में स्थित है. यह चर्च 1962 में बनना शुरू हुआ और 1979 में श्रद्धालुओं के लिए खोला गया. इस चर्च की वास्तुकला अद्भुत है और इसमें सात छतें हैं जो एक ही बीम पर टिकी हुई हैं. यह चर्च एक साथ 10,000 श्रद्धालुओं को समायोजित कर सकता है और यहाँ प्रतिवर्ष लाखों लोग प्रार्थना के लिए आते हैं.

3. रानी दाह जलप्रपात

रानी दाह जलप्रपात जशपुर शहर का एक प्रमुख जलप्रपात है. यह जलप्रपात घने जंगलों के बीच स्थित है और यहां बहते पानी का दृश्य बहुत ही खूबसूरत लगता है. पर्यटक यहां पिकनिक का आनंद ले सकते हैं और प्रशासन द्वारा बनाए गए वॉच टॉवर से जलप्रपात का दृश्य देख सकते हैं.

4. बादलखोल वन्यजीव अभ्यारण

बादलखोल वन्यजीव अभ्यारण जशपुर से 90 किलोमीटर दूर स्थित है. यहां पर विभिन्न प्रकार के जंगली जानवरों को देखा जा सकता है जैसे हिरण, चिंकारा, नीलगाय, सांभर, जंगली भालू, आदि. यहाँ की हरियाली और वन्यजीवों की विविधता पर्यटकों को आकर्षित करती है.

5. माता खुड़ियारानी धाम

माता खुड़ियारानी धाम जशपुर का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है. यहाँ एक गहरी अंधेरी गुफा है जिसमें माता खुड़ियारानी की मूर्ति स्थापित है. यहाँ का ट्रैकिंग अनुभव बेहद रोचक और चुनौतीपूर्ण है, और यहाँ दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं.

6. कोटेबिरा एब नदी

कोटेबिरा एब नदी जशपुर का एक और सुंदर स्थल है. यह नदी पहाड़ियों के पास स्थित है और पर्यटकों को शांति और सुकून का अहसास कराती है. यहाँ हर साल भव्य मेला आयोजित होता है, जहाँ जशपुर की परंपराओं और संस्कृति का अद्भुत दृश्य देखने को मिलता है.

FAQS

प्रश्न 1. जशपुर जिले में कितनी तहसीलें हैं?

उत्तर: जशपुर जिले के अंतर्गत 9 तहसीलें जशपुर, मनोरा, कुनकुरी, दुलदुला, बगीचा, कांसाबेल, सन्ना, पत्थलगांव और फरसबहार है.

प्रश्न 2. जशपुर जिला कब बना था?

उत्तर: जशपुर को 25 मई 1998 में जिला घोषित किया गया.

प्रश्न 3. जशपुर जिले के कलेक्टर कौन है?

उत्तर: जशपुर जिले का वर्तमान कलेक्टर श्री रोहित व्यास हैं

प्रश्न 4. जशपुर का पिन नंबर क्या है?

उत्तर: कांकेर का पिन कोड 496331 है.

प्रश्न 5. जशपुर का पुराना नाम क्या था?

उत्तर: जशपुर को पहले यशपुर और जगदीशपुर के नाम से भी जाना जाता था.

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