Chhattisgarh Education News: शिक्षकों के ट्रांसफर, प्रमोशन समेत सारे मामले अब नए मंत्री देखेंगे, इन्हें मिल सकती है स्कूल और उच्च शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी…

Chhattisgarh Education News: रायपुर। दिसंबर 2023 में छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनी तो रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक चुने गए बृजमोहन अग्रवाल शिक्षा विभाग की बागडोर सौंपी गई थी। मगर बीजेपी ने उन्हें लोकसभा चुनाव 2024 में रायपुर संसदीय सीट से उतार दिया और वे रिकार्ड मतों से चुनाव जीत भी गए। इसके बाद उन्होंने स्कूल शिक्षा मिनिस्ट्री से इस्तीफा दे दिया।
बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफे के बाद करीब नौ महीने से शिक्षा विभाग में कोई पूर्णकालिक मंत्री नहीं है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस विभाग को अपने पास इसलिए रख लिया था कि नए मंत्री बनने पर उनके सुपूर्द कर दिया जाएगा। मगर आज-कल होते-होते नौ महीने निकल गए। कई बार मंत्रिमंडल विस्तार फाइनल होने के बाद टल गया।
अब चूकि मंत्रिमंडल विस्तार होने जा रहा है। विष्णुदेव कैबिनेट में तीन नए मंत्री शामिल किए जा रहे हैं। मंत्रिमंडल विस्तार को देखते शिक्षा विभाग की फाइलें अब रोक दी गई है। वैसे भी अत्यंत जरूरी फाइलें ही मुख्यमंत्री के पास भेजी जाती थी। मगर मंत्रिमंडल विस्तार फायनल होने के बाद अब शिक्षा विभाग की फाइलें रोक दी गई हैं। अब नए मंत्रियों के शपथ के बाद जिन्हें शिक्षा विभाग का दायित्व मिलेगा, वे अब शिक्षकों और शिक्षा से जुड़े सारे मामलों पर फैसले लेंगे।
शिक्षकों के प्रमोशन से लेकर ट्रांसफर तक अब नए स्कूल शिक्षा मंत्री के आने के बाद ही होगा। हालांकि, पोस्टिंग और ट्रांसफर पर बैन है, इसलिए फाइल मुख्यमंत्री तक जाएगी मगर समन्वय में फाइलें संबंधित मंत्री के दस्तखत से ही जाती है। फिर स्कूल शिक्षा में ट्रांसफर, पोस्टिंग के अलावे भी अनेक काम होते हैं, जो नए मंत्री के आने के बाद रफ्तार पकड़ेंगे।
वैसे भी मुख्यमंत्री राज्य के मुखिया होते हैं। उनके पास शासन, प्रशासन और राजनीति से जुड़ी काफी जिम्मेदारियां होती है। इसके अलावे मुख्यमंत्री के पास करीब आधे दर्जन विभाग हैं। इसके बाद स्कूल शिक्षा जैसे विभाग, जो सबसे बड़ा मैनपावर के साथ ही सबसे अधिक फाइलों वाला विभाग है। सो, नए स्कूल शिक्षा मंत्री के आने से स्कूल शिक्षा के कामों में तेजी तो आएगी ही, मुख्यमंत्री का बोझ भी कम होगा।
नए शिक्षा मंत्री को प्राचार्यों के प्रमोशन के बाद पोस्टिंग का फैसला लेना होगा। लंबे समय से शिक्षक कैडर में प्रमोशन नहीं हुआ है। प्रमोशन के बाद पोस्टिंग और ट्रांसफर का क्या मॉडल होगा, इसे भी तैयार किया जाना है। पीएससी से प्राचार्यों प्रमोशन की डीपीसी हो गई है। अब 2934 प्राचार्यों की पोस्टिंग नए स्कूल शिक्षा मंत्री के लिए बडी चुनौती होगी।
स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए सरकार शिक्षकों और स्कूलों का युक्तियुक्तकरण करना चाहती है। स्कूल शिक्षा विभाग ने इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। मगर नगरीय निकाय चुनाव को देखते सरकार ने इसका क्रियान्वयन रोक दिया था। मगर अब चुनाव हो गए हैं, तो इसे भी लागू करना होगा। मुख्यमंत्री भी युक्तियुक्तकरण पर कई बार बयान दे चुके हैं। इसलिए, युक्तियुक्तकरण भी नए स्कूल शिक्षा मंत्री को करना होगा।
प्रोफेसरों के पद भी खाली
छत्तीसगढ़ के सरकारी कालेजों में प्रोफसर, असिस्टेंट प्रोफेसरों के पद बड़ी संख्या में खाली हैं। सरकारों ने वोट के लिए गांव-गांव में कॉलेजों की घोषणाएं कर महाविद्यालय खोल दिया मगर स्थिति यह है कि 10-10 साल से कॉलेजों में प्राध्यापक नहीं हैं।
नए स्कूल शिक्षा मंत्री कौन?
नए तीन मंत्रियों में अमर अग्रवाल, गजेंद्र यादव और पुरंदर मिश्रा का नाम सामने आ रहा है। इनमें से संकेत मिल रहे हैं, गजेंद्र यादव को स्कूल और उच्च शिक्षा मंत्री विभाग दिया जा सकता है। गजेंद्र दुर्ग शहर विधनसभा से पहली बार के विधायक हैं। संघ पृष्ठभूमि के साथ ही उन्होंने विधानसभा चुनाव 2023 में अरुण वोरा को 48 हजार मतों से हराया। वे पढ़े-लिखे हैं। 2003 में उन्होंने पं0 रविशंकर विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट किया है।