Chhattisgarh DGP: DGP अशोक जुनेजा को मिलेगा छह महीने का एक्सटेंशन! जानिये दूसरे एक्सटेंशन मिलने का कारण क्या है?

Chhattisgarh DGP: DGP अशोक जुनेजा को मिलेगा छह महीने का एक्सटेंशन! जानिये दूसरे एक्सटेंशन मिलने का कारण क्या है?

Chhattisgarh DGP: रायपुर। छत्तीसगढ़ के नए डीजीपी के लिए राज्य सरकार ने तीन आईपीएस अधिकारियों का पेनल यूपीएससी को भेज दिया है। यूपीएससी में इस पर मीटिंग के लिए अभी डेट तय नहीं किया है।

यूपीएससी में नाम फायनल होने के बाद फाइल मिनिस्ट्री ऑफ होम जाएगी, फिर वहां से होते हुए छत्तीसगढ़ आएगी। मुख्यमंत्री उस पेनल में से जिसे चाहेंगे, उस नाम पर टिक लगा देंगे।

30 साल की सेवा पूरी करने वाले जिन तीन आईपीएस अधिकारियों के नाम यूपीएससी भेजे गए हैं, उनमें पवनदेव, अरुणदेव गौतम और हिमांशु गुप्ता शामिल हैं। यूपीएससी की मीटिंग से पहले अगर जीपी सिंह की डीई खत्‍म हो गई तो एक नाम उनका भी जुड़ सकता है। क्योंकि, डीई समाप्त होते ही ग्रेडेशन लिस्ट में उनका नाम भी आ जाएगा और यूपीएससी खुद भी उनके नाम पर विचार कर सकता है, इसके लिए वह फ्री है।

मगर इससे पहले डीजीपी अशोक जुनेजा को दूसरा एक्सटेंशन मिलने की खबरें तेज हो गई है। इस खबर की कोई पुष्टि नहीं कर रहा मगर चर्चाएं ब्यूरोक्रेसी में इशारे में बताया जा रहा कि अमित शाह अभी अशोक जुनेजा को रिटायर करने के पक्ष में नहीं हैं।

जुनेजा को सितंबर 2024 को ऐसे वक्त में भारत सरकार से एक्सटेंशन मिला था, जब राज्य सरकार सीनियरिटी के हिसाब से अरुणदेव गौतम को प्रभारी डीजीपी बनाने की तैयारी शुरू कर चुकी थी। गृह विभाग को इसके लिए नोटशीट बनाने का निर्देश जारी हो चुका था। तब तक केंद्र ने जुनेजा के एक्सटेंशन का प्रस्ताव मंगा लिया। इसके बाद नए डीजीपी का चेप्टर छह महीने के लिए क्लोज हो गया।

जुनेजा को दूसरा एक्सटेंशन क्यों?

जुनेजा के दूसरे एक्सटेंशन की चर्चाओं के पीछे सबसे बड़ी वजह यही मानी जा रही है कि देश के ताकतवर नेता और केंद्रीय मंत्री अमित शाह का ड्रीम प्रोजेक्ट है…देश नक्सलमुक्त हो जाए। लोकसभा चुनाव में भी अमित शाह ने लगभग हर सभाओं में इसका जिक्र किया और कहा कि हमारी सरकार दूसरी बार बनी तो हम मार्च 2026 तक देश को नक्सल मुक्त कर देंगे। और सरकार बन भी गई।

जाहिर है, देश का सबसे बड़ा नक्सल प्रभावित स्टेट छत्तीसगढ़ ही है। देश के 38 नक्सल जिलों में छत्तीसगढ़ के 15 जिले हैं। याने लगभग आधे। इसको देखते एक बार फिर जुनेजा को एक्सटेंशन की चर्चाएं शुरू हो गई है।

अमित शाह इस हफ्ते की शुरूआत में दो दिन के छत्तीसगढ़ दौरे में थे। ये दूसरा मौका होगा, जब महीन भर के भीतर वे दूसरी बार छत्तीसगढ़ आए। इससे समझा जा सकता है कि बस्तर और नक्सली उनकी कितनी प्रायरिटी में है। उन्हें भी पता है कि नक्सली अब बस्तर में ही बच गए हैं।

वाकई, मार्च 2026 तक बस्तर अगर नक्सली मुक्त हो गया तो अमित शाह के माथे पर एक बड़ी उपलब्धि दर्ज हो जाएगी। इतिहास के पन्ने में यह दर्ज होगा कि जो काम 40 साल में नहीं हो पाया, उसे अमित शाह ने कहा और किया।

मार्च 2026 में अभी 15 महीना बचा है। इसमें नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक आपरेशन में अगला छह महीना काफी अहम होगा। इस स्थिति में समझा जा सकता है कि कोई भी गृह मंत्री डीजीपी को क्यों रिटायर होने देगा। वह भी जब अमित शाह जैसे सर्वशक्तिमान केंद्रीय गृह मंत्री हो। अशोक जुनेजा भी नक्सल मोर्चे पर सक्रिय हैं ही, मैदानी पोलिसिंग को लेकर भी काफी एक्टिव हो चुके हैं। इससे भी उनके दूसरे एक्सटेंशन को बल मिल रहा है।

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