Chhattisgarh High Court: हाई कोर्ट ने कहा- अब कलेक्टर की जरुरत नहीं, सिम्स को दुरुस्त करने और पटरी पर लाने की जिम्मेदारी डीन की

Chhattisgarh High Court: हाई कोर्ट ने कहा- अब कलेक्टर की जरुरत नहीं, सिम्स को दुरुस्त करने और पटरी पर लाने की जिम्मेदारी डीन की

Chhattisgarh High Court: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने प्रदेश के बड़े अस्पताल सिम्स को लेकर महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की अगुवाई वाली डिवीजन बेंच ने कहा कि अब बिलासपुर कलेक्टर को सिम्स का दौरा करने की जरुरत नहीं है। सिम्स के डीन पूरी व्यवस्था देखेंगे। सिम्स को पटरी पर लाना और जरुरतमंदों को चिकित्सा व्यवस्था दिलाने की जिम्मेदारी सिम्स के डीन की है। प्रशासनिक और चिकित्सा व्यवस्था की जिम्मेदारी डीन को संभालनी होगी।

CIMS (छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान) में फैली अव्यवस्था को लेकर मीडिया में लगातार प्रकाशित हो रही रिपोर्ट के अलावा छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की एक स्वत: संज्ञान वाली जनहित याचिका पर डिवीजन बेंच में एकसाथ सुनवाई हो रही है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस एके प्रसाद की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने महत्वपूर्ण व्यवस्था दी है। चीफ जस्टिस ने कहा कि मरीजों के साथ ही इलाज कराने आने वाले जरुरतमंदों को सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराने का काम सिम्स के डीन करेंगे। डिवीजन बेंच ने व्यवस्था और चिकित्सा सुविधा के संबंध में सिम्स के डीन काो व्यक्तिगत रूप से शपथ पत्र पेश करने पूरी जानकारी देने का निर्देश दिया है।

डिवीजन बेंच ने सुनवाई के दौरान पिछले 15 नवंबर 2024 को दिए गए आदेश के परिपालन के संबंध में जवाब-तलब किया। राज्य शासन की ओर से पैरवी के लिए उपस्थित अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि सिम्स अस्पताल बिलासपुर में इसके समुचित संचालन और यहां आने वाले मरीजों को सभी चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए एक नई टीम का गठन किया गया है।

मशीनें चल रही है,जांच भी हो रही है

अतिरिक्त महाधिवक्ता ने डिवीजन बेंच को जानकारी दी कि सोनोग्राफी,सिटी स्कैन सहित अस्पताल में उपलब्ध जरुरी मशीनें सुचारु रूप से आपरेट हो रही हैं,और मरीजों को इसका लाभ भी मिल रहा है। अस्पताल की व्यवस्थाएं दुरुस्त हो रही है। अतिरिक्त महाधिवक्ता के जवाब से डिवीजन बेंच ने संतुष्टि जताई।

डीएम को सिम्स का दौरा करने की नहीं है जरुरत,डीन संभालेंगे काम

अतिरिक्त महाधिवक्ता के जवाब और जरुरी जानकारी के बाद डिवीजन बेंच ने कहा कि जैसा कि राज्य शासन की ओर से जानकारी दी गई है,इस जानकारी पर हम भरोसा करते हैं, लिहाजा सिम्स की व्यवस्थाएं दुरुस्त हो रही है। इसलिए हमारा मानना है कि डीएम को सिम्स के दौरे की आवश्यकता नहीं है। यदि जरुरी हो तो कोर्ट द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों के परिपालन में गंभीरतापूर्वक कार्य किया जा सकता है।

नई टीम को करना होगा गंभीरता के साथ काम

पीआईएल की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस सिन्हा ने कहा कि जैसा कि राज्य शासन ने जानकारी दी है, सिम्स की व्यवस्था दुरुस्त करने नई टीम बनाई गई है, नई टीम को गंभीरता के साथ काम करना होगा, जरुरतमंदों की सुविधाओं का ख्याल भी रखना होगा। डिवीजन बेंच ने कहा कि सिम्स में इलाज के लिए आने वाले मरीजों और परिजनों की सुविधाओं का ख्याल रखने व व्यवस्था बनाने की पूरी जिम्मेदारी डीन को निभानी होगी। पीआईएल की अगली सुनवाई के लिए डिवीजन बेंच ने 10 जनवरी 2025 की तिथि तय की है। इससे पहले डीन को व्यक्तिगत रूप से शपथ पत्र पेश कर पूरी जानकारी देनी होगी।

Related articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share