Chhattisgarh High Court: हाईकोर्ट का बड़ा फैसला… पुलिस विभाग के तीन आला अफसरों के आदेश पर लगाई रोक

Chhattisgarh High Court: हाईकोर्ट का बड़ा फैसला… पुलिस विभाग के तीन आला अफसरों के आदेश पर लगाई रोक

Chhattisgarh High Court: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में विचारण न्यायालय के फैसले को बरकरार रखते हुए डीजीपी के उस आदेश को खारिज कर दिया है जिसमें याचिकाकर्ता आरक्षक के बर्खास्तगी आदेश को सही ठहराया था। जस्टिस रजनी दुबे ने याचिककर्ता आरक्षक को 30 प्रतिशत वेतनमान के साथ सेवा में बहाल करने का आदेश जारी किया है। आरक्षक सैयद खुर्शीद अली ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और नरेंद्र मेहेर के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।

डीजीपी के फैसले को चुनौती देते हुए आरक्षक सैयद खुर्शीद अली ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और नरेंद्र मेहेर के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। दायर याचिका में बताया है कि जांजगीर चांपा जिले के रक्षित केंद्र में पदस्थापना के दौरान उसके विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया था। विवेचना के बाद पुलिस रेगुलेशन एक्ट के पैरा 64 की कंडिका 2,4 और सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के विपरीत आचरण करने के आरोप में 16 फरवरी 2012 को सेवा से पृथक करने का आदेश पुलिस अधीक्षक जांजगीर चांपाने जारी किया था। पुलिस अधीक्षक के फैसले को चुनौती देते हुए आईजी बिलासपुर रेंज के समक्ष अपील पेश की थी।

15 नवंबर 2016 को जारी अपने आदेश में पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज ने उसकी अपील को खारिज करते हुए एसपी के आदेश को सही ठहराया। आईजी के आदेश के खिलाफ उसने डीजीपी के समक्ष अपील पेश की। अपील व दया याचिका पर सुनवाई करते हुए डीजीपी ने 31 मार्च 2017 को उसकी दया याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि उसके कृत्य से पुलिस विभाग की छवि धूमिल हुई है। मामले की सुनवाई जस्टिस रजनी दुबे की सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता सिद्दीकी ने कोर्ट को बताया कि विभागीय जांच और आपराधिक ट्रायील के गवाह और दस्तावेज समान है। ट्रायल कोर्ट ने याचिकाकर्ता को दोषमुक्त कर दिया है।

हाई कोर्ट ने तीन अफसरों के आदेश को किया खारिज

मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने एसपी जांजगीर चांपा द्वारा जारी सेवा से पृथक करने का आदेश, आईजी बिलासपुर रेंज द्वारा अपील रद्द करने और डीजीपी द्वारा दया याचिका आदेश को निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सेवा में बहाल करने का आदेश जारी किया है।

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